कालिंदी एक्सप्रेस का समय पुनर्निर्धारित किया जाए
मैनपुरी-फर्रुखाबाद के बीच चेन पुलिंग करने वालों पर कड़ाई से लगाम लगाई जाए
गाड़ी सं. 14723/24 कालिंदी एक्सप्रेस में मैनपुरी से फर्रुखाबाद के बीच कम से कम 15 से 20 बार चेन पुलिंग होती है। रेल प्रशासन चाहे तो इस पर तुरंत लगाम लगाकर तथा गाड़ी के समय में परिवर्तन करके उसे सही समय पर चला सकता है, लेकिन सबको मालूम होते हुए भी किसी ने आज तक इस मुद्दे पर न तो कोई उचित कार्रवाई की और न ही चेन पुलिंग करने वालों को नियंत्रित करने की आजतक कोई कारगर कोशिश की गई।
भोगांव से फर्रुखाबाद सेक्शन पूरा 48 किमी भी नहीं है। भोगांव से गाड़ी छूटने का समय सुबह 4:12 बजे का है, तो फिर रास्ते में ऐसा क्या होता है कि इस गाड़ी का फर्रुखाबाद पहुंचने का समय लगभग तीन घंटे बाद, 7 बजे का रखा गया है? 50 किमी से भी कम दूरी के लिए 2 घंटे 48 मिनट! ये तो हद है।
मैनपुरी के बाद जगह-जगह गाड़ी को चेन खींचकर गांव के लोगों द्वारा ऐसे रोका जाता है, जैसे कि उनके बाप का राज हो। जब जिसका गांव आया, चेन खींचकर उतर गया। यह सब रेलवे में सबको पता है, लेकिन किसी ने इसके खिलाफ आजतक कोई कार्रवाई नहीं की।
उस दिन गाड़ी में सवारी कम रही होंगी या नहीं रही होंगी और किसी ने चेन नहीं खींची, तो गाड़ी समय से पहले अपने गंतव्य पर पहुंच गई। गाड़ी समय से आई है और इसके समय में बदलाव आवश्यक है। सब लोग जल्दी अपने घर पहुंचें, समय की बचत हो, रेल के ईंधन की भी बचत हो, इससे बेहतर और क्या होगा।
अब रेल मंत्रालय को भी चाहिए कि इस गाड़ी का समय कम से कम 2 घंटे कम करे, यह सभी के हित में होगा। इसके साथ ही जनरल डिब्बों से चेन हटा दी जाए, क्योंकि लोग तो मानेंगे नहीं। यह भी सही है कि 95% चेन पुलिंग जनरल डिब्बों से ही होती है।
यदि थोड़ा ध्यान दिया जाए, तो लोगों के समय की बचत हो सकती है, और रेल प्रशासन चाहे तो स्थानीय लोगों की मनमानी को भी तुरंत नियंत्रित किया जा सकता है। लेकिन ऐसा पिछले कई सालों से हो रहा है और इस पर आज तक कोई कार्यवही न होने से ऐसा प्रतीत होता है कि किसी न किसी की मिलीभगत या गलत नीति से यह गलत सिलसिला बदस्तूर जारी है।
कालिंदी एक्सप्रेस फर्रुखाबाद से 9:05 बजे शाम को निकलती है और भोगांव 9:55 बजे पर पहुंच जाती है। क्या किसी ने सोचा नहीं कि एक तरफ से 2 घंटे 48 मिनट लगते हैं और वापसी में उसी रूट पर उतनी ही दूरी के लिए मात्र 50 मिनट!
यह बहुत ही शर्मनाक है। यह चेन पुलिंग को बढ़ावा देने जैसा है और ये बहुत बड़ा अपराध भी है। इससे हजारों लोगों का समय बरबाद होता है। हर डिब्बे में जनरल डिब्बे सहित आरपीएफ की निगरानी हो, हालांकि मैनपावर की कमी के चलते यह संभव नहीं है, परंतु यदि जैसे ही चेन खिंचे, उसी समय संबंधित व्यक्ति को गिरफ्तार किया जाए, फाइन लगाया जाए, दंडित किया जाए, तो स्थानीय लोगों की इस दादागीरी और धींगामुश्ती पर लगाम लगाई जा सकती है।
अब समय आ गया है कि इस मुद्दे पर समय रहते रेल प्रशासन तुरंत कारगर कदम उठाए, कालिंदी एक्सप्रेस का समय पुनर्निर्धारित किया जाए, कम किया जाए, चेन पुलिंग पर सख्ती की जाए, जो न माने, उसको कड़ाई से दंडित किया जाए, बड़ा जुर्माना लगाएं, गिरफ्तार करें और जेल भेजा जाए। उम्मीद की जाती है कि अब रेल प्रशासन अवश्य जागेगा।
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— Punit Shukla (@PunitShukla) September 14, 2020
कलिंद्री एक्स के समय में दो घंटे की कटौती हो सकती है तो इसकी समय सारणी में संशोधन क्यों नहीं किया जा रहा है।दो घंटे व्यर्थ ही फर्रुखाबाद में खड़ी रहती है।पहले भाप, डीजल, ट्रैक की वजह थीhttps://t.co/jafbwxTrTP