पीईडी/सेफ्टी/रे.बो. अमित वरदन ने किया गोरखपुर क्षेत्र का संरक्षा निरीक्षण
गोरखपुर ब्यूरो: संरक्षा – रेल प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। भारतीय रेल में संरक्षा कार्य योजना विकसित की जानी है तथा संरक्षा में सुधार के प्रयास में लघु, मध्यम एवं लंबी अवधि की कार्य योजना तैयार करने के परिप्रेक्ष्य में प्रमुख कार्यकारी निदेशक/संरक्षा, रेलवे बोर्ड, अमित वरदन ने 7-8 फरवरी, 2023 को गोरखपुर क्षेत्र में संरक्षा निरीक्षण किया।
इस संदर्भ में 7 फरवरी, 2023 को आयोजित संरक्षा कार्यशाला में प्रमुख मुख्य संरक्षा अधिकारी, पूर्वोत्तर रेलवे मुकेश मेहरोत्रा, वरिष्ठ मंडल संरक्षा अधिकारी, लखनऊ, इज्जतनगर एवं वाराणसी तथा मुख्यालय एवं मंडल स्तर के अन्य संरक्षा अधिकारियों के साथ उन्होंने संरक्षा पर विचार-विमर्श किया।
संरक्षा कार्यशाला में प्रमुख मुख्य संरक्षा अधिकारी मुकेष मेहरोत्रा ने रेल संरक्षा, पिछले दो संरक्षा अभियानों के दौरान पाई गई कमियों का विश्लेषण, संरक्षा श्रेणी के कर्मचारियों का प्रशिक्षण एवं संरक्षा सामग्री, आपदा प्रबंधन उपकरणों की पर्याप्तता, प्रशिक्षण एवं तैयारी, संरक्षा में सुधार के सुझाव तथा संरक्षा कार्य योजना विकसित करने के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए विस्तृत प्रस्तुतीकरण के साथ उपस्थित संरक्षा अधिकारियों से विचार-विमर्श किया।
चर्चा के दौरान अमित वरदन ने कहा कि संरक्षा संबंधी पाई गई कमियों को दूर करने तथा आने वाली समस्याओं के निदान हेतु किए जा रहे कार्यों से महाप्रबंधक को विशेष रूप से अवगत कराया जाए। कार्यशाला में लखनऊ, इज्जतनगर एवं वाराणसी मंडलों के वरिष्ठ संरक्षा अधिकारियों द्वारा संरक्षा के विशेष मदों पर प्रस्तुतीकरण दिया।
इस अवसर पर अमित वरदन ने 7 फरवरी को संरक्षा अधिकारियों के साथ गोरखपुर स्टेशन यार्ड, रूट रिले, इंटरलाॅकिंग बिल्डिंग, क्रू-लाबी, रनिंग रूम, प्वाइंट्स तथा क्रासिंग का संरक्षा निरीक्षण किया तथा सुधार हेतु आवश्यक निर्देश दिए।
8 फरवरी को संरक्षित रेल परिवहन, यात्रियों की सुरक्षा तथा यात्री सुविधाओं के समुचित प्रबंधन को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से प्रमुख कार्यकारी निदेशक/संरक्षा, रेलवे बोर्ड अमित वरदन द्वारा संरक्षा के दृष्टिकोण से कुसम्ही स्टेशन एवं निकटवर्ती समपार फाटकों का संरक्षा निरीक्षण किया गया।
उन्होंने कुसम्ही स्टेशन पर संरक्षा उपकरणों, अनुरक्षण रजिस्टर, ट्रेन परीक्षण सुविधा, ब्लॉक यंत्र, कैंसिलेशन विडर काउंटर, लीवर लॉक, क्रैंक हैंडल, स्टेशन पैनल, रिले रूम की ड्यूल लॉकिंग, आईपीएस रूम, अग्निशमन उपकरण, प्वाइंट्स एवं क्रासिंग रजिस्टर, विद्युत चाभी स्थानांतरण प्रणाली, चेतावनी बोर्ड एवं परिचालनिक व्यवस्था का निरीक्षण किया।
निरीक्षण के क्रम में उन्होंने कुसम्ही स्टेशन के पूर्वी एवं पश्चिमी केबिन पर स्थित समपार फाटकों पर संरक्षा संबंधी निरीक्षण किया जिसके अंतर्गत उन्होंने लीवर लॉक, बूम लॉकिंग, प्राइवेट नंबर स्थानान्तरण रजिस्टर, ईकेटी, सेफ्टी चेन, पटाखा संकेत एवं हैंड लैम्प सिग्नलों की जाँच की। उन्होंने कुसम्ही-सरदार नगर रेलखंड पर सरदार नगर से कनेक्टेड समपार फाटक सं.151-सी का निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान उन्होंने संरक्षा के सभी मानदंडों का परीक्षण करते हुए गेट पर उपलब्ध संरक्षा उपकरणों की जांच की। साथ ही समपार पर कार्यरत गेटमैन से फाटक टूटने अथवा फेल होने की दशा में बरती जाने वाली संरक्षा सावधानियां एवं कार्यप्रणाली पर संरक्षा प्रश्न पूछा और यथोचित उत्तर पाकर संतुष्ट हुए।
इस अवसर पर प्रमुख मुख्य संरक्षा अधिकारी मुकेश मेहरोत्रा, उप मुख्य संरक्षा अधिकारी (इंजी) विल्सन लागुन, उप मुख्य संरक्षा अधिकारी (विद्युत) मनोज मिश्रा, अपर मंडल रेल प्रबंधक (इंफ्रा) राहुल श्रीवास्तव, वरिष्ठ मंडल संरक्षा अधिकारी आशुतोष शुक्ला, वरिष्ठ मंडल इंजीनियर प्रथम ऋषि श्रीवास्तव, वरिष्ठ मंडल सिगनल एवं दूरसंचार इंजीनियर द्वितीय यशवीर सिंह समेत मंडल के वरिष्ठ पर्यवेक्षक एवं स्टेशन कर्मचारी उपस्थित थे।
फोटो परिचय(ऊपर): कार्यशाला को संबोधित करते हुए प्रमुख मुख्य कार्यकारी निदेशक/संरक्षा, रेलवे बोर्ड, अमित वरदन।