रघुनाथपुर रेल दुर्घटना: सीआरएस रिपोर्ट ने खोल दी पूरी कलई

क्या अब भी बेड़ागर्क महाशय को कोई और सबूत चाहिए या फिर दो क्रैट बीयर और मुर्गी की दो टाँगों के लालच में वह और बलि खोज रहे हैं?

#Railwhispers ने आज से लगभग सात महीने पहले ही बता दिया था कि 11 अक्टूबर 2023 को हुई ट्रेन नं. 12506, आनंदविहार टर्मिनस-कामाख्या नार्थ-ईस्ट एक्सप्रेस की दुर्घटना के लिए Ek Corrupt Railway अर्थात् पूर्व मध्य रेलवे (#ECR) का कुख्यात इंजीनियरिंग विभाग जिम्मेदार है। पैसे और पहुँच के लाख प्रयासों और तमाम तिकड़मों के बाद भी उन दिवंगत निर्दोष आत्माओं की पुकार भगवान ने सुन ली और लम्बी हीलाहवाली के बाद रघुनाथपुर में हुई रेल दुर्घटना के संबंध में रेल संरक्षा आयुक्त (#CRS) पूर्वी सर्कल, कोलकाता को फाइनल रिपोर्ट देनी पड़ी है, जिसमें स्पष्ट रूप से दानापुर मंडल के इंजीनियरिंग विभाग की लापरवाही को पाँच निर्दोष रेलयात्रियों की हत्या के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है।

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इस रिपोर्ट का सबसे महत्वपूर्ण निष्कर्ष ये निकला है कि इस दुर्घटना को टाला जा सकता था, लेकिन पैसा, जाति आधारित संरक्षण और शराब के नशे में धुत्त व्यवस्था ने पाँच निर्दोष लोगों, जिसमें एक मासूम बच्ची भी शामिल थी, की जान ले ली।

CRS/Eastern Circle: Final Report

ऐसा नहीं था कि बेड़ागर्क (गर्ग) महाशय को इस बात की जानकारी नहीं थी, लेकिन बिहार जैसे राज्य जहाँ मदिरा का सेवन प्रतिबंधित और निषेधित है, वहां रोज-रोज दो क्रैट बीयर और मुर्गे की टांग के व्यवस्थापक मंडल इंजीनियरिंग के मुखिया नाराज न हो जाएँ, इसलिए बेड़ागर्क महाशय ने चुप्पी साध ली और मुफ्त की बीयर की चुस्कियाँ लेते रहे, और किसी भी दोषी के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की।

सीआरएस की रिपोर्ट में पूर्व सीएओ/कंस्ट्रक्शन/ईसीआर श्री श्री 420 कुमार की जाति आधारित व्यवस्था के तहत आयातित सेक्शनल सीनियर डीईएन समेत कई लोगों को इस रेलवे ट्रैक के मेंटेनेंस के लिए जिम्मेदार माना गया है, और उनके भ्रष्टाचार तथा अकर्मण्यता के कारण पाँच लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा।

Some Excerpts of CRS Final Report

क्या अब भी बेड़ागर्क (गर्ग) महाशय को कोई और सबूत चाहिए या फिर दो क्रैट बीयर और मुर्गी की दो टाँगों के लालच में वह और बलि खोज रहे हैं? इन महाशय को सारी बातों की जानकारी है, रोज इनकी आखों के सामने लोगों की जान से खेला जाता है, लेकिन दारू के नशे में बंद इनकी आँखें सत्य देखने से गुरेज कर रही हैं।

क्या यह सच नहीं है कि बीते हफ्ते में बख्तियारपुर स्टेशन पर इनके मातहतों की गलती के कारण रेल बक्लिंग जैसी खतरनाक दुर्घटना हुई, क्या यह सच नहीं है कि बीते हफ्ते बक्सर-डीडीयू सेक्शन में धीना गुड्स लाइन में एक ट्रेन का डीरेलमेंट हुआ? मामला दबा दिया गया! क्या यह सच नहीं है कि बीते हफ्ते में पटना-गया लाइन में एक अनधिकृत लोकेशन पर मेजर एक्सीडेंट होते होते बचा?

क्या बेड़ागर्क (गर्ग) महाशय बता पाएँगे कि कितने लोगों पर कार्रवाई की गई? जबाब है किसी पर नहीं ! कारण बताने की जरूरत नहीं है, बस दो क्रैट बीयर और मुर्गे की टांग! पैसे से बंधे हुए हाथ और दारू के नशे में बंद आँख-कुछ भी करने और देखने के तैयार नहीं है। इस गंभीर दुर्घटना की सीआरएस रिपोर्ट को आए हुए एक महीना हो गया, लेकिन बेड़ागर्क (गर्ग) महाशय महाभ्रष्ट और महाअकर्मण्य मंडल इंजीनियरिंग मुखिया के इशारे पर नाच रहे हैं, इसीलिए किसी पर कोई ऐक्शन नहीं लिया।

शातिर चीफ ट्रैक इंजीनियर (#CTE) जो बेडागर्क महाशय का एग्रीगेटर (#aggregator) है, वह भी इनको अपने जाल में फंसा रखा है। हाल फिलहाल में कई ट्रांसफर/पोस्टिंग की गई हैं। कुछ लोग जिन पर केंद्रीय सतर्कता आयोग (#CVC) के आदेश पर विजिलेंस जांच चल रही थी, उनको शिफ्ट किया गया, उनको उसी समय क्यों नहीं हटाया गया जब विजिलेंस विभाग मामले की जांच कर रहा था, उनको सबूतों से छेड़छाड़ का अवसर क्यों दिया गया? मालदार पोस्ट पर बिठाकर “खाओ और खिलाओ” के मंत्र पर काम क्यों किया गया? जिन पर भी विजिलेंस जांच चल रही है, उनको वसूली के काम पर लगाया है, ताकि वे यदि पकड़े भी जाएँ, तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा।

प्रधानमंत्री महोदय आपके रेलमंत्री को कहने या बताने का कोई फायदा नहीं है, वह भी अब अपने रिटायरमेंट की व्यवस्था में व्यस्त हैं। उनको रेल या रेलयात्रियों के जान-माल की सुरक्षा से कोई लेना-देना नहीं है। उनका मानना है कि उनका कोई कुछ नहीं कर सकता। खैर, उनसे अब कोई उम्मीद भी नहीं रह गई है। पूरा देश मोदी की गारंटी पर अपना मत दे रहा है, मोदी जी क्या यही है आपकी गारंटी कि निर्दोष अपनी जान दे और दोषी आनंद ले? क्या यही आपकी गारंटी है कि एक शीर्ष पद पर बैठा व्यक्ति दो क्रैट बीयर के लिए पूरी रेल व्यवस्था को आग लगा दे?

मोदी जी, बस आपसे ही उम्मीद है, भारतीय रेल को इन पापियों से बचा लीजिए। इस दुर्घटना के लिए जिम्मेदार सभी अधिकारियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज होना चाहिए, और इनको अविलम्ब सेवा से बर्खास्त किया जाना चाहिए।

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