मुंबई मंडल, मध्य रेलवे ने मार लिया मैदान, ठाणे-दिवा 5वीं-6वीं लाइन का कार्य सफलतापूर्वक संपन्न
महाप्रबंधक/म.रे. अनिल कुमार लाहोटी के मार्गदर्शन और मंडल रेल प्रबंधक/मुंबई मंडल शलभ गोयल के नेतृत्व में चिरप्रतीक्षित ठाणे-दिवा के बीच में 5वीं और 6वीं लाइन का कार्य सफलतापूर्वक संपन्न हुआ और सोमवार, 7 फरवरी 2022 को इन दोनों लाइनों पर ट्रेनों का परिचालन शुरू हो गया। इस तरह अंततः मुंबई मंडल, मध्य रेलवे ने एक इतिहास रच दिया।
उल्लेखनीय है कि ठाणे-दिवा के बीच इस 5वीं-6वीं लाइन का प्रोजेक्ट वर्ष 2008 में रेलवे बोर्ड से सेंक्शन हुआ था। तमाम बाधाओं और अड़चनों को पार करते हुए आखिर यह प्रोजेक्ट लगभग 13 साल में मध्य रेलवे के महाप्रबंधक अनिल कुमार लाहोटी के मार्गदर्शन और मुंबई मंडल, मध्य रेल के मंडल रेल प्रबंधक शलभ गोयल के नेतृत्व में तमाम अधिकारियों-कर्मचारियों और कई कांट्रेक्टरों तथा सैकड़ों मजदूरों की कड़ी मेहनत से सफलतापूर्वक संपन्न हो पाया है।
मुंबई में कल्याण से छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) के बीच प्रतिदिन 144 मेल ट्रेनें (उत्तर भारत की ओर जाने-आने वाली 84 गाड़ियां तथा दक्षिण भारत की ओर जाने-आने वाली 60 गाड़ियां), 1472 सबर्बन ट्रेनें (कल्याण से सीएसएमटी के बीच चलने वाली 858 गाड़ियां तथा हारबर लाइन पर चलने वाली 614 गाड़ियां) तथा मुलुंड, वडाला और ट्रांबे की ओर अप-डाउन की करीब आठ मालगाड़ियां हैं।
इसके अलावा लाइट इंजन, मटेरियल ट्रेन, एम्प्टी रेक मूवमेंट इत्यादि यदि सभी पकड़ लें, तो करीब 1650 गाड़ियां वर्तमान ट्रैक पर कल्याण-सीएसएमटी के बीच में चलती हैं।
यानि मुंबई मंडल, मध्य रेलवे में एक मिनट से भी कम समय के अंतराल पर एक गाड़ी चलती है। मुंबई डिवीजन के पास पूर्व में कुर्ला और ठाणे के बीच 5वीं- 6वीं लाइन का निर्माण होने के बाद मालगाड़ी और मेल ट्रेनें उस पर चलने लगी थीं, जिससे कि आवागमन को काफी राहत मिली थी।
इसी तरह कल्याण और दिवा के बीच में भी 5वीं-6वीं लाइन कार्यरत होने के चलते – जिस पर कि माल गाड़ियों का भरपूर मूवमेंट होता है – एक बड़ी राहत मिली थी। लेकिन मुंब्रा की पहाड़ी और पारसिक टनल तथा भौगोलिक विषम परिस्थितियों के चलते दिवा और ठाणे के बीच में 5वीं-6वीं लाइन का कार्य करना बेहद जोखिमपूर्ण था।
यह कार्य भी मध्य रेलवे के अधिकारियों, इंजीनियरिंग विभाग की इच्छाशक्ति तथा एमआरवीसी के सहयोग के चलते काफी मशक्कत के बाद बड़ी मुस्तैदी के साथ और सफलतापूर्वक आखिर सोमवार, 7 फरवरी 2022 को संपन्न हुआ। यह मुंबई वासियों के लिए एक बहुत बड़ी राहत की खबर है।
