झूठ बोलने में रेलवे बोर्ड का कोई सानी नहीं, सुनीत शर्मा ने तोड़े अकर्मण्यता और अनिर्णय के सारे रिकॉर्ड

पूरी भारतीय रेल में अब तक 314 लोको पायलट हुए कोरोना का शिकार

सुरेश त्रिपाठी

कोरोना महामारी के दूसरे चरण में पूरी भारतीय रेल में अब तक कुल 314 लोको पायलट्स की मृत्यु का आंकड़ा सामने आया है। हालांकि यह अविश्वसनीय संख्या है, क्योंकि मौत के समाचार जिस गति से चल रहे हैं, उनको देखकर इस आंकड़े पर कोई भी रनिंग स्टाफ भरोसा नहीं कर पा रहा है।

रनिंग स्टाफ के कई वरिष्ठ सुपरवाइजरों का कहना है कि “वास्तव में यह आंकड़ा इससे भी ज्यादा है।” वे कहते हैं, “हॉस्पिटल में कोविड से हुई मौत बताया जाता है, परंतु जब डाटा उनके कार्यालय में आता है तो वही डेथ किसी अन्य कारण से हुई बताई जाती है। यह अत्यंत अविश्वसनीय है।”

स्टेशन मास्टर कैडर में भी अब तक लगभग डेढ़ सौ से ज्यादा मौतें कोविड संक्रमण के चलते हो चुकी हैं। पूरा कैडर जब रेल प्रशासन की अन्मनस्कता के प्रति आक्रोशित हुआ और उचित ध्यान नहीं दिए जाने पर ड्यूटी न करने की चेतावनी दी, तब प्रशासन को आया और उसने उनके साथ वर्चुअल मीटिंग करके समस्या का समाधान करने की पहल हुई।

टिकट चेकिंग, टिकट बुकिंग, पार्सल, लगेज, आरक्षण इत्यादि कैडर्स, जो पब्लिक के संपर्क में लगातार रहते हैं, में भी काफी रेलकर्मी कोरोना का शिकार हुए हैं, परंतु उनके अधिकृत आंकड़े अब तक सामने नहीं आए हैं। तथापि उनकी मौतों के दु:खद समाचार लगातार आते रहते हैं।

इस महामारी के दूसरे चरण में, जब उम्र का कोई बंधन नहीं रह गया। हर आयु वर्ग के बहुत सारे रेलकर्मी और अधिकारी काल-कवलित हुए हैं। परंतु ऐसा लगता है कि रेल प्रशासन ने उनकी मौतों को अब तक भी गम्भीरता से नहीं लिया है। बल्कि देखने में यही आया है कि उनकी मौत के आंकड़े छिपाने में और व्यवस्था को दिग्भ्रमित करने में रेलवे बोर्ड की ज्यादा रुचि रही है।

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चेयरमैन सीईओ रेलवे बोर्ड ने साफ झूठ बोला!

यदि ऐसा नहीं होता, तो ओपन प्रेस कॉन्फ्रेंस में चेयरमैन सीईओ रेलवे बोर्ड झूठ नहीं बोलते, झूठे आंकड़े प्रस्तुत नहीं करते, मांगे जाने पर भी वह रेलकर्मियों-अधिकारियों की मौत के आंकड़े देने से इंकार नहीं करते!

यदि ऐसा नहीं होता, तो वे मार्च 2020 से दिए गए आंकड़ों का औचित्य सिद्ध करते और जनवरी 2021 से अब तक हुई रेलकर्मियों-अधिकारियों की मौत के आंकड़े शेयर करते! जो कि दिन-प्रतिदिन के हिसाब से रेलवे बोर्ड में संकलित होते हैं।

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जोनल रेलों के विश्वसनीय सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार 1 मई 2021 को पूरी भारतीय रेल में कोरोना से संक्रमित रेलकर्मियों की कुल संख्या 1,15,358 थी। जबकि उसी दिन कोविड से मृत्यु को प्राप्त हुए रेलकर्मियों की कुल संख्या 1695 थी। इस एक दिन में कोविड का शिकार हुए गैर रेलकर्मियों अर्थात रेलकर्मियों के परिजनों एवं रेल अस्पतालों में भर्ती अन्य लोगों की मौत का कुल आंकड़ा 2761 था।

इससे पहले 18 अप्रैल 2021 के दिन पूरी भारतीय रेल में कोरोना से संक्रमित रेलकर्मियों की कुल संख्या 83,180 थी। जबकि उस दिन कोविड से मृत्यु को प्राप्त हुए रेलकर्मियों की कुल संख्या 979 थी और इस एक दिन में कोविड का शिकार हुए गैर रेलकर्मियों अर्थात रेलकर्मियों के परिजनों एवं रेल अस्पतालों में भर्ती अन्य लोगों की मौत का कुल आंकड़ा 1814 था।

