कश्मीर वैली: निजी संपत्ति की सुरक्षा में लगे बिना वर्दी, निहत्थे आरपीएफ जवान, अब तक नहीं उठाया गया कोई उचित कदम!
आरपीएफ जवानों को नहीं मिलते हैं गैस सिलेंडर और बुखारी, पता लगाया जाए कि यह सब जाते कहां हैं?
“कश्मीर वैली में बिना वर्दी, बिना हथियार आरपीएफ की पेट्रोलिंग! आतंकी हमले पर कौन होगा जिम्मेदार?” शीर्षक से 18 जनवरी 2022 को प्रकाशित खबर का एक महीने बाद भी रेल प्रशासन अथवा सुरक्षा निदेशालय, रेलवे बोर्ड द्वारा अब तक कोई संज्ञान नहीं लिया गया है। परिणामस्वरूप आरपीएफ जवानों को असुरक्षित स्थिति में ड्यूटी करनी पड़ रही है।
कश्मीर वैली में आरपीएफ जवानों से रात के समय बिना वर्दी और बिना हथियार के निहत्थे उस रेलवे सेक्शन में नाइट पेट्रोलिंग करवाई जा रही है, जो अब तक रेलवे को सुपुर्द भी नहीं हुआ है। अब तक जो रेलवे की प्रापर्टी नहीं है।
आरपीएफ सूत्रों का कहना है कि “अब तक कुछ नहीं हुआ है, प्रशासन द्वारा कोई कदम नहीं उठाया गया है, उसी असुरक्षित स्थिति में जवानों को ड्यूटी करनी पड़ रही है।” उनका कहना है कि पेट्रोलिंग वाले मामले में इंचार्ज पूरी तरह से मनमानी कर रहे हैं, केवल जवानों को बिना हथियार के भेजा जाता है और अधिकारी उन्हें जबरदस्ती दबाव बनाकर रोजाना अपने सेक्शन से बहार भेजते हैं।
सूत्रों ने बताया कि सेक्शन से बहार जाने को लेकर जीआरपी के साथ रोज आरपीएफ जवानों की बहस होती है, फिर वे अपने अधिकारी को फोन करते हैं, फिर उनके साथ जाने का दबाव बनाया जाता है, न जाने पर कार्यवाही करने की धमकी दी जाती है, फिर वापसी में अकेले रात में बिना हथियार के 5 से 6 किमी अकेले चलकर पोस्ट पर आते हैं।
उल्लेखनीय है कि उपरोक्त शीर्षक खबर प्रकाशित होने के बाद कोई उचित कदम उठाने के बजाय पीसीएससी, उत्तर रेलवे ने “जोनल रेलवे पुलिस मुख्यालय, कश्मीर” के एसएसपी/जीआरपी/कश्मीर द्वारा 22.01.2022 को जारी की गई एक प्रेस विज्ञप्ति की प्रति भेजकर यह बताने की कोशिश की कि वहां ओएचई की चोरी होती है, जिसके लिए वहां दर्ज 9 एफआईआर के अंतर्गत जीआरपी कश्मीर और आरपीएफ ने मिलकर 21 कथित आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
परंतु उन्होंने यह नहीं बताया कि जो सेक्शन अब तक रेलवे को सुपुर्द नहीं हुआ है, जो फिलहाल अधिकृत रूप से रेलवे प्रॉपर्टी नहीं है, वहां आरपीएफ जवानों की ड्यूटी लगाने का औचित्य क्या है? उन्होंने यह भी नहीं बताया कि जवानों के लिए जो आवश्यक सामग्री भेजी जाती है, वह कहां जाती है, उन्हें क्यों नहीं दी जाती है? उन्होंने यह भी नहीं बताया कि बिना वर्दी और बिना हथियार निहत्थे आरपीएफ जवानों को रात के समय ड्यूटी पर जाने के लिए क्यों बाध्य किया जाता है?
सुरक्षा निदेशालय, रेलवे बोर्ड इस मामले का अविलंब उचित संज्ञान लेकर बल सदस्यों की न केवल परेशानियों को दूर करे, बल्कि इस तरह हो रहे उनके उत्पीड़न और मैनपावर के दुरुपयोग तथा भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगाया जाए। यह गंभीर जांच का विषय है कि निजी संपत्ति की सुरक्षा के लिए आरपीएफ जवानों का उत्पीड़न क्यों और किस निजी स्वार्थ साधन के लिए किया जा रहा है?
यह भी पढ़ें: “वहां किया ही क्यों जा रहा है इलेक्ट्रिफिकेशन!“
#RPF #DGRPF #USBRL #Kashmir