कुछ चीटर, चीट कर रहे हैं एकाउंट्स स्टाफ को!

“वसूली गैंग” ने एकाउंट्स स्टाफ को गुमराह करने के लिए नया बैंक एकाउंट खोला है, जो कानूनन गलत है। यह आपराधिक गतिविधि को दर्शाता है! -कृष्ण कुमार, जनरल सेक्रेटरी, एआईआरएएसए

ऑल इंडिया रेलवे एकाउंट्स स्टाफ एसोसिएशन (एआईआरएएसए) के कुछ पूर्व और रिटायर्ड सदस्य एसोसिएशन के नाम का एक अलग बैंक एकाउंट खोलकर एकाउंट्स स्टाफ को न केवल गुमराह कर रहे हैं, बल्कि उनसे डोनेशन लेकर उन्हें चीट भी कर रहे हैं।

इस संदर्भ में एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी एस. कृष्ण कुमार ने सभी सदस्यों और एकाउंट्स स्टाफ को आगाह करते हुए लिखा है कि जार्ज एंड कंपनी, जो कि अपने रिटायरमेंट के बाद भी एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी के पद पर बने रहना चाहते हैं, जो कि एसोसिएशन के बाईलॉज (संविधान) के विरुद्ध है।

उन्होंने कहा कि एसोसिएशन के संविधान के पैरा 6-बी के अनुसार कोई भी रिटायर्ड स्टाफ, एसोसिएशन के किसी भी पद पर नहीं रह सकता। उन्होंने कहा कि इस “वसूली गैंग” ने बैंक ऑफ महाराष्ट्र की बोरीबंदर ब्रांच, मुंबई में एसोसिएशन के नाम पर खाता खोला है, जो कि पूरी तरह से गैरकानूनी है।

उन्होंने बताया कि जार्ज, एन. चंद्रशेखर, के. हेगड़े उक्त एकाउंट के अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता हैं और पूरे एकाउंट स्टाफ, जिन्हें 5400 एनएफयूजी मिला है, उनसे उक्त एकाउंट मे पैसे जमा करने के लिए बार-बार दबाव बना रहे है।

जनरल सेक्रेटरी कृष्ण कुमार का कहना है कि इस मामले में जी. पी. सिंह सिसौदिया की भूमिका अत्यंत प्रभावी है। जितना अधिक से अधिक पैसा जमाकर सकें, उन सबकी यही कोशिश है और कुछ सदस्य ₹2000 से लेकर ₹5000 तक जमा कर रहे हैं।

कृष्ण कुमार का सवाल है कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है? जबकि सभी सदस्यों और पूरे एकाउंट्स स्टाफ को ज्ञात है कि इन्हीं सारी वजहों से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का एकाउंट होल्ड पर है और स्टेट बैंक ने इंडस्ट्रियल कोर्ट से आर्डर लाने की बात कही है।

उन्होंने कहा कि इसके बावजूद इस “वसूली गैंग” ने सदस्यों को गुमराह करने के लिए एकाउंट खोला है, जो कानूनन गलत है। यह आपराधिक गतिविधि को दर्शाता है। लीगल एसोसिएशन की तरफ से इस प्रकार के कोई भी कलेक्शंस नहीं करने की बात की गई है।

उनका कहना है कि जो भी सदस्य इन्हें पैसा दे रहे हैं, वे कृपया उनसे यह अवश्य पूछें कि यह कलेक्शन किसके लिए किया जा रहा है? उन्होंने कहा कि सभी पढ़े-लिखे लोग हैं, उनका स्वयं का निर्णय है। एसोसिएशन ऐसी किसी भी गतिविधि से कोई सामंजस्य नहीं रखती। जब आवश्यकता होगी तब पैसे की अपील की जाएगी।

उन्होंने कहा कि कुछ सदस्यों को गलतफहमी है कि ये 5400 ग्रेड का मामला जार्ज ने हल कराया है। उनको पता होना चाहिए कि ये मामला 7वें वेतन आयोग का था, उसके लिए प्रयास जारी था। फिर भी इतने वर्षों के बाद हमारे माननीय मेंबर फाइनेंस, रेलवे बोर्ड के अथक और व्यक्तिगत प्रयासों से यह हासिल हुआ है।

कृष्ण कुमार ने बताया कि जब माननीय गृहमंत्री अमित शाह का चेन्नई दौरा हुआ था, उस समय भी हमारे वह स्वयं और फाउंडर मेंबर एन. श्रीनिवासन एवं उनकी टीम ने माननीय अमित शाह जी को ज्ञापन दिया। उसके बाद इस मामले मे बहुत जल्दी प्रगति हुई थी।

उन्होंने आगे कहा कि एसोसिएशन में जिसको जहां से कोई संपर्क मिलता है, उसे वो्ह उपयोग करते हैं। किसी एक व्यक्ति की कोशिशों से कुछ नहीं होता। पूरी टीम और सभी सदस्यों के सहयोग से ही सारे मुद्दों का समाधान किया जाता है।

ज्ञात हो कि श्रीनिवासन वर्ष 2009 से एसोसिएशन को और मजबूत बनाने के लिए लगातार प्रयासरत थे और अपनी सलाह समय-समय पर देते रहते थे। उस मिशन को और आगे ले जाने का काम पूर्व जनरल सेक्रेटरी उन्नीकृष्णन ने किया। हम सब को उनके परिश्रम को नहीं भूलना चाहिए।

उन्होंने कहा कि आज कुछ लोगों को सिर्फ पैसा जमा करने के लिए इतने सारे हथकंडे अपनाने पड़ रहे हैं, जो कि पहले से ही सारे घोटाले करके बैठे हैं। इसलिए उन्होंने एसोसिएशन के सभी सदस्यों से अनुरोध किया है कि कोई भी पैसा 5400 एनएफयूजी पाने के एवज में जमा न करें।

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