एमसीएफ: एक तरफ अपव्यय, दूसरी तरफ वेतन के अभाव में काम नहीं कर रहे प्राइवेट कर्मचारी

मॉडर्न कोच फैक्ट्री, लालगंज, रायबरेली में कमीशन कमाने के लिए कुछ भी हो रहा है। एमसीएफ के एमआर-2 में सभी 108 स्ट्रीट लाइट्स को एक तरफ से बदला जा रहा है। यह कार्य डिप्टी सीईई/पावर सप्लाई प्रेम सिंह मीणा के निर्देशानुसार सीनियर सेक्सन इंजीनियर तुलसी राम वर्मा द्वारा कराया जा रहा है।

कर्मचारियों का कहना है कि पुरानी लगभग सभी लाइटे जल रही हैं, और इन्हें लगाए हुए भी बहुत अधिक समय नहीं हुआ है, फिर भी में अधिकार का दुरुपयोग करके यह काम कराया जा रहा है।

उनका कहना है कि यह काम किसके दबाव में और किसके फायदे के लिए कराया जा रहा, जलती हुई स्ट्रीट लाइट बदलवाई जा रही है, कुछ समझ नहीं आ रहा। एक तरफ इसी विभाग में प्राइवेट फर्म सौमुख कंपनी द्वारा उनके अनुबंध पर रखे गए प्राइवेट कर्मचारियों का वेतन पिछले दो महीनों से नहीं दिया जा रहा, जिससे कर्मचारीयो ने शुक्रवार, 9 सितंबर को काम नहीं किया, दूसरी तरफ इस तरह से रेल राजस्व का अपव्यय किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि अधिकरी इस समस्या को सुलझाने पर असहाय मालूम पड़ते हैं, जबकि प्राइवेट कर्मचारियों का वेतन के अभाव में काम न करना, ऐसा यहां कई बार हो चुका है। इसका समुचित समाधान अधिकारी नहीं कर रहे हैं। इन लोगों की मिलीभगत भी है, लोगों में यह चर्चा का विषय है।

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