अधिकारी-वेंडर-नेक्सस का नया स्वरूप-अधिकारी स्वयं बना वेंडर, भाग-3

#Advisor साहब के आशीर्वाद से गणेश बाबू और #RKRai के संरक्षण से रवि बाबू रेल सर्विस में रहते हुए बिजनेसमैन बने!

A unique pic of rail-businessman officers: Shriman Ravi Prakash Bharati (in black sadari) and Shriman Ganesh Babu (in white shirt).

रेल में सर्विस करते-करते अधिकारी व्यापारी बन गए, लंबे समय से एक ही जगह एक ही शहर और एक ही जोन/उत्पादन इकाई में रहकर अपना बहुत मजबूत स्थानीय नेटवर्क-नेक्सस बना लिया, ऊपर से ऐसे लोगों को जोनल विजिलेंस सहित बोर्ड विजिलेंस में बैठे भ्रष्ट अधिकारियों का संरक्षण और वरदहस्त मिलता रहा, यह सब इसलिए संभव हो पा रहा है, क्योंकि रेलवे बोर्ड और जोनों में ऊपर बैठे वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों ने अपनी जिम्मेदारी का उचित निर्वाह नहीं किया, निर्धारित समय पर रोटेशन करने में वे पूर्णतः असफल रहे, और आज भी हैं!

#Railwhispers ने अधिकारी-वेंडर-नेक्सस, अधिकारी-अधिकारी-नेक्सस, अधिकारी-कर्मचारी-नेक्सस और अधिकारी-यूनियन नेता-नेक्सस के बारे में कई लेख प्रकाशित किए हैं। #Railwhispers ने यह भी बताया कि खान मार्केट गैंग (#KMG) के पीछे यह नेक्सस ही प्रधानता से पाए गए हैं। विजिलेंस अधिकारी मूकदर्शक रहे, क्योंकि उन्हें उनका हिस्सा और हिसाब दोनों मिल रहा था, मगर उनके अलावा मंत्री जी के वर्तमान एडवाइजर सुधीर बाबू जैसे अन्य सीनियर अफसरों का भी संरक्षण ऐसे वेंडर बने अफसरों को मिला। अगर ऐसा नहीं था, तो सुधीर बाबू के खास चेले गणेश बाबू और आर. के. राय के विशेष चेले रवि प्रकाश भारती महाशय रेल सर्विस में रहते बिजनेसमैन कैसे बन गए?

#Railwhispers ने श्रीमान #RKRai और उनके विशेष चेले श्रीमान #RPBharti पर दो लेख प्रकाशित किए, जिनमें #Railwhispers ने बताया कि कैसे यह अधिकारी रेल के वेंडर बनें हैं। यहां उन लेखों का एक बार पुनः अवलोकन करें-

अधिकारी-वेंडर-नेक्सस का नया स्वरूप-अधिकारी स्वयं बना वेंडर! भाग-2

अधिकारी-वेंडर-नेक्सस का नया स्वरूप-अधिकारी स्वयं बना वेंडर!

#Railwhispers ने उपरोक्त लेख में और ट्वीट करके यह भी संकेत दिया था कि अगले लेख में #Advisor साहब के अनन्य चहेते अधिकारी द्वारा रेल के साथ किए जा रहे बिजनेस पर प्रकाश डाला जाएगा, जो कि वर्तमान में #DRM/चेन्नई हैं!

तो मिलिए श्रीमान गणेश सहाय साहब से !

Shriman Ganesh, IRSEE 1991 Batch, at present DRM/MAS.

यह गणेश सहाय साहब अपने को केवल ‘गणेश’ कहलाना पसंद करते हैं। ऑक्टोपस की तरह रेल में चौतरफा अपने धंधे के पंजे फैलाने वाले यह गणेश बाबू 1991 बैच के #IRSEE अधिकारी हैं! पूर्व रेलवे से इनका पदार्पण भारतीय रेल में हुआ! बाद में इन्होंने अपना जोन बदलवाकर उत्तर रेलवे को अपना स्थाई सर्विस सेंटर बना लिया और लंबे समय तक कानपुर में रहे। काम में जितने तेज रहे, उतने ही बड़े मृदुभाषी भी रहे, इसीलिए अपने उच्चाधिकारियों पर इनकी हमेशा बहुत अच्छी पकड़ भी रही।

कानपुर में रहने के कारण #Advisor साहब से इनकी बहुत घनिष्ठता भी हो गई। वैसे भी रेलवे में TRS के अधिकारियों ने हमेशा अपने आपको अन्य सबसे ऊंचा माना।

गणेश बाबू का 100 बेड का एक शानदार हॉस्पिटल है कानपुर में, जिसे इनकी धर्मपत्नी श्रीमती निधि भटनागर पार्टनरशिप में चलाती हैं।

गणेश बाबू का #AIPR जो #Sparrow से लिया गया है, वह यह है-

गणेश बाबू का Sparrow से लिया गया प्रॉपर्टी रिटर्न (AIPR)

इसमें एक ही प्रॉपर्टी दर्शाई गई है, जिसका पता है:

WEST BENGAL, KOLKATA, ULUBERIA PIRPUR, 295 AND 296, 144/236, JL-23, MOUZA- PIRPUR, ULUBERIA, DIST-HOWRAH, WEST BENGAL 711315.

