झांसी यार्ड में स्थापित किया गया इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग तथा क्विक वाटरिंग सिस्टम

मंडल रेल प्रबंधक/झांसी आशुतोष ने 28 अगस्त को झांसी यार्ड में स्थापित किए जा रहे इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम का अवलोकन किया। इस प्रणाली का संस्थापन कार्य पूरा होने से झांसी यार्ड में मैकेनिकल इंटरलॉकिंग सिस्टम खत्म हो गया है। इस प्रणाली की स्थापना से स्टाफ/मैन पॉवर की बचत के साथ-साथ संरक्षा के स्तर में भी बढ़ोतरी होगी।

इसके अलावा, डीआरएम द्वारा झांसी स्टेशन पर नवस्थापित क्विक वाटरिंग सिस्टम (क्यूडब्ल्यूएस) का निरीक्षण किया। क्यूडब्ल्यूएस को स्टेशन के पूर्व सर्कुलेटिंग एरिया में 10 लाख लीटर की क्षमता के वाटर सप्लाई टैंक से जोड़ा गया है।

ज्ञातव्य है कि पहले अधिकतर गाड़ियों के ठहराव 10 से 20 मिनट के हुआ करते थे, जो कि धीरे-धीरे अब 10 मिनट से भी कम हो गए हैं। उक्त सिस्टम का संस्थापन इस परिकल्पना के दृष्टिगत किया गया है कि 5 मिनट के अंदर गाड़ी के सभी कोचों में पानी पूरी तरह से भर जाए।

कुल ₹3.5 करोड़ की लागत से स्थापित किए गए इस सिस्टम से पानी के प्रेशर को 125 किलोवाट के तीन सेंटरीफूगल पंप के माध्यम से बूस्ट किया जाता है। यदि एक समय में सभी प्लेटफार्म पर गाड़ी आ जाए, तब भी इसके प्रेशर और क्षमता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। यह उसी गति से सभी कोचों में पानी उपलब्ध कराता है।

इस सिस्टम में लगे हुए वॉल्व इलेक्ट्रिकली कंट्रोल्ड हैं जो कि एक एसएमएस के माध्यम से भी ऑन/ऑफ किए जा सकते हैं। इससे 2.5 KG/CM² के प्रेशर से तथा 1000 मीटर क्यूब प्रति घंटा के दबाव से पानी दौड़ता है तथा गाड़ी के हर कोच में अधिकतम 5 से 6 मिनट में पानी भरा जा रहा है। पानी की निर्बाध सप्लाई हेतु इस सिस्टम को 500 किलोवाट क्षमता के आटोमेटिक जनेरटर सेट से जोड़ा गया है।

निरीक्षण के दौरान अपर मंडल रेल प्रबंधक दिनेश वर्मा, वरिष्ठ मंडल यांत्रिक अभियंता करुणेश श्रीवास्तव, वरिष्ठ मंडल विद्युत अभियंता रघुनाथ, वरिष्ठ मंडल अभियंता सुधीर कुमार सहित अन्य सभी संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

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