निश्चित रूप से इसके लिए महाप्रबंधक/मध्य रेल अनिल कुमार लाहोटी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर इस महत्वपूर्ण कार्य को संपन्न करने के लिए प्रमुख मुख्य चीफ इंजीनियर/मध्य रेल, प्रमुख मुख्य परिचालन प्रबंधक/मध्य रेल मुकुल जैन, मंडल रेल प्रबंधक/मुंबई मंडल, मध्य रेल शलभ गोयल, एमआरवीसी के ईडी/सिविल एवं इस पूरे प्रोजेक्ट के एक्जीक्यूशन इंचार्ज विलास वाडेकर सहित मुंबई मंडल के सभी अधिकारी और कर्मचारीगण धन्यवाद एवं बधाई के पात्र हैं।
मुंबई मंडल में ठाणे-दिवा के बीच 5वीं-6वीं लाइन का कार्य काफी अरसे से प्रगति पर था, जो कि अंतिम 5 मेगा ब्लॉक के बाद क्रमशः 19 दिसंबर 2021 को 18 घंटे का मेगा ब्लॉक लेकर कलवा-मुंब्रा के बीच एक लाइन चालू की गई। उसके बाद 2 जनवरी 2022 को 24 घंटे का मेगा ब्लॉक लेकर अप एंड डाउन लोकल लाइनें कलवा-दिवा के बीच में चालू कर दी गईं।
तीसरा ब्लॉक 8 से 10 जनवरी 2022 को 36 घंटे का लिया गया, जिसमें ठाणे-दिवा के बीच में अप एंड डाउन लोकल लाइन पूरी तरह से चालू कर दी गई। चौथा ब्लॉक 23 जनवरी 2022 को 14 घंटे का लिया जिसमें की डाउन थ्रू लाइन शुरू की गई। और अंतिम पांचवां ब्लॉक 5 से 7 फरवरी 2022 के बीच में 72 घंटे का लेकर फाइनली सभी 6 लाइनें ठाणे-दिवा के बीच में सफलता पूर्वक कार्य करने लगीं।
अब तक जो पूर्व में ठाणे-दिवा के बीच लगभग एक किमी लंबी पारसिक टनल वाली 3री-4थी अप एंड डाउन थ्रू लाइन कहलाती थी, वह अब 5वीं और 6वीं लाइन के रूप में जानी जाएगी तथा इस पर अब केवल मेल/एक्सप्रेस एवं मालगाड़ियां चलेंगी। पहले दिवा से ठाणे के बीच, मुंब्रा-कलवा होते हुए जो पहली और दूसरी लोकल लाइन कार्यरत थी, वह अब तीसरी-चौथी अप एंड डाउन थ्रू लाइन के रूप में जानी जाएगी तथा दो नई लाइनें, जो दिवा और ठाणे के बीच बिछाई गई हैं, वह पहली एवं दूसरी लोकल लाइनें कही जाएंगी तथा उन ऊपर अब अप एंड डाउन स्लो लोकल ट्रेनें चलेंगी।
कहने को तो यह सेक्शन छोटा सा – मात्र 9 किमी – का है, परंतु इतने सघन ट्रैफिक मूवमेंट के बीच यात्रियों को निरंतर रेल परिवहन प्रदान करते हुए इस कार्य को करने में ठाणे-कलवा के बीच की खाड़ी पर एक नए ब्रिज का निर्माण किया गया। वहीं खाड़ी का एक ब्रिज विस्तारित किया गया तथा एक रोड ओवर ब्रिज को भी विस्तारित करते हुए गाड़ियों को कलवा तक पहुंचाया गया।
कलवा और मुंब्रा के बीच करीब डेढ़ किमी खाड़ी के ऊपर लंबे ब्रिज का निर्माण कर रेलवे इंजीनियरिंग ने अपनी कुशलता का प्रमाण दिया है। इसके अलावा मुंब्रा और दिवा के बीच खाड़ी के ऊपर एक नए ब्रिज का निर्माण किया गया। इसी तरह मुंब्रा-कलवा के बीच एक नई सुरंग का भी निर्माण किया गया है। यह संपूर्ण दुरुह कार्य एमआरवीसी द्वारा संपन्न किया गया।
