टूंडला प्रकरण: डीटीएम के विरुद्ध स्टाफ की शिकायत विजिलेंस जांच के लिए एसडीजीएम को फारवर्ड
केवल मातहतों के साथ ही नहीं, बल्कि सभी के साथ हद दर्जे तक बदतमीज और बदजुबान है डीटीएम/टूंडला!
जांच के नाम पर हुई केवल लीपापोती, प्रशासन और अधिकारियों की नाक नीची न हो, इसलिए विवादास्पद डीटीएम को बचाकर केवल स्टाफ के विरुद्ध हुई एकतरफा कार्रवाई
डीटीएम टूंडला के बजाय सीनियर डीसीएम प्रयागराज को बनाया गया बलि का बकरा! निशाना कहीं और था, लगाया गया कहीं और!
टूंडला स्टेशन पर 13.09.2022 को घटित अवैध वेंडर्स की धरपकड़ के प्रकरण में प्रमुख रूप से विवादित/दोषी अधिकारी – डीटीएम टूंडला – को छोड़कर इस मामले को सही ढ़ंग से हैंडल न करने के नाम पर विपिन कुमार सिंह, सीनियर डीसीएम प्रयागराज को बलि का बकरा बनाकर आनन फानन में उनका स्थानांतरण भी कर दिया गया, जबकि इस पूरे प्रकरण में उनका कोई सीधा दखल नहीं था, क्योंकि टूंडला एरिया का संपूर्ण प्रभार – वाणिज्य सहित – डीटीएम टूंडला के पास है, और डीटीएम टूंडला, सीनियर डीसीएम को नहीं, सीधे सीनियर डीओएम और डीआरएम/प्रयागराज को रिपोर्ट करते हैं।
उपरोक्त प्रकरण में प्रयागराज मंडल और उत्तर मध्य रेलवे प्रशासन दोनों ने ही अपनी गैरजिम्मेदारी का भरपूर परिचय दिया है। सर्वप्रथम मंडल मुख्यालय ने उसी अधिकारी – डीटीएम टूंडला – को प्रकरण की जांच सौंपी, जिसकी उपस्थिति और संरक्षण में उक्त शर्मनाक घटना घटित हुई। इससे निष्पक्षता की उम्मीद कोई भी नहीं कर सकता था। जबकि होना यह चाहिए था कि मंडल मुख्यालय अथवा जोनल मुख्यालय से तीन अलग-अलग विभागीय अधिकारियों की एक टीम पूरी घटना की जांच के लिए टूंडला भेजी जाती। तब सही स्थिति प्रशासन के समक्ष आने की उम्मीद की जा सकती थी।
उल्लेखनीय है कि अवैध वेंडर्स की धरपकड़ और यात्रियों से ओवर चार्जिंग तथा स्टेशन पर होने वाली अन्य अनियमितताओं की जांच के स्टैंडिंग आर्डर रेलवे बोर्ड से लेकर जोनल एवं मंडल मुख्यालय से भी सभी स्टेशनों पर दिए गए हैं। ऐसे में जब टूंडला स्टेशन पर संबंधित स्टाफ ने यह कार्रवाई की, तब रेल प्रशासन उसे दोषी कैसे ठहरा रहा है? धरपकड़ की पूर्व सूचना आरपीएफ और जीआरपी को नहीं दिए जाने के पीछे स्टाफ ने जो कारण या तर्क दिया है, वह बहुत सही है कि यह दोनों तथाकथित सुरक्षा एजेंसियां अवैध वेंडर्स को न केवल सूचित कर देती हैं, बल्कि इनके संरक्षण में ही स्टेशनों पर हर प्रकार की अवैध गतिविधियां संचालित होती हैं, और यह तथ्य अब किसी से भी छिपा हुआ नहीं है।
