पूर्व मध्य रेलवे: मूढ़ों की बात का संज्ञान लेकर हरकत में आए अधिकारी, नीचे के कर्मचारियों पर बनाया अनावश्यक दबाव
मूढ़ों की बात पर अनावश्यक कवायद के बजाय पूर्व मध्य रेलवे के महाप्रबंधक सहित सभी संबंधित सक्षम अधिकारियों को सोनपुर मंडल के एक इंजीनियरिंग अधिकारी द्वारा फैलाए जा रहे बिरादरीवाद और कर्मचारियों को प्रताड़ित किए जाने का संज्ञान लेना चाहिए!
हाजीपुर से लगभग 15-16 किमी की दूरी पर सराय रेलवे स्टेशन के पास मूसलाधार बरसात के चलते नवनिर्मित बाउंड्री वॉल के ढ़ह जाने को स्थानीय मीडिया ने ड्राइंग-डिजाइन और तकनीकी कारणों को समझे बिना बात का बतंगड़ बना दिया।
कुछ मूढ़ों की निहित उद्देश्य से प्रसारित की गई खबर का संज्ञान लेते हुए पूर्व मध्य रेलवे के इंजीनियरिंग अधिकारियों ने भी नीचे के कर्मचारियों पर अनावश्यक दबाव बनाकर उन्हें दंडित और प्रताड़ित करने की तैयारी कर ली।
तथापि जब उन्हें यह पता चला कि जो भी काम हुआ है, किया गया है, वह पहले से निर्धारित ड्राइंग-डिजाइन के अनुरूप ही हुआ है, तब उन्होंने पूरे मामले को उचित दृष्टिकोण से देखा।
प्राप्त जानकारी के अनुसार यह कार्य 28 जून को शुरू किया गया था। फिर त्यौहार के लिए 7 जुलाई को सारा लेबर वापस चला गया था। उनके लौटने के बाद 16 जुलाई 2022 को फिर से काम शुरू किया गया था।
इसी बीच 20 और 21 जुलाई को लगातार मूसलाधार बरसात हो गई, जिसमें ताजा-ताजा बनाई गई दीवार गढ्ढ़े की तरफ पलट गई। बाउंड्री वॉल की ईंटों की चुनाई का कार्य पूरा हो जाने के बाद बैक फिलिंग मिट्टी से होनी थी।
इसी बीच भारी बरसात होने के चलते जो भीतर की तरफ प्लेटफॉर्म की दोनों दीवारों के बीच भराई की गई थी और अतिरिक्त बालू हाइट करके नई बनाई जा रही बाउंड्री वॉल वाली ईंट की दीवार के किनारे वाले अंदर के पोर्शन में भरने के लिए रखी गई थी, उसने पानी के तेज बहाव के चलते नई दीवार की तरफ स्लाइड कर जाने से निर्माणाधीन दीवार को गढ्ढ़े की तरफ धकेल दिया।
इसके अलावा नई बनाई जा रही दीवार के पीछे गढ्ढ़े की तरफ बिना सूचना के ही विद्युत विभाग द्वारा अपने सप्लाई केबल को ले जाने के लिए (प्रोटेक्शन के लिए) लगभग एक मीटर से अधिक गहरा गढ़्ढ़ा बनाकर रखा गया था, उसमें बारिश का पानी जमा होने से भी यह घटना घटित हुई, जो पानी का जमाव हटते ही ठीक कर लिया जाएगा। यह जानकारी सक्षम कर्मचारियों ने दी है।
जानकारों का कहना है कि “ड्राइंग के अनुरूप ही सभी कार्य हो रहे थे। यह सारी खबर प्रायोजित है और ठेकेदार से आर्थिक लाभ के उद्देश्य से प्रसारित की गई है। परंतु उन लोगों से जब किसी ने संपर्क नहीं किया तो उन्होंने इसे आगे यू-ट्यूब और ट्विटर पर भी डाल दिया, जिससे ठेकेदार सहित रेल प्रशासन पर अतिरिक्त दबाव बनाया जा सके। बाकी उक्त खबर का कोई तकनीकी आधार नहीं है।”
उनका यह भी कहना है कि सिग्नल डिपार्टमेंट और रेलटेल द्वारा उक्त स्थान पर अपना केबल होने का हस्ताक्षरित ड्राइंग बनाकर दिया गया था। ऐसी स्थिति में 14 मीटर की दूरी तक पाईल करके कोई भी फाउंडेशन बनाया ही नहीं जा सकता था।
इसके अलावा 11 मीटर के बाद तलाबनुमा गढ़्ढ़ा वहां पहले से ही मौजूद था। ऐसी परिस्थितियों में ही सेफ्टी के अनुरूप कोई भी केबल कट जाने के बाद ट्रेन यातायात बंद न हो जाए, इसे ध्यान में रखकर रॉफ्ट फाउंडेशन बनाते हुए यह कार्य प्रारंभ किया गया था।
उन्होंने कहा कि इस काम में तकनीकी रूप से कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। फिर अनावश्यक पिलर देकर रेल का पैसा क्यों व्यर्थ में खर्च हो, इस उद्देश्य से ही बाउंड्री वॉल के अनुरूप डिजाइन करते हुए यह कार्य किया गया। तथापि स्थानीय मीडिया के मूढ़ों की मूढ़ता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिसे वे 500 फीट का डैमेज बता रहे हैं, वह ड्राइंग के अनुसार केवल 180 फीट है।
तथ्यों की उचित जांच-पड़ताल किए बिना ही निहित उद्देश्य से खबर प्रसारित करने वाले मूढ़ों की बात पर अनावश्यक कवायद शुरू करके नीचे के कर्मचारियों को प्रताड़ित करने के बजाय जीएम/ईसीआर सहित पूर्व मध्य रेलवे के संबंधित सक्षम अधिकारियों को सोनपुर डिवीजन में एक सीनियर डीईएन द्वारा फैलाए जा रहे बिरादरीवाद और कर्मचारियों को प्रताड़ित किए जाने का संज्ञान लेना चाहिए। उन्हें किसी जेई/एसएसई के मातहत पदस्थ करके उनसे यह पूछा जाए कि अपने मातहत के नीचे पदस्थ होकर उन्हें कैसा लग रहा है! जीएम और सक्षम अधिकारी अगर ब्रांच अफसरों द्वारा की जा रही मातहत कर्मचारियों की विभागीय प्रताड़ना पर उचित ध्यान दें, तो उनसे बेहतर कार्य परिणाम हासिल हो सकते हैं। क्रमशः
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