टिकटों की दलाली में खुलकर सामने आई रेलवे बोर्ड के मनीष नामक सेक्शन ऑफिसर की भूमिका

यात्रियों के ‘जीजाश्री’ बनकर सीनियर सिटीजन कोटे में बनवाते हैं कथित ‘साले-सालियों’ की टिकटें

शुक्रवार, 17 जनवरी 2020 को नई दिल्ली से चलकर श्री माता वैष्णो देवी कटरा जाने वाली गाड़ी सं.12445 में एक पार्टी की चार अलग-अलग कोचों में 15 सीटें बुक थीं। यह सभी सीटें सीनियर सिटीजन कोटे में यानि बुजुर्ग यात्रियों को प्राप्त छूट के तहत बुक की गई थीं।

आरक्षण चार्ट के अनुसार इन टिकटों पर जितने भी पुरुष यात्री थे, उनकी उम्र 60 वर्ष अथवा इससे अधिक थी। इसी प्रकार जितनी भी महिला यात्रियों की टिकटें बुक थीं, उनकी उम्र 58 वर्ष अथवा इससे अधिक थी। इसी वजह से इन सभी यात्रियों को लोअर बर्थ मिली हुई थी। इसके अलावा रेलवे के नियमानुसार किराए में जो छूट मिलती है, वह भी इन सभी यात्रियों को मिली हुई थी।

मगर गाड़ी छूटने के बाद रात को जैसे ही दिल्ली से चलने वाले टीटीई ने इन यात्रियों की टिकटों की जांच करना शुरू किया, तो उन्होंने देखा कि वास्तव में इन यात्रियों में कोई भी सीनियर सिटीजन नहीं था।

तभी उन्होंने इन सभी यात्रियों को उनकी टिकटें गलत होने के बारे में बताया। इस पर यात्रियों में से एक ज्योति नाम की महिला ने बड़े गर्व के साथ टीटीई को बताया कि उनकी यह सभी टिकटें उनके जीजाश्री ने बनवाई हैं, जो कि खुद रेलवे में ही एक बड़े अधिकारी हैं और रेलवे बोर्ड में पदस्थ हैं।

इसके बाद उस महिला यात्री ज्योति ने टीटीई की उक्त कथित अधिकारी से फोन पर बात करवाई, तो पता चला कि कोई मनीष नाम के सज्जन रेलवे बोर्ड में सेक्शन ऑफिसर (एसओ) की पोस्ट पर हैं। उन्होंने टीटीई से कहा कि ‘वह सीनियर डीसीएम के रिश्तेदार हैं और उनकी बात उनके इंचार्ज तथा आगे जाने वाले स्टाफ से भी हो चुकी है, इसलिए आप इनको कुछ मत कहना।’

फोन पर हुई इस बात का असर टीटीई पर हुआ और उसने वह सभी टिकटें बिना जांच किए ही छोड़ दीं। जैसे ही यह गाड़ी लुधियाना पहुंची। दिल्ली से आए टीटीई ने ड्यूटी बदल जाने के कारण गाड़ी का चार्ट लुधियाना से आगे जाने वाले टीटीई जसविंदर रत्ती को सौंप दिया। इसके साथ ही उक्त पंद्रह टिकटों की सारी कहानी भी बयान कर दी।

अब हालात यह थे कि जो काम दिल्ली से चलने वाले टीटीई को करना चाहिए था, वह उसने लुधियाना से चलने वाले टीटीई के मत्थे मढ़ दिया।

तभी लुधियाना से चलने वाले टीटीई जसविंदर रत्ती ने दिल्ली से आने वाले टीटीई को इन टिकटों के बारे में डिवीजन कंट्रोल (फिरोजपुर) को फोन करके पूरी बात बताने को कहा।

फिरोजपुर मंडल मुख्यालय में जैसे ही इतनी सारी टिकट का फ्रॉड होने की सूचना पहुंची, वैसे ही पूरे मंडल में हड़कंप मच गया। मैसेज मिलते ही मंडल के सभी बड़े अधिकारी हरकत में आ गए। इसके बाद उन्होंने गाड़ी में चल रहे टीटीई जसविंदर रत्ती को इन टिकटों की जांच अच्छी तरह करने के आदेश दिए।

अब जैसे ही जांच शुरू हुई, वैसे ही सारी हकीकत सामने आ गई। शुरू में यात्रियों ने किराया और जुर्माना भरने में थोड़ी आनाकानी की, मगर जैसे ही जम्मू में और स्टाफ आ गया, तो यात्रियों को जुर्माने सहित सभी पंद्रह टिकटों का ₹12450 देना ही पड़ा।

इसके बाद इन यात्रियों को कटरा स्टेशन पर आरपीएफ पोस्ट पर ले जाकर उनके बयान लिए गए, जिसमें यह बात सामने आई कि 415 रुपये की एक टिकट के उनसे 650 रुपये लिए गए थे और टिकटें भी सीनियर सिटीजन कोटे में कंसेशन वाली करवा दी गई थीं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार रेलवे बोर्ड के उक्त कथित अधिकारी (मनीष) के नाम सहित उसका फोन नंबर सीनियर डीसीएम, फिरोजपुर को मिल चुका है, जहां से पूरी रिपोर्ट उत्तर रेलवे मुख्यालय बड़ौदा हाउस और रेलवे बोर्ड को शीघ्र भेजी जाएगी।

पता चला है कि ये सज्जन टिकटों की दलाली का यह धूर्त कार्य रेगुलर करते हैं। इसकी सारी जानकारी विजिलेंस को भी दी गई है। यह भी पता चला कि इस मामले के उजागर होने और अपना नाम सामने आने पर टिकटों के दलाल ये मनीष महाशय दिल्ली वाले टीटीई को फोन पर धमका रहे थे।