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इसके अलावा, स्टाफ ने जब आदेशानुसार संयुक्त रूप से कार्रवाई की, तब उसे बयान अलग-अलग देने के लिए क्यों कहा गया? बयान के लिए कंट्रोल मैसेज देकर क्यों बुलाया गया? इसके लिए लिखित आदेश क्यों नहीं जारी किया गया? स्टाफ का कहना है कि वह सभी लोग बयान देने के लिए एकसाथ डीटीएम कार्यालय नहीं पहुंचे थे, सब अलग-अलग गए थे। जबकि डीटीएम टूंडला का कहना है कि यह सब उनके साथ मारपीट करने के उद्देश्य से एकसाथ आए थे। इन दोनों कथनों का निष्पक्ष आकलन मंडल या जोनल मुख्यालय से गई कोई निष्पक्ष जांच टीम ही कर सकती थी।
तथापि जब स्टाफ डीटीएम कार्यालय बयान देने पहुंचा था तब उसके अनुसार डीटीएम ने उन सभी के साथ अत्यंत अभद्र और बदतमीजीपूर्ण भाषा में बात की थी, जिसका उल्लेख स्टाफ ने सीनियर डीसीएम प्रयागराज को संबोधित अपनी स्पेशल रिपोर्ट में किया है। इस रिपोर्ट की प्रति डीआरएम प्रयागराज सहित पीसीसीएम एवं जीएम/उ.म.रे. को भी भेजी गई है। इसके अलावा, जिस बदजुबान में डीटीएम ने स्टाफ के साथ बर्ताव किया, लगभग वही बदजुबानी उनके कार्यालयीन स्टाफ ने भी की।
डीटीएम के स्टाफ ने जब स्टेशन स्टाफ के विरुद्ध झूठी एफआईआर दर्ज कराई, तब डीटीएम टूंडला ने उसे रोका क्यों नहीं? यहां पर उनका कर्तव्य क्या था? क्या स्टेशन स्टाफ उनके लिए सौतेला था? या उसने गलत/नियम विरुद्ध कार्रवाई की थी? अथवा डीटीएम टूंडला किसका बचाव कर रहे थे, यह कौन तय करेगा? डीटीएम टूंडला को जब वाणिज्य विभाग का कामकाज भी सौंपा गया, जिसे उन्होंने जबरन सौंपा गया बताया है, तब इस पोस्टों को सीधे सीनियर डीसीएम प्रयागराज और पीसीसीएम के मातहत क्यों नहीं रखा गया? क्या केवल परिचालन संबंधी कार्य ही इस पोस्ट को सीनियर डीओएम एवं पीसीओएम के मातहत रखने के लिए पर्याप्त है?
सवाल यह भी है कि स्टेशन स्टाफ को किसलिए प्रताड़ित और दंडित किया गया – अवैध वेंडर्स के विरुद्ध कार्रवाई के लिए, या डीटीएम टूंडला के साथ किए गए व्यवहार के लिए – रेल प्रशासन ने यह स्पष्ट नहीं किया है। अगर व्यवहार के लिए प्रशासनिक ट्रांसफर (दंडित) किया गया है, तो यही प्रक्रिया डीटीएम टूंडला के विरुद्ध भी क्यों नहीं अपनाई गई? क्योंकि वेंडर्स के विरुद्ध कार्रवाई के लिए तो प्रशासन कुछ कह/कर नहीं सकता, स्पष्ट है कि कथित दुर्व्यवहार की बात पर स्टाफ के विरुद्ध स्थानांतरण की एकतरफा कार्रवाई केवल अधिकारियों की नाक नीची नहीं होने देने के लिए की गई!
