तेज रफ्तार ट्रेन गुजरते ही भर-भराकर गिरी चांदनी रेलवे स्टेशन की बिल्डिंग

इस हादसे के मद्देनजर अब यह आवश्यक हो गया है कि देश के सभी रेलवे स्टेशनों की इमारतों का स्ट्रक्चरल एवं एक्सपेंडिचर ऑडिट करवाया जाए!

भुसावल मंडल, मध्य रेलवे के चांदनी रेलवे स्टेशन की इमारत बुधवार, 26 मई 2021 को अचानक बुरी तरह तब हिलने लगी जब उसके सामने से 110 किमी प्रतिघंटा की तेज गति से पुष्पक एक्सप्रेस गुजर रही थी।

ज्ञातव्य है कि नेपानगर और बुरहानपुर के बीच भुसावल मंडल, मध्य रेलवे का यह चांदनी रेलवे स्टेशन 17 साल पहले वर्ष 2004 में बनाया गया था।

पुष्पक एक्सप्रेस के तेज रफ्तार से गुजरते ही चांदनी स्टेशन की इमारत थरथराने लगी और देखते-ही-देखते सामने का हिस्सा गिरकर प्लेटफार्म पर बिखर गया। इस हादसे के कारण लगभग दर्जन भर ट्रेनें प्रभावित हुईं।

इसी प्रकार अंदर का मलबा कंट्रोल पैनल पर गिरा और पूरा रिले-सिस्टम तत्काल ठप हो गया। स्टेशन बिल्डिंग की सभी खिड़कियों के शीशे टूटकर बिखर गए। भारतीय रेल में संभवतः इस प्रकार का यह पहला हादसा हुआ होगा कि ट्रेन की तेज गति के कारण कोई स्टेशन भवन ढ़हा हो।

स्टेशन अधीक्षक प्रदीप पवार चूंकि पुष्पक एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाने के लिए स्टेशन भवन से निकलकर प्लेटफार्म पर खड़े थे, अतः हादसे का शिकार होने से बच गए। छोटा स्टेशन होने के कारण प्लेटफार्म पर यात्रियों की कोई भीड़ नहीं थी, इसलिए कोई भी जनहानि भी नहीं हुई।

दि. 26.05.21को चांदनी रेलवे स्टेशन पर पैनल बिल्डिंग गिर जाने के कारण डाउन एवं अप मार्ग की लगभग दर्जन भर ट्रेनें प्रभावित हुई हैं, जिससे ट्रेनें अपने निर्धारित समय से लगभग 30 से 60 मिनट तक की देरी से चलीं।

अप/डाउन की ट्रेनों को चांदनी रेलवे स्टेशन से कॉशन ऑर्डर देकर निकाला जा रहा है। सभी ट्रेनों के ड्राइवरों को अथॉरिटी लेटर दिया जा रहा है। सभी गाड़ियों को असीरगढ़ और बुरहानपुर रेलवे स्टेशनों पर रोक कर निकाला जा रहा है।

बिल्डिंग गिरने की अग्रिम कार्यवाही के लिए भुसावल से एडीआरएम मनोज कुमार सिन्हा, सीनियर डीईएन राजेश  चिकले और खंडवा से एडीईएन अजय सिंह सहित अन्य रेल अधिकारी चांदनी स्टेशन पर पहुंच चुके हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार दि. 26.05.2021 को चांदनी रेलवे स्टेशन के स्टेशन मास्टर कार्यालय की कंट्रोल रिले पैनल की इमारत अचानक समय 16.00 बजे के करीब ढ़ह जाने के कारण कंट्रोल पैनल पूरी तरह बंद हो गया है।

उक्त स्टेशन से गुजरने वाली सभी रेल गाड़ियों को कॉशन ऑर्डर से पास किया जा रहा है और आज से स्टेशन का पूरा स्टाफ प्लेटफार्म पर खुले में बैठकर काम कर रहा है।

पूरी तरह हिल गए और टूटकर बिखर गए स्टेशन भवन को तोड़कर उसका मलबा हटाने और नया स्टेशन भवन बनाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। भुसावल मंडल के सभी संबंधित अधिकारी चांदनी रेलवे स्टेशन पर उपस्थित रहकर इस कार्य की व्यक्तिगत तौर पर निगरानी कर रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि गत सप्ताह के तौकते तूफान के कारण केवड़िया रेलवे स्टेशन की छत सूखे पत्तों की तरह उड़ते देखी गई। कहने को कहा जा सकता है कि तूफान बहुत तेज था, पर कोई नया निर्माण कार्य इस तरह से चरमरा जाए, ऐसा भी होते हुए इससे पहले नहीं देखा गया था।

#केवड़िया_रेलवे_स्टेशन: सूखे पत्तों की तरह उड़ती छत

हाल ही में आलीशान बंगलौर रेलवे स्टेशन मामूली बरसात में ही पानी-पानी हो गया था, जबकि इसके अत्याधुनिक स्टेशन होने का दावा किया गया था। इसके अलावा भोपाल मंडल का भी एक रेलवे स्टेशन इसी तरह के गुणवत्ताविहीन विकास कार्य का शिकार हुआ। कुछ अन्य कथित आलीशान और अत्याधुनिक तकनीक एवं सुविधाओं से लैस रेलवे स्टेशनों का भी यही हाल हुआ है, जो निकट विगत में बनाए गए हैं।

हालांकि चांदनी रेलवे स्टेशन पर हुई उक्त घटना के कारण किसी भी रेल कर्मचारी अथवा यात्री को किसी प्रकार की कोई हानि नहीं पहुंची है। तथापि ऐसे हादसों के मद्देनजर अब यह आवश्यक हो गया है कि देश के सभी रेलवे स्टेशनों की इमारतों का स्ट्रक्चरल तथा एक्सपेंडिचर ऑडिट करवाया जाए।

इसके अलावा इस हादसे से अब यह भी सवाल उठ रहा है कि कहीं ऐसा तो नहीं है कि इसी तरह के लचर/गुणवत्ताविहीन निर्माण कार्यों के ढ़ह जाने की आशंकाओं के कारण रेलवे का इंजीनियरिंग विभाग ट्रेनों को सेमी हाई स्पीड (160 किमी.) और हाई स्पीड (200 किमी.) करने के लिए तैयार नहीं हो रहा है?

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