आर्टिफिशल इंटेलिजेंस के साथ अत्याधुनिक तकनीक से चलेंगी ट्रेनें -राजीव शर्मा
सिग्नल एवं टेलीकॉम विभाग के कर्मचारियों को रिस्क एंड हार्डशिप अलाउंस जरूर मिलेगा -एएम/एसएंडटी
इंडियन रेलवे एसएडंटी मेनटेनर्स यूनियन द्वारा 29 सितंबर को आयोजित “नेशनल सेफ्टी वीडियो कांफ्रेंस” में देश भर के सभी जोनों तथा मंडलों के 602 एसएंडटी कर्मचारियों ने हिस्सा लिया। इस वर्चुअल कांफ्रेंस के मुख्य अतिथि एएम/एसएंडटी राजीव शर्मा ने कांफ्रेंस में उपस्थित कर्मियों को लगभग एक घंटे तक संबोधित किया तथा आर्टिफिशल इंटेलिजेंस के साथ इंडियन रेलवे को अत्याधुनिक बनाने की संपूर्ण प्रक्रिया से एसएंडटी कर्मचारियों अवगत कराया।
उन्होंने पूरी भारतीय रेल में लगाए जा चुके तथा लगाए जा रहे अत्याधुनिक उपकरणों की संपूर्ण जानकारी देते हुए बताया कि अब तक 2000 स्टेशनों को इलेक्ट्रॉनिक इंटरलाॅकिंग से सुसज्जित किया जा चुका है। उन्होंने आने वाले समय में कहां-कहां सेंट्रलाईज ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम लगाए जाने वाले हैं की भी विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि आने वाले समय में ट्रेनें ऑटोमैटिक चलेंगी और ड्राइवर केवल बैठकर निगरानी करेंगे। भविष्य एसएंडटी डिपार्टमेंट का है।
उन्होंने युरोपीय ट्रेन सिस्टम, जो कि दिल्ली-मथुरा सेक्शन में लगाया गया है, की जानकारी देते हुए भारतीय ट्रेन सिस्टम को डेवलप करने के बारे में बताते हुए कहा कि दक्षिण रेलवे में इसका प्रयोग जारी है। उन्होंने कहा कि एक दो साल में भारतीय रेल का सिग्नलिंग सिस्टम पूरी तरह से अत्याधुनिक हो जाएगा तथा भारत के एक मात्र सेंट्रल ट्रेन सिस्टम (सीटीएस) का विस्तार करते हुए पूरी भारतीय रेल में करीब 30 सीटीएस का इंस्टालेशन युद्ध स्तर पर हो रहा है जिससे एक साल एक ही जगह से 30 से 35 स्टेशनों को सिग्नल दिया जा सकेगा और मानवीय भूल की कोई गुंजाइश नहीं रहेगी।
सेफ्टी पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि सेफ्टी एक कल्चर है। भारत के सभी स्टेशनों पर मैकेनिकल इंटरलाॅकिंग के स्थान पर बहुत जल्द इलेक्ट्रॉनिक इंटरलाॅकिंग लगाने की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी परंतु सेफ्टी को और मजबूत करने के लिए अत्याधुनिक उपकरण लगाए जा रहे हैं, जिससे रेलवे से दुर्घटना नाम की चीज ही खत्म हो जाएगी।
इसके साथ ही प्रोटेक्टिव मेंटेनेंस के बजाय भारतीय रेल अब प्रेडेक्टिव मेंटेनेंस की ओर बढ़ रही है। इसका प्रायोगिक प्रोटोटाइप वृंदावन स्टेशन पर लगाया गया है, जहां लोकेशन बाॅक्स में एक सेंसर लगाया गया है, जो कि अमेजन क्लाउड पर लगातार डाटा भेजता है, जो रिले रूम में लगे लेपटॉप के साथ कम्युनिकेट करता है। जैसे ही कोई उपकरण में खराबी आने वाली होती है, एक मैसेज जनरेट होकर सिग्नल इंजीनियर्स/टेक्नीशियंस को सूचना मिल जाती है और उपकरण को फेल होने से पहले ही रिपेयर कर दिया जाता है।
इंडियन रेलवे एसएंडटी मेनटेनर्स यूनियन के महासचिव आलोक चंद्र प्रकाश के अनुसार 28 नवंबर, 2018 को जिस दिन राजीव शर्मा ने एएम/सिग्नल का पद ग्रहण किया था, उसी दिन सिग्नल एवं टेलीकॉम कर्मचारियों को रिस्क तथा हार्डशिप अलाउंस दिए जाने के लिए एक पत्र जारी करते हुए सभी जोनों से पिछले तीन सालों में विभिन्न दुर्घटनाओं में मारे गए सिग्नल एवं टेलीकॉम कर्मचारियों की जानकारी मांगी थी। जिस पर राजीव शर्मा ने बताया कि विभाग के कर्मचारियों को रिस्क तथा हार्डशिप अलाउंस जरूर मिलेगा।
संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नवीन कुमार ने फील्ड में काम करने वाले कर्मचारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़ने के लिए राजीव शर्मा सहित सभी उपस्थित सहयोगियों का धन्यवाद किया।
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