इस कार्य में सबसे ज्यादा प्रशंसनीय बात यह है कि लगातार ट्रेक को अलग-अलग जगह काटना-जोड़ना, क्रॉसओवर डालना और नए ट्रैक पर सीधे तौर पर यात्री गाड़ियों को सफलतापूर्वक चला देना, यह किसी चमत्कार से कम नहीं है।
इस संपूर्ण कार्य के दौरान कभी भी न तो किसी भी तरह का कोई हादसा हुआ और न ही गाड़ियों का डिरेलमेंट, न ही किसी भी कर्मचारी या मजदूर की कैजुअलिटी हुई, न तो किसी तरह के डेंजर सिग्नल पासिंग का सामना करना पड़ा। इस कार्यकुशलता की जितनी प्रशंसा की जाए, उतनी कम है। इन सभी लाइनों पर ठाणे से दिवा के थोड़ा आगे तक, नए क्रॉस ओवर डाले गए हैं, वहां से अलग-अलग लाइनों पर गाड़ियों को डायवर्ट किया जा सकेगा।
इस नए अभियान में डाउन लोकल लाइन पर 24 सिग्नल, अप लोकल लाइन पर 25 सिग्नल, डाउन थ्रू लाइन पर 22 सिग्नल, अप थ्रू लाइन पर 24 सिग्नल, पुरानी अप एंड डाउन थ्रू लाइन, जो पारसिक टनल से होकर गुजरती है, जिसे अब 5वीं और 6वीं लाइन के नाम से जाना जाएगा, उसमें 5वीं लाइन पर 14 सिग्नल तथा 6वीं लाइन पर 18 सिग्नल का एक बड़ा जाल बिछाया गया है।
इस बीच में ठाणे में अनेकों क्रॉसओवर डाले गए हैं, जिससे कि गाड़ियों को विभिन्न लाइनों से विभिन्न लाइनों पर डाइवर्ट किया जा सकेगा। इसी तरह दिवा स्टेशन के पहले और बाद में भी अनेकों क्रॉसओवर डालकर गाड़ियों को डायवर्ट करने का एक सुगम तरीका खोजा किया गया है। यह सब कार्य जितना दिखने में आसान है, वास्तव में करने में उतना ही कठिन रहा है।
इस संबंध में “Railwhispers” को अधिकारियों एवं कर्मचारियों की कड़ी मेहनत की अनेकों अच्छी खबरों के साथ-साथ फील्ड में कार्यरत कुछ अनुभवी रेलकर्मियों से कुछ जरूरी सुझाव भी प्राप्त हुए हैं, जो कि संबंधित अधिकारियों के संज्ञान में लाना “Railwhispers” का आवश्यक कर्तव्य है, जिससे कि रेलयात्रियों के आवागमन को और सरल-सुगम तथा संरक्षित बनाया जा सकेगा।
1. इस संपूर्ण प्रक्रिया में अधिकांश सिग्नल जीएंडएसआर के अनुरूप लेफ्ट हैंड साइड ही लगाए गए हैं। जहां बहुत जरूरी रहा, वहीं पर गिने-चुने सिग्नल राइट हैंड साइड लगाए गए हैं।
2. इसमें नई टनल के तुरंत बाद अप थ्रू लाइन पर लगा हुआ सिग्नल के-3712 जो कि टनल की शुरुआत में ही चालक को दिख पाता है और वह करीब 170 मीटर लंबी टनल के तुरंत बाहर लगा हुआ है। चूंकि इसकी साइटिंग डिस्टेंस तो 230 मीटर मिलती है, लेकिन चालक को यह सिग्नल बेहद नजदीक नजर आता है, जो कि एक तनाव पैदा करता है।
3. 6वीं लाइन पर लगा हुआ दिवा S-50 सिग्नल काफी देर से दिखता है, और लगातार नहीं दिखता।
4. ठाणे S-70 सिग्नल भी काफी देरी से दिखता है, और अप थ्रू लाइन का S-65 पहले दिखकर चालक को दिग्भ्रमित करता है।
