फजीहत Part-II

On 23 Nov 2023, we had published: फजीहत. We never imagined we’d be forced to publish its second part, and with #Jeetubhai back, we lack the confidence to even say if this is the concluding part—फजीहत मांगी है, तो फजीहत ही मिलेगी, निस्संदेह!

Thanks to the #nightbulbs surrounding #political leadership of #railways, the powers that be are blinded to the bright stars that pack energy to power the entire system on their own. But if they want the night bulbs, they get night bulbs – stars be damned! This brings us to the viral story making rounds: why delete the tweet?

मंत्री जी के इस वायरल ट्वीट ने ट्विटर (एक्स) की चूलें हिला दीं।

रेल-वीरों से भरी पड़ी है, मालिश मिलेगी, बाल स्टाइल हो जाएँगे, दवा-दारू, खाना-पीना सब चौकस—बस ट्रेन चलने या चलाने की बात न की जाए। इसी संदर्भ में किसी ऐसे ही रेल वीर ने ट्रेन में #ATM लगा दिया, दूसरे वीर ने मंत्री जी के हैंडल से ट्वीट कर दिया। बस और क्या था—टिप्पणियों की झड़ी लग गई-

डिलीटेड ट्वीट

डिलीटेड ट्वीट का लिंक:

https://x.com/AshwiniVaishnaw/status/1912423908931752235?t=C8mT191ie3f4vqNCJ1D-Yg&s=08

टिप्पणियाँ कुछ ऐसी आईं-

#1: Man O Man!
How lucky this Man?!
Ecstasy in trivia.
Killed so many people but nothing troubles and nothing touches this Man.

#2: X-handle @mediacrooks ने तो कपड़े ही फाड़ डाले-

इस हैंडल ने मंत्री जी के अब डिलिटेड ट्वीट के जवाब में ये लिखा:

#3: RAJAT X @rjtxoxo ने लिखा-
“Kitna … minister hai bhai tu..
Itna padh-likhkar kuchh sharam nahi aati kya tujhe??
Pehle dustbin, cleanliness, toilet, ticketless, illegals, food par dhyan do..
Train mein ATM se kya hoga tu hi bata bhai???

इतनी अपमानजनक, अशोभनीय, आपत्तिजनक और असंवैधानिक भाषा में मंत्री जी की फजीहत शायद पहले कभी नहीं हुई होगी!

Courtesy: Social Media

Disturbing Questions:

#1: Who is in Control?
#2: Why Political Leadership Grovelling before IR’s #DeepState?

इस थ्रेड को भी देखें-

मंत्री जी के हैंडल पर किसका कंट्रोल है? क्यों हैंडल कंट्रोल करने वाले अधिकारी को ये ज्ञान नहीं कि #एटीएम वाली खबर ऐसे समय में-जहाँ ट्रेनें कैंसिल हो रही हैं, बहुत देरी से चल रही हैं, कम चल रही हैं, कैंसल हो रही हैं, डायवर्ट हो रही हैं, कंट्रोल हो रही हैं, बहुत भीड़ है, गंध मार रही हैं-ऐसा ट्वीट फजीहत ही करता।

Courtesy: Social Media

एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंत्री जी के इस ट्वीट पर एक कड़ी टिप्पणी कर दी और ये ट्वीट कई वरिष्ठ अधिकारियों की नजर में आ गया। लेकिन जब ये पता चला कि ट्वीट डिलीट हो गया है, तो एक रिटायर्ड मेम्बर का ये संदेश आया:

“We are always very careful in adding any new #electrical items, tinkering with wiring of the coaches. Who authorised the changes needed for placement of #ATM? Would concerned #PCEE respond please? Why #GM not ask for this? Why this news is not on any #Railway site, but only on #MR’s handle? Who has this level of access? Who will answer for the immense #embarrassment caused to #Minister? It is not expected that Minister can operate his twitter handle, this is always done by a team led by a senior railway officer. Who is he? What is #accountability? Or Minister has been tamed by railway babus like we used to do in past? The trend of calling and recalling old charlatans back to #RailwayBoard strengthens this belief. It is bad for minister but certainly good for the insiders”.