मंडल मुख्यालय द्वारा 21.09.22 को प्रशासनिक आधार पर जिन कर्मचारियों का स्थानांतरण टूंडला से बाहर किया गया था, उनमें से कितने लोग स्पेयर हुए या यह आदेश भी केवल हवा-हवाई है? प्राप्त जानकारी के अनुसार अभी तक केवल एक स्टाफ सीपी गर्ग – सीआईटी/स्टेशन – ने सोनभद्र स्टेशन पर ज्वॉइन किया है, जबकि सीएमआई और अन्य स्टाफ अपनी नई जगह पर एक-दो दिन में ज्वॉइन करने वाला है। लेकिन इस पूरे फसाद की जड़ भैरूलाल मीणा, जिसका स्थानांतरण टूंडला से मानिकपुर किया गया है, को डीटीएम टूंडला द्वारा छुट्टी पर भेज दिया गया। अंडर ट्रांसफर स्टाफ को छुट्टी किस आधार पर दी गई? उसे यह फेवर क्यों किया गया? यह न केवल अनुशासनिक जांच का विषय है, बल्कि डीटीएम टूंडला के इसी कृत्य में उनके दुष्ट आचरण के सभी तथ्य समाहित हैं।
खबर यह भी है कि भैरूलाल मीणा को छोड़कर सभी स्टाफ के घर पर डीटीएम टूंडला द्वारा स्पेयर लेटर की कॉपी चस्पा करा दी गई। आखिर भैरूलाल मीणा घर पर यह स्पेयर लेटर चस्पा क्यों नहीं कराया गया? पंद्रह साल से अधिक एक ही स्टेशन पर जमे इस ‘खैरातीलाल’ को अब तक स्पेयर क्यों नहीं किया गया? क्या डीटीएम टूंडला द्वारा अपने इस खास बगलबच्चे का यह अनुपयुक्त फेवर नहीं है? इससे स्पष्ट है कि डीटीएम टूंडला कहीं न कहीं भैरूलाल मीणा को संरक्षण दे रहे हैं! मगर प्रश्न यह है कि मंडल और जोनल प्रशासन इस पर इतना अधिक कर्तव्यच्युत क्यों है? यह क्यों नहीं पता लगाया जाता कि लंबे समय से एक ही जगह टिके इन तमाम खैरातीलालों के संरक्षक/गॉडफादर कौन लोग हैं?
जानकारों का कहना है कि अगर उसे छुट्टी पर भी भेजा गया, तो भी छुट्टी के बाद नए स्थान पर ज्वॉइन करने का स्पेयर लेटर उसके घर पर चस्पा क्यों नहीं किया गया? उनका यह भी कहना है कि मंडल प्रशासन अपने इस आदेश पर अमल क्यों नहीं करा पा रहा है? मंडल प्रशासन इतना मजबूर क्यों है कि वह कभी-भी निष्पक्षता से कोई काम करने का संदेश नहीं दे पाता!
उन्होंने कहा कि वैसे भी इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच के लिए यह आवश्यक था कि सभी आरोपी-प्रत्यारोपी कर्मियों और अधिकारी को पहले टूंडला से अन्यत्र शिफ्ट किया जाना चाहिए था। ऐसा न करके केवल लीपापोती करने के उद्देश्य से और डीटीएम टूंडला के बचाव में अर्थात अधिकारियों की नाक बचाने के लिए ही मंडल एवं जोनल प्रशासन ने अपनी गैरजिम्मेदारी का परिचय दिया है। खबर है कि मामला एससी/एसटी आयोग तक जा पहुंचा है, जिसमें डीटीएम टूंडला के विरुद्ध जातिगत उत्पीड़न संबंधी आरोप लगाए गए हैं। खबर यह भी है कि फिरोजाबाद के लोकसभा सांसद ने रेलमंत्री और सीआरबी को पत्र लिखकर डीटीएम टूंडला के विरुद्ध कड़ा ऐक्शन लेने की सिफारिश की है।