5. नई अप थ्रू लाइन पर S-82 सिग्नल भी दिगभ्रमित करता है।
6. ठाणे S-82 पर एरोमार्क लगाना अभी बाकी है।
7. अप लोकल लाइन का सिग्नल ठाणे S-72 पहले दिखता है, बाद में अप थ्रू का S-65 दिखता है, इससे भी चालक दिग्भ्रमित होता है।
8. दिवा S-7 सिग्नल ओएचई स्ट्रक्चर के अनावश्यक झुंड के चलते काफी दूर से दिखने के बाद में दिखना बंद हो जाता है, फिर काफी नजदीक आने पर ही दिख पाता है।
9. दिवा S-5 और S-7 के बीच में डाउन थ्रू लाइन पर जो ओएचई स्ट्रक्चरों का बंच बना हुआ है, उनमें से अनेकों इस्ट्रक्चर अकारण ही खड़े हुए हैं, उनको वहां से निकाला जा सकता है तथा चूंकि यहां कर्वेचर होने के कारण चालक को सिग्नल दिखने में कठिनाई होती है, अतः सभी 6 लाइनों के ऊपर एंड-टू-एंड ओएचई मास्ट डालकर बीच के अनेकों स्ट्रक्चरों को हटाया जा सकता है। संबंधित अधिकारी इस ओर गौर करेंगे, तो इस समस्या का बड़ी आसानी से निदान हो सकेगा।
10. इस प्रक्रिया में ओएचई स्ट्रक्चर पर किलोमीटर की प्लेट लगना अभी बाकी है। उम्मीद की जाती है कि यह कार्य भी शीघ्र ही हो जाएगा।
11. कहीं-कहीं हेक्टोमीटर के पत्थर गायब हैं। उम्मीद है कि ये चूंकि बेहद जरूरी पत्थर हैं, इन्हें कि शीघ्र अति शीघ्र लगा दिया जाएगा।
12. यदि ओएचई विभाग द्वारा डाउन थ्रू लाइन का, मुंब्रा-दिवा के बीच बना न्यूट्रल सेक्शन, कलवा-मुंब्रा के बीच में ले जाया जाता है, तो सुरक्षा की दृष्टि से बहुत कारगर सिद्ध हो सकता है। अन्यथा खाड़ी के ऊपर गाड़ी खड़ी रहने की स्थिति में कभी कैजुअलिटी होने की तीव्र संभावना है।
13. इसी तरह 6वीं लाइन पर दिवा-पारसिक के बीच में बना हुआ न्यूट्रल सेक्शन भी वहां से हटाकर या तो डोंबिवली-दिवा बीच में लाया जा सकता है, या फिर ठाणे-मुलुंड के बीच में लगाकर यात्री गाड़ियों के टनल में खड़े होने की स्थिति में संभावित दुर्घटना को डाला जा सकता है।
कुल मिलाकर यह कार्य बेहद प्रशंसनीय तथा मुंबई के उपनगरीय यात्रियों को पर्याप्त राहत दिलाने वाला साबित होने जा रहा है।
मुंबई मंडल, मध्य रेलवे पर दैनंदिन ट्रेनों का भार
UP & Dn Mail/Express trains
North-East – 84
South-East – 60
Suburban trains
Main line – 858
Harbour line – 614
Trans harbour line – 262
Belapur-Kharghar – 40
MEMU – 26
Total – 1800
In new time table numbers will go up to 1836 very soon.
Up & Dn goods train 8 number (only Mulund, Trombay, & Vadala)
So many light engine moment, material train movement, empty rake movement also done on existing lines.
प्रस्तुति : सुरेश त्रिपाठी
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