अहमदाबाद राजधानी एक्सप्रेस छूटते ही यात्री का लैपटॉप हुआ चोरी
अभी-अभी ट्रेन नं. 02958 अहमदाबाद राजधानी में यात्रा कर रहे संजय नामक एक यात्री का लैपटॉप ट्रेन खुलने के एक घंटे के अंदर सेकेंड एसी कोच नं. ए-3, बर्थ नं. 42 से चोरी हो गया।
यह हाल है अभी देश की सबसे महत्वपूर्ण राजधानी ट्रेन का।
जब तक बेडरोल ठेकेदार, आरपीएफ एस्कॉर्ट और ट्रेन के टीएस, डिप्टी टीएस आदि स्टाफ की सैलरी से पैसा काटकर यात्रियों के चोरी गए सामान की कीमत नहीं चुकाई जाएगी, तब तक ऐसा ही होता रहेगा।
आरपीएफ और टिकट चेकिंग स्टॉफ को मेजर पेनल्टी चार्जशीट के साथ तब तक किसी भी ट्रेन ड्यूटी से दूर रखना चाहिए जब तक उनकी एसएफ-5 पर निर्णय न हो जाए।
आरपीएफ एस्कॉर्ट ने ट्रेन एस्कॉर्टिंग में कमाई का पुराना धंधा जोरों से चला रखा है। जब से बेडरोल आदि का प्राइवेटाइजेशन हुआ और ऑन बोर्ड टीटीई की संख्या घटी है, तब से यह धंधा और भी तेजी से फला-फूला है।
मजे की बात यह है कि बैग तो मिल गया बिना लैपटॉप का, और यात्री ने दहशत में लिख कर आरपीएफ को दे दिया या लिखवा लिया गया कि उसे एफआईआर नहीं करनी है।
यह हाल तब है जब भारतीय रेल द्वारा कुछ चुनिंदा ट्रेनें ही चलाई जा रही हैं। एक तरफ यात्री स्पेशल ट्रेन के नाम पर ज्यादा किराया देकर लुट रहे हैं, तो दूसरी तरफ उन्हें आरपीएफ और टिकट चेकिंग स्टाफ द्वारा सुरक्षा के बिना लुटवाया जा रहा है। तथापि रेल प्रशासन को इस सब की कोई चिंता नहीं है।