#DGRPF ने की #हाईकोर्ट के #आदेश की #अवहेलना, कोर्ट ने ठोंका 50 हजार का जुर्माना
#रेलवे_प्रोटेक्शन_फोर्स (#RPF) को #मनमाने तरीके से #हांक रहे हैं #DGRPF
#DGRPF पर #सरकार या #रेलमंत्री का नहीं रह गया है कोई #नियंत्रण
शुक्रवार, दि. 13.12.19 को #मद्रास #हाईकोर्ट ने #DGRPF #ArunKumar, IPS को कठघरे में तलब कर उन पर #कोर्ट के #आदेश की #अवहेलना करने के लिए #50 हजार रुपये का बड़ा #जुर्माना लगाया है।
#SouthernRailway के कुछ #RPF कर्मियों का #सेलेक्शन/#प्रमोशन हाल ही में #ASI पद के लिए हुआ था। उन्हें #DGRPF द्वारा कोर्ट के आदेश के बावजूद #प्रमोशन न देने का यह मामला था।
शुक्रवार,13.11.19 को #मद्रास #हाईकोर्ट ने #DGRPF @arunkumar783 को कठघरे में तलब कर उनपर #कोर्ट के #आदेश की #अवहेलना करने केलिए #50हजार का #जुर्माना लगाया#SRly केकुछ #RPFकर्मियों का #सेलेक्शन #ASI में हुआ था उन्हें #DGRPF द्वारा कोर्ट के आदेश के बावजूद #प्रमोशन न देने का मामला था pic.twitter.com/WC2EYWP0Jl
— kanafoosi.com (@kanafoosi) December 13, 2019
#DGRPF अपने मनमाने ढ़ंग से #RPF को चला रहे हैं। तथापि उन पर सरकार अथवा रेलमंत्री का कोई नियंत्रण नहीं है। प्रशासनिक दृष्टिकोण से नियम-कायदों को दरकिनार करके चलाया जा रहा प्रशासन किसी के भी हित में नहीं है।
स्थिति यह है कि उनके मातहत कार्यरत कोई भी बल सदस्य या कनिष्ठ/वरिष्ठ आरपीएफ अधिकारी डीजी अरुण कुमार की कार्यशैली से संतुष्ट नहीं है।
डीजी/आरपीएफ से #पीड़ित और #रेलभवन सहित जोनों में पदस्थ लगभग सभी उच्च RPF अधिकारियों का भी यही हाल है, पर डीजी के खौफ से इनमें से कोई अधिकारी कुछ बोल नहीं पा रहा है।
@arunkumar783
@rpf_dg
@RPF_INDIA
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उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों #मद्रास #हाईकोर्ट की #मदुरै बेंच ने डीजी/आरपीएफ को #RPFAssociation के #पक्ष में #निर्णय देते हुए इसकी #वर्किंग कमेटी/ #एजीएम कराने की #अनुमति देने का #आदेश दिया था। कोर्ट के उस आदेश का भी पालन अब तक #DGRPF ने नहीं किया है।
जबकि विश्वसनीय सूत्रों का कहना है कि रेलवे बोर्ड के #लीगल एडवाइजर ने #ApexCourt में मद्रास हाईकोर्ट के आदेश को #चैलेंज करने की #DGRPF की इच्छा को यह कहते हुए सिरे से खारिज कर दिया है कि यह मामला या आदेश सुप्रीम कोर्ट में ले जाने के लायक नहीं है, क्योंकि इसका कोई आधार नहीं है।
सूत्रों का कहना था कि लीगल एडवाइजर ने अपनी ओपिनियन में कहा है कि मद्रास हाईकोर्ट के आदेश का अनुपालन करने में ही डीजी/आरपीएफ और रेल प्रशासन की भलाई है। तथापि अब तक न जाने क्यों डीजी/आरपीएफ इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं!
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