अब देखें इस पते को:

Plot. No. 295 & 296 under R. S. Khatian No. 144 & 233 and L. R. Khatian No. 236 &168/1 and L. R. Khatian No. 23 Mauza Pirpur Howrah WB 711303 IN

इस पते पर चलती है- Textech Insulation Manufacturing Pvt. Ltd., इसके डायरेक्टर हैं-

Textech Insulation Mfg Pvt Ltd के डायरेक्टर

अब दूसरा पता देखें:

Plot No. O/PR-2 Sector-O, Awas Vikas Keshavpuram Post Office- Rawatpur, Kanpur, UP 208019 IN

यह पता है- Heavy Electro Works Private Limited का। इसके डायरेक्टर्स हैं-

हैवी इलेक्ट्रो वर्क्स प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर

अब जरा इस पते को देखें:

O/PR-2, near KDMA World School, Awas Vikas Keshav Puram, Kanpur, Uttar Pradesh 208019

यह पता है- #Lifetron_Hospital, कानपुर का। यह हॉस्पिटल Dwarka Prasad Health Cares & Research Pvt. Ltd. Company की एक इकाई है। श्रीमती निधि भटनागर किन कंपनियों की डायरेक्टर हैं?

श्रीमती निधि भटनागर किन कंपनियों से संबंधित हैं!

अब देखते हैं, श्रीमती साधना भटनागर जी को-

श्रीमती साधना भटनागर किन कंपनियों से संबंधित हैं!

श्रीमती निधि भटनागर जी कानपुर की एक प्रतिष्ठित डॉक्टर हैं और श्रीमान गणेश की धर्मपत्नी हैं। निधि जी #Lifetron_Hospital की पार्टनर हैं, जो कि इनकी डायरेक्टर प्रोफाइल से स्पष्ट है। यह बहुत अच्छी बात है कि रेल परिवार से एक इतना सफल डॉक्टर निकला!

लेकिन पेंच कुछ और हैं-

#Railwhispers ने #IREPS पर ढूंढ़ा – इस लेख को सरल रखने के लिए बहुत सारे ऑर्डर नहीं निकाले गए हैं। #Railwhispers बस यह कहना चाहता है कि ये जो परचेज ऑर्डर (#PO) पूर्व रेलवे से मिला है, उस समय श्रीमान गणेश पूर्व रेलवे में ही कार्यरत थे। ध्यान दें कि इस कंपनी का एड्रेस श्रीमान गणेश के प्रॉपर्टी रिटर्न पर है!

#Textech Insulation Mfg Pvt Ltd को #IREPS से मिले ऑर्डर!

अब दूसरी कंपनी को देखते हैं-

#Heavy Electro Works Pvt Ltd को #IREPS से मिले ऑर्डर!

इस कंपनी का पता और श्रीमान गणेश की धर्मपत्नी श्रीमती निधि भटनागर के हॉस्पिटल का पता एक ही है।

दोनों कंपनियों के  बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में डॉ निधि भटनागर और श्रीमती साधना भटनागर हैं। साधना जी, निधि भटनागर की माताजी हैं।

अब प्रश्न यह है कि क्या कोई रेल अधिकारी रेल सर्विस में रहते हुए रेल के साथ व्यवसाय कर सकता है? क्या भारत सरकार का कंडक्ट रूल इसकी अनुमति देता है? अगर नहीं, तो रेल का सिस्टम, रेल का विजिलेंस प्रकोष्ठ अब तक क्या कर रहा था? उससे ये गणेश बाबू और रवि प्रकाश भारती जैसे बिजनेसमैन बन गए रेल अधिकारी कैसे बचे रहे?

“Caeser’s wife has to be above suspicion” – ऐसा #Railwhispers का मानना रहा है और एक संदर्भ में ऐसा हमने मंत्री जी को संबोधित करते हुए लिखा भी है-

High on EI, Zero on OLQ – Your Pick Mantri ji? Should not Caesar’s Wife be Above Suspicion?

श्रीमान गणेश के ऊपर #Advisor साहब का वरदहस्त सदैव वैसे ही रहा जैसे #RKRai का #RaviBharti पर रहा। इनके बीच सीमेंट का काम लोको की कई कंपनियां करती रही हैं। तभी #RKRai और #Advisor साहब के प्रत्यक्ष में मतभेद भी रहे, लेकिन इन दोनों के बीच कई लोको कंपनियां #Mutual_Friend, अर्थात् बिचौलिए का काम करती रहीं। ऐसे ही और कई धुरंधर रहे जो श्रीमान गणेश और श्रीमान भारती के साथ बराबर बने रहे और यही रेल मंत्रालय का मकड़जाल है।

ऐसा नहीं कि वेंडर-अधिकारी-नेक्सस मैकेनिकल विभाग में नहीं है-वहां भी है, लेकिन इतना उन्नत नहीं कि वे स्वयं उद्योगपति बन जाएं और रेल को ही बेच खाएं!