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इस प्रकार यह पूरी तरह स्पष्ट है कि 11 मई के आसपास और उससे पहले हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीईओ रेलवे बोर्ड ने प्रेस के सामने साफ-साफ झूठ बोला था।

यहां तक कि जो लोग उनके द्वारा दिए गए आंकड़ों पर सवाल पूछना चाहते थे, उन्हें कुछ भी कहकर साइड लाइन कर दिया गया, परंतु उन्हें मार्च 2020 से दिए गए आंकड़ों का कोई औचित्य नहीं समझाया गया।

जबकि उपरोक्त आंकड़ों से स्पष्ट है कि सीईओ/रेलवे बोर्ड द्वारा मार्च 2020 से 10 मई 2021 तक 13 महीने 10 दिन के लिए बताए गए कुल आंकड़ों से यहां एक दिन का ही आंकड़ा अधिक है।

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यदि ऐसा नहीं था, तो “रेल समाचार” द्वारा 10 मई 2021 को चेयरमैन सीईओ/रेलवे बोर्ड सुनीत शर्मा से जब यह पूछा गया कि –

१. कृपया श्री प्रदीप कुमार, पूर्व मेंबर स्टाफ, रेलवे बोर्ड और वर्तमान मेंबर कैट, जो कि एनआरसीएच में भर्ती हैं और वेंटिलेटर पर हैं, की हेल्थ पोजीशन की अपडेट देने की कृपा करें।

२. रेल अस्पतालों को अपग्रेड करने और रेलकर्मियों को उचित स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने के लिए रेल प्रशासन द्वारा अब तक क्या किया गया?

३. वर्तमान में कितने रेलकर्मी और अधिकारी पूरी भारतीय रेल में कोरोना संक्रमित हैं?

४. पूरी भारतीय रेल में अब तक कुल कितने रेलकर्मी और अधिकारी कोरोना से काल कवलित हुए हैं? कृपया रेलवे वाइज संख्या देने की कृपा करें।

५. पूरी भारतीय रेल में अब तक कुल कितने रेलकर्मियों और अधिकारियों का वैक्सीनेशन हो चुका है? कृपया रेलवे वाइज संख्या प्रदान करने की कृपा करें।

६. क्या रेलकर्मियों और अधिकारियों तथा उनके परिजनों को अलग से अथवा सीधे वैक्सीन मुहैया कराने की व्यवस्था नहीं की जा सकती? यदि हां, तो इसके लिए रेल मंत्रालय क्या उपाय कर रहा है? यदि नहीं, तो इसमें समस्या क्या है? कृपया बताने का प्रयास करें।

यह नहीं, 12 मई 2021 को, सीईओ रेलवे बोर्ड की प्रेस कॉन्फ्रेंस के एक दिन बाद भी उन्हें रिमाइंड करते हुए “रेल समाचार” द्वारा पूछा गया था कि –

Resp. Sharma ji, kindly share latest daily “ZONE WISE COVID PREPAREDNESS REPORT-2021” on Indian Railways.

उपरोक्त में से किसी भी तथ्य का कोई स्पष्टीकरण अथवा कोई जवाब अब तक चेयरमैन/सीईओ/रेलवे बोर्ड की तरफ से नहीं आया है।

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“जान है तो जहान है” के सिद्धांत पर जब रेल प्रशासन को अपनी वर्क फोर्स का जीवन बचाना चाहिए था, तब वह झूठ और फरेब का सहारा लेकर केवल ऑक्सीजन एक्सप्रेस चलाने के लिए अपनी पीठ थपथपा रहा है।

हालांकि जनता को भी उसके गंतव्य पर पहुंचाकर सेवा कार्य भी इस संकटकाल में जरूरी है। तथापि झूठ बोलना कतई जरूरी नहीं है। यह वैश्विक महामारी है, इस पर आदमी का कोई वश नहीं है। इसके लिए केवल सावधानियां ही बरती जा सकती हैं।

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अतः पब्लिक के संपर्क में आने वाले रेलकर्मियों को सुरक्षा उपकरणों की आपूर्ति सुनिश्चित की जानी चाहिए। इसके अलावा उम्र और किसी बीमारी से ग्रस्त कर्मचारियों को  जनसंपर्क से दूर रखने की यथासंभव कोशिश करते हुए उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए।

“रेल समाचार”, रेल प्रशासन की अकर्मण्यता के कारण अब तक अकाल काल-कवलित हुए सभी रेलकर्मियों को विनम्र श्रृद्धांजलि अर्पित करता है और संक्रमित हुए कर्मचारियों के शीध्र स्वस्थ होने की कामना करता है।

ट्रेन की गति से ढ़हा चांदनी रेलवे स्टेशन:

https://youtube.com/shorts/WDWrzCoJfLs?feature=share