दिसंबर 2022 के अंत तक झांसी-कानपुर रेलखंड का दोहरीकरण पूरा होने की उम्मीद बढ़ी
पामां-भीमसेन के बीच नई दोहरीकृत रेल लाइन के निर्माण कार्य का सीआरएस निरीक्षण संपन्न
प्रयागराज ब्यूरो: रेल संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) लतीफ खान द्वारा 14 जुलाई 2022 को वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी कानपुर दोहरीकरण योजना के अंतर्गत पामां-भीमसेन रेल खंड के मध्य नवनिर्मित 17.238 किमी रेल खंड का निरीक्षण किया गया। इस दौरान उक्त खंड पर शीघ्र ही पूरे किए गए दोहरीकरण कार्य तथा नए निर्मित स्टेशन भवन के निर्माण कार्य का निरीक्षण किया गया।
इस निरीक्षण के दौरान पामां-भीमसेन रेल खंड के अंतर्गत ट्रैक्शन, सिग्नल, गेट, ओएचई, ब्रिज, ट्रैक, पॉइंट्स आदि का गहन निरीक्षण किया गया। इस दौरान उन्होंने इंस्पेक्शन कैरिज तथा मोटर ट्राली से रेलखंड के अंतर्गत आने वाले पामां, रसूलपुर गोगामऊ तथा भीमसेन स्टेशन पर सभी प्रकार की नई संस्थापनाओं की परख की।
निरीक्षण के पश्चात संबंधित नव स्थापित ट्रैक पर 120 किमी प्रति घंटा कि गति से स्पीड ट्रायल करके ट्रैक की गुणवत्ता, राइडिंग क्वालिटी आदि की परख की गई। इस दौरान संरक्षा संबंधी संस्थापनाओं का सघन निरीक्षण कर उनकी परख की गई।
रेल संरक्षा आयुक्त की अनुमति के बाद यह नया दोहरीकृत रेल खंड एवं स्टेशन भवन यात्री गाड़ियों एवं मालगाड़ियों के सुरक्षित संचालन हेतु उपलब्ध होगा। इस दूसरी लाइन के खंड के प्रारंभ होने से वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी-कानपुर रेल खंड पर गाड़ियों के संचालन में सुगमता आएगी, गति मिलेगी तथा समय पालन में वृद्धि होगी।
वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी-कानपुर दोहरीकरण योजना के अंतर्गत उसरगाँव-कालपी-चौराह रेलखंड 15.31 किमी तथा मलासा-लालपुर-पामां 19.43 किमी रेलखंड पर दोहरीकरण कार्य प्रगति पर है, शेष कार्य पूर्ण कर लिया गया है। उक्त दोनों खंड पर कार्य को पूरा करने का लक्ष्य वर्ष 2022 के अंत तक रखा गया है। इसके बाद झांसी-कानपुर दोहरीकृत रेलखंड गतिशील, सुगम तथा समयबद्ध रेल संचालन सहित उपलब्ध होगा।
इसी क्रम में प्रमुख मुख्य विद्युत इंजीनियर एवं बिजली निरीक्षक भारत सरकार (उत्तर मध्य रेलवे) सतीश कोठारी द्वारा एक दिन पहले 13 जुलाई को पामां-भीमसेन रेलखंड के सघन निरीक्षण के बाद उक्त खंड पर 25 केवी सिंगल फेज ओएचई को ऊर्जाक्रित करने पर सहमति प्रदान की गई।