मंत्री जी, CRB साहब और MTRS महोदय सावधान हो जाएं !

जैसा मंत्री जी ने कहा कि विजिलेंस को संभलकर काम करना चाहिए। मंत्री जी का इशारा चाहे जिस तरफ भी रहा हो, मगर उनके इस बयान से हतोत्साहित, उत्पीड़ित अधिकारियों में उत्साह का पर्याप्त संचार हुआ। आपने स्वयं देखा कि जब #RKRai-#AshokKumar-#RKJha जैसे एक्सटॉर्शन करने वाले विजिलेंस अधिकारी रहे हों, तो गणेश और भारती जैसे रेल अधिकारी बनाम उद्योगपतियों को किस बात की चिंता, पैकेट पहुंचाईए और मजे से बिंदास होकर रेल के प्रमुख पदों पर रहते हुए रेल के साथ अपना धंधा करिए!

मंत्री जी, श्रीमान गणेश और आपके एडवाइजर सुधीर कुमार का रिश्ता बहुत प्रसिद्ध रहा है। गणेश बाबू का 360 डिग्री रिव्यू कर आपने इन्हें चेन्नई मंडल का #DRM भी बनाया। आपकी कड़ाई के बावजूद रोटेशन नहीं हो पा रहे हैं, रेल भवन छोटा न होकर और भारी हो गया। रेल भवन से विजिलेंस की अवांछनीय गतिविधियां ऐसी चलीं कि आपके वर्तमान #CRB ही उसकी चपेट में आते-आते बचे, उनके कैरियर पर ही पूर्ण-विराम लगा दिया गया था #ACC की अप्रूवल के बाद! यह साहस और शक्ति रही रेल भवन के विजिलेंस अधिकारियों की!

मंत्री जी, आपके 3 अप्रैल के संभाषण ने सबको उत्साहित किया है, लेकिन #Railwhispers आपको एक के बाद एक उदाहरण दे रहा है और #KMG यह सुनश्चित कर रहा है कि आप कोई कड़ी कार्यवाही न कर सकें! चाहे #RKRai को सेवानिवृत्ति के बाद #RVNL से मिली नौकरी हो, उनका #BLW के आपराधिक तंत्र को बढ़ावा हो, आपसे CVO/RDSO की गलत पोस्टिंग करवाने का मामला हो, मोटिवेटेड विजिलेंस केस बनाना रहा हो। #Railwhispers ने आपको यह भी बताया कि कैसे #RKRai-#AshokKumar के पास रेल का काम करने का शून्य अनुभव रहा और इसी पर वह अनेक अधिकारियों के कैरियर को रौंद चुके हैं।

मंत्री जी, इसी अक्षमता-अयोग्यता (#Incompetence) के बारे में #IRMS आपकी सरकार की सबसे बड़ी असफलता के रूप में उभर रही है, जो इसके कारक हैं वे सभी आपकी-सरकार की किरकिरी होते देख आज बहुत आनंदित हैं। इनमें से एक आपका इस्टैब्लिश्मेंट ऑफिसर (#EO) भी है! चाहे वह विजिलेंस का पिक एंड चूज हो, या ट्रांसफर-पोस्टिंग में हेरा-फेरी, या फिर भ्रष्टाचार को संरक्षण – इनके सारे रैकेट अब आपके सामने हैं!

इन दोनों ट्विटर थ्रेड्स को भी देखें:

उपरोक्त विषय पर ही दूसरा थ्रेड:

मंत्री जी, गणेश बाबू और रवि प्रकाश भारती के बिजनेस की जांच #CBI और #ED को सौंपिए, और उससे पहले इन पर 56J अप्लाई करिए, क्योंकि यह सर्विस कंडक्ट रूल का खुला उल्लंघन है। और हां, यह रेल विजिलेंस के वश के मामले नहीं हैं, क्योंकि विजिलेंस का संरक्षण और आपके एडवाइजर साहब का वरदहस्त इन्हें प्राप्त रहा है। और एक नेक मगर मुफ्त की सलाह यह है कि जितनी जल्दी संभव हो, उतनी जल्दी #KMG से अपना पिंड छुड़ाइए, क्योंकि रेल सिस्टम की विफलता का ठीकरा इस बार आपके सिर फूटने वाला है!

मंत्री जी, #IRMS रेल की समस्याओं का हल नहीं है, न ही यह रेल का उचित ट्रांसफॉर्मेशन है! यह रेल मंत्रालय और भारत सरकार के गले की फांस बन गई है। आप अगर वास्तव में रेल का असली ट्रांसफॉर्मेशन करना चाहते हैं, तो हर स्तर पर रोटेशन को कड़ाई से लागू करें! #Rotation ही रेल का असली ट्रांसफार्मेशन और एकमात्र हल है। 25-30 सालों से एक ही उत्पादन इकाई और एक ही जोन में जमे अधिकारियों को दर-बदर करिए। उनके मजबूत हो चुके नेक्सस-नेटवर्क को खत्म करिए। इसके अलावा रेल के उद्धार का आपके पास अन्य कोई विकल्प नहीं है। क्रमशः जारी…

प्रस्तुति: सुरेश त्रिपाठी