अब जहां तक बात डीटीएम टूंडला की कथित ‘शराफत’ की है, तो उससे अधिक बदतमीज और बदजुबान अधिकारी शायद पूरे उत्तर मध्य रेलवे में नहीं होगा। 22 सितंबर को 14.39 बजे व्हाट्सएप पर #Railwhispers को कॉल करके उन्होंने जिस बदतमीजी से बात की और ऐसे सवाल जवाब करने लगे जैसे हम उनके मातहत हों, परंतु समुचित उत्तर मिलने के बाद जिस तरह चापलूसी पर उतर आए, उससे उनके व्यवहार, व्यक्तित्व और उनकी कार्य प्रणाली को बहुत अच्छी तरह समझा जा सकता है।
उन्होंने कहा कि उस दिन बयान देने नहीं, बल्कि आरोपी स्टाफ एक साथ उन्हें पीटने के उद्देश्य से आया था, मगर उनके सामने कुछ स्थानीय पत्रकार बैठे होने से वह लोग ऐसा नहीं कर पाए, और हमारे कार्यालयीन स्टाफ के साथ धक्का मुक्की तथा गाली गलौज करने लगे। उन्होंने कहा कि आरोपी स्टाफ ने उनके चीफ ओएस विनय गुप्ता, जो कि साढ़े उनसठ साल के हैं, को उन लोगों ने ऐसा धक्का मारा कि वह नीचे गिरकर बेहोश हो गए थे। ज्ञातव्य है कि गुप्ता ने अपनी एफआईआर में अपनी पैदाइश सन 1968 लिखाई है। उन्होंने ऐसी ही कई विसंगतिपूर्ण जानकारियां पूरे जोश में दिया। इसके साथ ही यह भी कहा कि एसपी/जीआरपी को फोन करके उन्होंने ही वेंडर्स के खिलाफ स्टाफ की एफआईआर दर्ज करने के लिए कहा था। जबकि स्टाफ अपनी शिकायत में उनकी इस बात को झुठला चुका है।
डीटीएम टूंडला के उपरोक्त कथन पर जब उनको बताया गया कि यह आपका पक्ष है, परंतु केवल वही सच नहीं है जो आप बताए हैं। इस पर उन्होंने कहा कि इसका मतलब यह है कि “आप स्टाफ से पैसा लेकर उनकी खबर छाप रहे हैं!” इस पर जब उनसे कहा गया कि ऐसा आप कह सकते हैं, क्योंकि इस पूरे प्रकरण में लगभग सभी तथ्य और साक्ष्य आपके विरुद्ध हैं। तब पुनः उन्होंने अपना उपरोक्त कथन दोहरा दिया।
इस पर जब उनसे यह कहा गया कि ठीक है, इस बारे में हम आपके डिवीजनल और जोनल प्राधिकारियों लगातार अपडेट ले रहे हैं, अब आप अपने इस आरोप को साबित करो, वरना आपके विरुद्ध मानहानि का केस दाखिल किया जाएगा और अभी तुरंत आपकी इस बदजुबानी की जानकारी जीएम एवं सीआरबी को दी जाएगी।
इसके बाद वह एक तमिलियन होने का बहाना बनाकर भाषा की दुहाई देते हुए चापलूसी पर उतर आए, वह सब यहां लिखना व्यर्थ है, क्योंकि करीब डेढ़ घंटे उन्होंने जो-जो दुहाई दी, उससे उनका पूरा चरित्र उजागर हो गया। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह अधिकारी कितना उद्दंड और निरंकुश है। इससे यह भी अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह उक्त स्टाफ के साथ किस तरह पेश आया होगा!