पहले के #Member, #GM और #DRM रहते थे, इससे उनकी समझ वृहद और विभिन्न डिपार्टमेंट के वर्किंग कल्चर का उन्हें अच्छा बोध हो जाता था। शायद इसीलिए इन मेम्बर साहब का मैसेज इतना सारगर्भित है।

वहीं यह चिंता की बात है कि क्यों उन लोगों को रेल भवन वापस लाया जा रहा है, जिन्होंने केवल #फजीहत ही करवाई है। पालिसी यू-टर्न पर मजबूर करने वाले और भ्रष्टाचार को बढ़ाने वाले क्यों वापस रेल भवन में आ गए हैं? या क्यों लाए जा रहे हैं?

#Railwhispers ने #नाकरा प्रकरण के बारे में भी लिखा था, जब रेल की #सेफ्टी रसातल में है, तो रेल के दिल्ली में बसे और जमे हुए अधिकारी क्या करेंगे? #SECR जोन सेफ्टी की दृष्टि से भारी चिंता पैदा कर रहा है, वहीं तो #नाकरा महोदय का ट्रांसफर हुआ था, जो छह महीने बाद कैंसल होकर पोस्ट के साथ रेल भवन में हो गया-ये रेल की सेफ्टी देखेंगे, या स्वयं की दिल्ली में स्थायित्व की सेफ्टी? रेल प्रशासन इससे पहले इतना “नाकारा” तो कभी नहीं हुआ था!

#DRM/वडोदरा, रेल का भ्रष्टतम भ्रष्टाचार सफलता से करवाकर वापस रेल भवन में आ गए, क्यों और कोई नहीं मिला रेलमंत्री और सीआरबी को? क्या ये फजीहत काफी नहीं थी कि कुछ दिन पहले ही GM अवार्ड दिलवाने के बाद #CBI उस अधिकारी को अरेस्ट कर ले कि अवार्ड की अनुशंसा करने वाले को रेल भवन में लाकर पुरस्कृत करवाया जाए? इस वीर ने तो रेल की वो नई कहानी लिखी, जो मोदी सरकार की सबसे बड़ी असफलता में गिनी जाएगी! कितने यू-टर्न लेने पड़े सरकार को केवल इसीलिए कि कम से कम रेल चल तो सके!

एक और बड़े वाले अधिकारी हैं-#मनीषतिवारी साहब-जिन्हें रेलवे और सरकार विरोधी गतिविधियों के चलते गृहमंत्रालय से निकाला गया था धक्के मारकर, उन्हें भी पहले रेल भवन में बैठाया गया था, फिर कोटा मंडल-दिल्ली से कुछ घंटों की दूरी पर-का डीआरएम बनाया गया-और फिर से दिल्ली लाकर बड़ौदा हाउस में प्रतिष्ठित कर दिया गया। यही कुछ मुंबई में भी हुआ, और आगे भी ऐसा करने की तैयारी है! तो ऐसा क्यों न माना जाए कि ऐसे नाकारे, अहंमन्य और भ्रष्ट अधिकारियों को मंत्री एवं मंत्री सेल की बैकिंग/संरक्षण प्राप्त है?

और अब देखिए, जब लोगों को ट्रेन में घुसने-बैठने-खड़े रहने की जगह नहीं मिल रही, तब ट्रेन में ATM लगवा डाला, जब देश में-रेल में सभी कुछ #UPI और डिजिटल से हो रहा है, लोग कैश नहीं निकाल रहे हैं, बैंक में नहीं जा रहे हैं, बैंक अपने ATM बंद कर रहे हैं, मोदी सरकार कैशलेस को अपना “फ्लैगशिप पॉलिसी इंटरवेंशन” मान रही है। और ऊपर से रेल भवन के “डीप स्टेट” ने इसे मंत्री के हैंडल से ट्वीट कर डाला, और फिर जब फजीहत हो गई, तो डिलीट कर दिया। ऐसा पहले भी हो चुका है, तो कौन हैं ये लोग, जो मंत्री की फजीहत करवा रहे हैं? और मंत्री जी बेबस क्यों हैं?

#मोदी जी, आपसे सभी रेलकर्मी ये उम्मीद करते हैं कि खान मार्केटियों (#KMG) से रेल को छुटकारा दिलवाइए!

और, मंत्री जी, रेल माथे के पसीने से चलती है, ट्विटर और लिंक्डइन से नहीं! क्रमशः