आरपीएसएफ के चार सिपाही हुए कोरोना संक्रमित: पूरी बटालियन को चुपचाप सोलापुर रवाना किया गया

दो दिन पहले मुंबई मंडल, मध्य रेलवे की कर्नाक बंदर स्थित आरपीएसएफ बैरक में 4 सिपाही कोरोना संक्रमित पाए गए थे। इसके तुरंत बाद पूरी बटालियन को चुपचाप सोलापुर के लिए रवाना कर दिया गया, जिससे मीडिया को इसकी कोई भनक न मिल पाए। यह जानकारी हमारे विश्वसनीय सूत्रों ने दी है।

सूत्रों का यह भी कहना है कि मंडल में 10 सिपाही पहले से ही कोरेंटाइन हैं। बैरक में चारों तरफ भयानक गंदगी फैली हुई है। कोई सफाई कर्मचारी नहीं है। सिपाहियों को ही यह काम भी करना पड़ रहा है। मुंबई मंडल मध्य रेलवे में 30-33% स्टाफ बुलाने के निर्देशों को दरकिनार करके हर सिपाही को ड्यूटी पर तैनात किया जा रहा है।

Also Read: आरपीएफ में स्थानांतरण नीति के विरुद्ध अटैचमेंट का फायदा: अटैच्ड स्टाफ को लाखों रुपए के यात्रा भत्ते का भुगतान

सूत्रों का कहना है कि आरपीएसएफ की बटालियन को चुपचाप रवाना करने के बाद बैरक में कोई भी किसी भी प्रकार की व्यवस्था नहीं की गई है। न तो पूरी बैरक को, और न ही बैरक में उपलब्ध कुल छह टॉयलेट्स को भी सेनेटाइज नहीं किया गया है। यानि जानबूझकर उनको शहीदों में अपना नाम दर्ज कराने को मजबूर किया जा रहा है।

मामला तूल न पकड़े, इसलिए जो चार जवान कोरोना संक्रमित पाए गए थे, उनकी पूरी बटालियन को चुपचाप सोलापुर भेज दिया गया। जबकि उनके जाने के बाद बाकी आरपीएफ जवान अभी भी उसी बैरक में रह रहे हैं। उनकी न तो कोई देखरेख करने वाला है, न ही सुधि लेने वाला है, और न ही यह पूछने वाला है कि वह जिंदा भी हैं या मर गए! यह कहना है आरपीएफ जवानों का।

सीनियर डीएससी ऑफिस को यह तक पता नहीं है कि किसको ड्यूटी पर बुलाना है, किसको नहीं, अतः सभी जवानों को रोज एकसाथ ड्यूटी पर बुलाया जा रहा है। जबकि जवानों का कहना है कि खुद सीनियर डीएससी अपने चेंबर से न तो बाहर निकलते हैं, और न ही किसी को चेंबर में घुसने की अनुमति है।

उनका कहना है कि किसी का कोई ध्यान नहीं रखा जा रहा है, बल्कि सीनियर डीएससी का सिर्फ एक ही उद्देश्य है कि सब लोग ऑफिस आएं। जबकि लॉकडाउन के बाद जो जवान ड्यूटी पर आए, अथवा जो रेड जोन से भी जबरन ड्यूटी पर बुलाए गए, उनमें से भी किसी जवान का टेस्ट (मेडिकल परीक्षण) नहीं कराया गया है। उन्हें सिर्फ यह कहकर ड्यूटी पर भेज दिया गया कि “अपना काम करो, अन्यथा ड्यूटी में कोताही करने पर वेतन काट दिया जाएगा।”

कर्नाक बंदर आरपीएसएफ बैरक में फैली भीषण गंदगी से वहां जवानों को सांस लेना और जीना दुभर हो रहा है, वहीं इसकी साफ-सफाई और सेनेटाइजेशन करने के लिए मंडल का कोई आरपीएफ अधिकारी किसी तरह का कोई प्रयास करता हुआ भी नहीं दिखाई दे रहा है। लॉकडाउन के चलते सभी सफाई कर्मचारी नदारद हैं।

जवानों का यह भी कहना है कि यहां ड्यूटी पर बुलाने के लिए आरपीएफ जवानों की उम्र का भी कोई ध्यान नहीं रखा जा है। यहां तक कि जिनकी आयु 50-55 साल या उससे ज्यादा है, उन्हें भी जबरन ड्यूटी पर तैनात किया जा रहा है। मंडल के आरपीएफ जवानों का कहना है कि प्रशासन की कोई नीति नहीं है, उसका सिर्फ एक ही उद्देश्य है कि सबको बुलाओ और ड्यूटी पर लगाओ!

