NRCH द्वारा खरीदे गए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स कहां गए?

भ्रष्टाचार और फेवर का एक बड़ा अड्डा “रेलवे स्वास्थ्य सेवा”

खबर है कि एनआरसीएच द्वारा हाल ही में बड़ी संख्या में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स खरीदे गए हैं। बताते हैं कि यह ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स काफी महंगी दरों पर खरीदे गए हैं।

यह ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स एनआरसीएच में भर्ती कोविद पॉजिटिव मरीजों (रेलकर्मियों-अधिकारियों) को ऑक्सीजन सपोर्ट देने हेतु मंगाए गए हैं।

परंतु अस्पताल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इनमें से ज्यादातर ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स वरिष्ठ रेल अधिकारियों के आवासों में पहुंचा दिए गए हैं?

जानकारों का कहना है कि मरीजों के नाम पर सुविधाओं की बंदरबांट का यह कोई नया मामला नहीं है। ऐसा पहले भी होता रहा है।

सूत्रों का कहना है कि ज्यादातर जरूरी मेडिकल सुविधाओं का उपभोग सीनियर अधिकारियों द्वारा किया जाता है। उन्होंने बताया कि इसी प्रकार पिछले साल कोविद के शुरुआती दिनों में इसके लिए जब एचसीक्यूएस टैबलेट्स देने की सिफारिश की गई थी, तब भी थोक की थोक यह टैबलेट्स अधिकारियों के घरों में भेज दी गई थीं, मगर जब यह कहा गया कि डॉक्टरों की सलाह के बिना कोई मरीज यह टैबलेट्स नहीं ले, तब अधिकारियों ने यह सारी टैबलेट्स अस्पताल को लौटा दी थी।

उनका कहना है कि डॉक्टर इस प्रकार का फेवर करके वरिष्ठ अधिकारियों को एक तरह से रिश्वत देते हैं और फिर उनसे अपने लिए फेवर पाते हैं। यही वजह है कि जो डॉक्टर जहां ज्वाइन करता है, 35-40 साल की सर्विस के बाद वहीं से रिटायर होता है। इस तरह “रेलवे स्वास्थ्य सेवा” वर्षों से भ्रष्टाचार और फेवर (गिव एंड टेक) का एक बड़ा अड्डा बनी हुई है।

उनका कहना है कि जरूरत इस बात की है कि रेलमंत्री, सीआरबी सीईओ और जीएम स्तर पर प्रत्येक कोविद पॉजिटिव रेलकर्मी और अधिकारी से सीधे संवाद स्थापित किया जाए, तभी ऐसी अफरा-तफरी पर थोड़ी बहुत लगाम लग सकती है।

उन्होंने यह भी कहा कि इसके अलावा जरूरत इस बात की भी है कि “डॉ रुष्मा टंडन को एनआरसीएच के प्रशासनिक पद से अविलंब हटाया जाए और सीईओ/रेलवे बोर्ड उन्हें संरक्षण देना फौरन बंद करें।”

रेलवे बोर्ड ने इस दरम्यान एक अच्छा निर्णय लेते हुए जोनल, डिवीजनल एवं सब-डिवीजनल रेल अस्पतालों में ऑक्सीजन जनरेटिंग प्लांट लगाने के लिए वित्त वर्ष 2021-22 हेतु जोनल जीएम्स का वित्तीय अधिकार ₹50 लाख से बढ़ाकर ₹2 करोड़ कर दिया है। उम्मीद है कि यह काम युद्धस्तर पर किया जाएगा और इसे आपदा में अवसर नहीं तलाशा जाएगा!

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