सोशल मीडिया पर फर्जी संवेदनशील व्यक्तित्व का चोला ओढ़े रहते हैं डीटीएम टूंडला और इसके विपरीत महिला चेयरमैन की ही तरह अपने कार्यालय में “निकल जा, चल भाग जा, कोई घंटा उखाड़ लेगा मेरा” जैसे स्तरहीन शब्दों से मातहत स्टाफ को बेइज्जत किया और जब स्टाफ ने इस प्रकार के उनके आचरण का विरोध किया तो अपने कार्यालय के स्टाफ से झूठी एफआईआर दर्ज करा दी। लेकिन इस बार दांव उल्टा पड़ गया और डीटीएम टूंडला का मुखौटा जगजाहिर हो गया। जब प्रबंधन कोई निर्णय नहीं ले सका, तो स्वयं वाणिज्य विभाग के कर्मचारियों ने ही इनके विरुद्ध मोर्चा खोल दिया है।
उल्लेखनीय है कि उक्त प्रकरण के संबंध में प्रयागराज मंडल एवं जोनल मुख्यालय के सक्षम अधिकारियों को वह सब जानकारी दी गई थी, जो सामान्यतः उन तक न तो कभी पहुंचती है, न ही उनका कोई मातहत उन्हें बताने का साहस जुटा पाता है। इसके साथ ही यह भी कहा गया था कि डीटीएम टूंडला को वहां से हटा लेना ही उसके लिए बेहतर होगा। तथापि प्रयागराज मंडल एवं जोनल प्रशासन ने केवल अधिकारियों की नाक नीची न होने पाए, इसलिए ऐसा करना आवश्यक नहीं समझा। जबकि एटीएम में ज्वाइनिंग से लेकर अब तक लगभग छह साल से वह एक ही जगह पर पदस्थ हैं।
प्रमोशन पर ट्रांसफर के नियम को ताक पर रखकर सीनियर स्केल में प्रमोशन भी उसी जगह दिया गया, जबकि कर्मचारियों के मामले में यही अधिकारी नियमों की दुहाई देते नहीं थकते। फिलहाल ट्रांसफर न करने के लिए एक कुतर्क यह दिया जा रहा है कि जल्दी ही उसका जेएजी में प्रमोशन होने वाला है। यह वैसा ही तर्क है जैसा छह साल से पीसीओएम/ईसीआर के पद पर बैठे एक अतिभ्रष्ट अधिकारी के लिए रेलवे बोर्ड द्वारा दिया गया था कि कुछ ही महीने बाद उसका रिटायरमेंट होने वाला है। इसी तरह के कुतर्कों के चलते ही रेल प्रबंधन एवं प्रशासन में जंग लग गई है और इसीलिए चौतरफा भ्रष्टाचार तथा मनमानी का बोलबाला है। “ऑन द स्पॉट ऐक्शन” लेने के बजाय अधिकारियों के कथित औचक निरीक्षण केवल दिखावा मात्र बनकर क्यों रह गए हैं!
आरोपी/दोषी ठहराकर अलग-अलग स्टेशनों पर स्थानांतरित किए गए स्टाफ की स्पेशल रिपोर्ट (शिकायत) में डीटीएम टूंडला के विरुद्ध कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं, जिनमें पर्याप्त विजिलेंस ऐंगल स्वत: परिलक्षित हो रहा है। अब स्टाफ की इसी स्पेशल रिपोर्ट को वीडियो/ऑडियो एवं अन्य साक्ष्यों के साथ पीसीसीएम/उ.म.रे. द्वारा 26 सितंबर को विजिलेंस जांच के लिए वरिष्ठ उपमहाप्रबंधक (एसडीजीएम) को फारवर्ड किया गया है। संभवतः इस विजिलेंस जांच में दोनों पक्षों की अवैध वेंडर्स के साथ कथित संलिप्तता और अन्य अनियमितताओं के पर्याप्त प्रमाण मिल जाएंगे। स्टाफ की लिखित शिकायत यहां ज्यों की त्यों प्रस्तुत है –