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=1462845703902103&id=100005300618865&sfnsn=wiwspwa&extid=7W47on6WP6bdSO5w

अलीपुरद्वार मंडल प्रशासन की तानाशाही के चलते रेलवे सुरक्षा बल के सिपाहियों को पूरे डिवीजन में किसी सुरक्षा उपकरण के बिना ड्यूटी करनी पड़ रही है। यात्रियों की स्क्रीनिंग और स्कैनर की रीडिंग की कोई भी जानकारी आरपीएफ सिपाहियों को बिलकुल भी नहीं है। रेलवे चिकित्सा विभाग के अधिकारी ओर कर्मचारी कोरोना के डर से अपने घरों या अस्पतालों में छिपे हैं। जबकि मंडलों एवं मुख्यालयों के आरपीएफ अधिकारी सिपाहियों पर मौखिक आदेश से दबाव बनाकर अनावश्यक काम ले रहे हैं।

RPF personnel deputed in Covid fight to be administered HCQ

Railway Protection Force (RPF) personnel, deputed as frontline workers in the fight against Covid-19 across India, will be administered Hydroxychloroquine (HCQ) as prophylaxis under strict medical supervision.

In a letter addressed to Principal Chief Security Commissioners (PCSCs) of all zones, Director General RPF, Arun Kumar, said the Ministry of Railway had taken up the issue of the use of HCQ. “It has now been decided that RPF/RPSF personnel in the frontline fight against Covid-19 may be prescribed HCQ as prophylaxis against corona infection,” the letter stated. It added the drug would be done only with the informed consent of the personnel.

In the letter, DG/RPF has further advised that the personnel using HCQ will have to approach medical practitioners if they develop any other symptoms, apart from those of Covid-19.

The RPF has been deployed for security inside trains and also entrusted with screening passengers at railway stations along with distributing food among the migrants and the destitute. So far, more than 500 RPF personnel across India have been tested positive for the coronavirus, while about 1000 others have been put on quarantine. There are 75,000 RPF and 20,000 Railway Protection Special Force personnel.

An official from the RPF, requesting anonymity, said, “We are awaiting further guidelines on how to go about it. But considering that there has to be informed consent under medical supervision, the RPF personnel will be encouraged to approach the railway health units.”

In Mumbai, RPF personnel will be asked to report to railway hospitals for consultation with physicians and only those found to be medically fit will be allowed to go ahead with it. “There will be no blanket approval for it. It will vary on case to case basis,” said another RPF official.

Until now, RPF personnel were administered two homeopathy medicines: Arsenicum album 30 and Camphora 1 m. They were also asked to follow the advice of the AYUSH Ministry and include a diet rich in vitamin C for improving immunity.

महानिदेशक, आरपीएफ ने निम्नलिखित निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करने का आदेश दिया है-

  1. आरपीएफ द्वारा कोई थर्मल स्कैनिंग नहीं की जाएगी।
  2. स्टेशनों के अंदर पार्किंग की अनुमति नहीं होनी चाहिए।
  3. यात्रियों के पारिवारिक सदस्यों को स्टेशन पर अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। जैसे, कोई प्लेटफार्म टिकट नहीं।
  4. आरपीएफ द्वारा 100% एस्कॉर्ट सुनिश्चित करें। भले ही जीआरपी एस्कॉर्टिंग हो, लेकिन आरपीएफ के एक जवान को जीआरपी एस्कॉर्ट पार्टी के साथ भेजा जाना चाहिए। पार्टी/आरपीएफ कर्मियों को यात्रियों के साथ पानी, भोजन या चिकित्सा संबंधी मुद्दों, यदि कोई हो, के बारे में तुरंत डीएससीआर को सूचित करना चाहिए।
  5. गृह मंत्रालय के अनुसार, रेलवे टिकट को ही कर्फ्यू पास माना जाएगा।
  6. वैध और कन्फर्म टिकट वाले यात्रियों को छोड़कर, प्लेटफॉर्म, सर्कुलेटिंग एरिया आदि में किसी भी व्यक्ति को आने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
  7. कुलियों की अनुमति नहीं है। यात्रियों को अपना सामान खुद ले जाना पड़ेगा।

डीजी/आरपीएफ द्वारा सभी आईपीएफ को उपरोक्त निर्देशों का सख्त अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए आदेशित किया गया है।