ज्यादा किराया देकर भी भेड़-बकरियों की तरह यात्रा करने को मजबूर हैं यात्री!

यात्रियों की मजबूरी का फायदा न उठाकर रेल प्रशासन द्वारा सर्वप्रथम सभी ट्रेनों को मार्च 2020 से पहले की स्थिति में पुनर्स्थापित किया जाए और यात्रियों को न्यूनतम यात्री सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। चलती ट्रेनों में अवैध वेंडर्स पर कड़ाई से लगाम लगाई जाए और साथ ही स्टेशनों पर यात्रियों से ओवर चार्जिंग को सख्ती से रोका जाए!

गाड़ी नं. 02168 अप को फेस्टिवल स्पेशल का नाम देकर बनारस से मुंबई के बीच चलाया जा रहा है। इस गाड़ी के दर्जनों यात्रियों ने रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव का ध्यान आकर्षित करते हुए यात्रा के दौरान लगभग 2 बजे गाड़ी से ही “रेलव्हिसपर्स.कॉम” को लिखकर अपनी व्यथा बताई।

उन्होंने लिखा, इस गाड़ी का किराया राजधानी एक्सप्रेस के किराए के लगभग बराबर लिया जा रहा है। सेकेंड एसी के लिए तकरीबन ₹2800 से ऊपर किराया चार्ज किया जा रहा है, मगर सुविधा के नाम पर इस गाड़ी में व्यवस्थाएं लगभग शून्य हैं।

उन्होंने लिखा है कि गाड़ी के एसी कोचों लगभग सभी टॉयलेट चोक्ड रहता है, ट्रेन में इनकी साफ-सफाई की कोई व्यवस्था नहीं है। पानी की बोतल बेचने अगर कोई वेंडर आता है, तो ₹15 की बोतल ₹20 में देता है। नासिक रोड स्टेशन पर भी पानी की बोतल 20 रुपये मे बेची जा रही है।

यात्रियों ने लिखा है कि यह ट्रेन 17.07.2021 को बनारस से सुबह 10 बजकर 10 मिनट पर निकली है। जबकि आज 18.07.2021 को अभी 13.50 बज चुके हैं, फिर भी यह गाड़ी अभी नासिक रोड पास हुई है।

उन्होंने लिखा है, इस गाड़ी को रोककर दूसरी गाड़ियों को पास किया जा रहा है। यात्रियों का सवाल है कि क्या इस गाड़ी में पैसेंजर नहीं है? किसी यात्री के पास खाने को कुछ भी नहीं है। गाड़ी में भी खानपान की कोई व्यवस्था नहीं है। सारे यात्री बुरी तरह परेशान हैं।

उन्होंने पूछा है कि ऐसा क्यों किया जा रहा है? जबकि कोरोना काल मे वैसे ही पब्लिक की कमर टूटी हुई है। फिर भी लोग इस ट्रेन से ज्यादा किराया देकर यात्रा करने को मजबूर हैं। अंतिम गंतव्य तक यह गाड़ी कब पहुंचेगी, इसका पता नहीं है।

उन्होंने रेलमंत्री से निवेदन किया है कि यदि किराया राजधानी के बराबर लिया जा रहा है, तो यात्रियों की सुविधा और समय का भी ध्यान दिया जाना चाहिए। यात्री भेड़-बकरियों की तरह यात्रा करने को क्यों मजबूर हो रहें हैं?

रेल प्रशासन को यात्रियों की मजबूरी का फायदा न उठाकर सर्वप्रथम सभी ट्रेनों को कोरोना काल अर्थात मार्च 2020 से पहले की स्थिति में पुनर्स्थापित किया जाना चाहिए और यात्रियों को न्यूनतम यात्री सुविधाएं उपलब्ध कराई जानी चाहिए। इसके अलावा, चलती ट्रेनों में अवैध वेंडर्स पर कड़ाई से लगाम लगाई जाए और साथ ही स्टेशनों पर वस्तुओं की ओवर चार्जिंग को सख्ती से रोका जाए।

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