पत्रांक CMI/TDL/ALL CIT/TDL/SPL/REPORT/SEPT.2022, DATE 16/09/2022
वरिष्ठ मण्डल वाणिज्य प्रबंधक
उत्तर मध्य रेलवे, प्रयागराज
विषय: DTM/TDL महोदय द्वारा टूंडला स्टेशन पर अवैध वेंडिंग को अनैतिक बढ़ावा एवं आधिकारिक संरक्षण देने के चलते अधोहस्ताक्षरियों (CMI, CIT/STN, CIT/LINE, CIT/RAID) के खिलाफ अपने चहेते स्टाफ के अनैतिक साधन हेतु द्वेष भावना एवं षड़यंत्र के तहत अपने कार्यालय स्टाफ द्वारा झूठी FIR दर्ज करवाकर प्रताड़ित करने, नौकरी खा जाने, जान से मारने की धमकी दिए जाने के सम्बन्ध में।
महोदय,
उपरोक्त विषय में अवगत कराना है कि इस सम्बन्ध में सम्पूर्ण घटना एवं कृत्यों का विवरण निम्न प्रकार है –
1. दिनांक 13/09/2022 को अधोहस्ताक्षारियों द्वारा अधीनस्थ चेकिंग स्टाफ के साथ टूंडला स्टेशन के प्लेटफोर्म नंबर 5/6 पर गाड़ी संख्या 15708 एवं 14006 के आगमन पर अनधिकृत वेंडिंग की रोकथाम हेतु चेकिंग करायी गयी। इसमें 9 वेंडर अनधिकृत/अनियमित वेंडिंग करते हुए पकड़े गए, जिनके पास वैध मेडिकल, आईडी कार्ड, वेंडिंग टोकन इत्यादि नहीं पाए गए। सभी पकडे गए वेंडरों को CIT/STN कार्यालय में लाकर रिपोर्ट तैयार की जा रही थी। इस सम्बन्ध में IPF/TDL श्री अमित चौधरी से भी लगभग 21:12 बजे सहयोग माँगा गया। लेकिन उनके द्वारा कोई सहयोग नहीं किया गया, बल्कि यह कहकर मना कर दिया गया कि आपने पकड़े हैं तो वेंडर को आप ही देखिये। वेंडरों के आईडी कार्ड, मेडिकल, प्लेटफार्म वेंडिंग के टोकन आदि की जाँच एवं रिपोर्टिंग की प्रक्रिया चल ही रही थी कि इसी बीच वीकेश यादव जो कि M/s R K FOOD PRODUCTS के मैनेजर हैं, अपने 2 भाइयों मुलायम, अभय (धांसू) व आसू नामक वेंडर के साथ टीसी कार्यालय में 10-12 व्यक्तियों के साथ आया तथा हंगामा करने लगा। संयुक्त टीम सदस्यों एवं अधोहस्ताक्षारियों के साथ गाली गलौज, हाथापाई, मारपीट एवं घर जाकर जान से मारने की धमकी व अभद्रता करने लगा तथा जबदस्ती पकडे गए वेंडरों को वहाँ से भगा ले गया एवं जो खाद्य सामग्री थी उसे भी ले गया। कार्यालय के सरकारी दस्तावेज भी फाड़ दिए एवं उन वेंडरों के आईडी कार्ड, मेडिकल व वेंडिंग टोकन आदि सभी को उठाकर ले गया।
इस पर फिर से IPF/TDL श्री अमित चौधरी को फोन किया गया एवं पूरी स्थिति बताई गयी तो उनके द्वारा वेंडरों का फेवर किया गया तथा फिर से ये दोहराया गया कि आप वेंडर चेक ही क्यों करते हो, अब आप ही जानो। महोदय, वीकेश यादव का बड़ा भाई मुलायम, सीआईबी इंस्पेक्टर के यहां काम करता है तथा अभय स्वयं आरपीएफ इंस्पेक्टर के यहां काम करता है एवं अवैध वेंडर चलाते हैं। इसीलिए IPF/TDL ने सहयोग देने से मना कर दिया।
2. घटना के बाद की गयी कार्यवाही – घटना के दौरान DTM/TDL महोदय को फोन से सुचना दी गयी। उन्होंने वहां चल रहे घटनाक्रम को सुना, लेकिन कुछ कहा नहीं। घटना के बाद सम्पूर्ण घटनाक्रम की जानकारी फिर से DTM/TDL को दी गयी जिस पर उन्होंने कहा कि ठीक है मैं देखता हूँ। इनके अलावा सीनियर डीसीएम/प्रयागराज एवं कमर्शियल कंट्रोल टूंडला को भी यह जानकारी दी गई।
वीकेश यादव, मुलायम एवं अभय (धांसू) एवं अन्य के खिलाफ जीआरपी थाने में रिपोर्ट दर्ज करायी गयी तथा एसपी/जीआरपी को घटना की सूचना दी गयी। (FIR की प्रति संलग्न है)। यदि DTM/TDL चाहते तो जो आरपीएफ हमारे बुलाने से नहीं आई, वो आरपीएफ को भेज सकते थे लेकिन उन्होंने ऐसा कोई कदम नहीं उठाया।
3. दिनांक 15/09/2022 को कमर्शियल कंट्रोल टूंडला द्वारा फोन से DTM/TDL कार्यालय आकर दिनांक 13/09/2022 की उक्त घटना के सम्बन्ध में स्टेटमेंट देने हेतु कहा गया। 15/09/2022 को लगभग 12:30 बजे हम सभी संयुक्त टीम से (CMITDL, CIT/STN, CIT/LINE, CIT/RAID) DTM/TDL कार्यालय पहुंचे। जैसे ही DTM साहब के सामने आये उनके द्वारा घटना के सम्बन्ध में कोई सवालात व जानकारी नहीं ली गयी, बल्कि हमें देखते ही गुस्से से लाल पीले होकर बोले कि तुमने वेंडरों की FIR क्यों की। ‘जब हमारे द्वारा आपको घटना की जानकारी दी थी तब आपके द्वारा कुछ नही किया गया!’ इतना सुनते ही DTM महोदय द्वारा मां-बहन की गालिया दी गयीं व जाति सूचक शब्दों का इस्तेमाल किया गया और नौकरी से सस्पेंड एवं बर्खास्त करने की धमकी दी। अपनी पॉवर बताने के लिए कहा कि 1200 उच्च अधिकारियों एवं 30 पत्रकारों से सम्बन्ध होने की बात कहकर धमकी दी, जलील करते हुए एवं अशोभनीय शब्द बोलते हुए ऑफिस से बाहर कर दिया। जैसे ही हम कार्यालय से बाहर निकले थोड़ी देर में एक पत्रकार DTM महोदय के पास आ गया जैसे DTM महोदय द्वारा उसे बुलाया गया हो।
बाहर आने के बाद COS/DTM/TDL श्री लाल सिंह एवं वसीम खान द्वारा हमें स्टेटमेंट देने हेतु कहा गया। जब हम COS के पास आये तो वहां पर हमें इस तरह से आदेशित कर स्टेटमेंट मांगे जैसा कि हम बहुत बड़े मुजरिम हों। हम से कहा गया कि अलग अलग एवं दूर दूर बैठकर स्टेटमेंट दो। फिर हमारे द्वारा विरोध स्वरुप एक संयुक्त स्पेशल रिपोर्ट देने की बात कही गयी तो वसीम खान, लाल सिंह, विनय गुप्ता एवं अन्य स्टाफ द्वारा बेहद बदतमीजी की गयी एवं अपमानित करते हुए बोले कि DTM/TDL के आदेश हैं इसीलिए जैसा कहें वैसा करो, जैसा DTM/TDL चाहते हैं वैसा स्टेटमेंट दो। इस पर हम सभी ने विरोध किया और हम यह कहकर बाहर आ गए कि हम दबाव में आपके अनुसार स्टेटमेंट नही दे सकते तो उन्होंने हमको DTM/TDL महोदय की तरह ही गाली गलौज एवं जाति सूचक शब्दों का प्रयोग किया और यहां तक कहा कि ‘सालों को किसी भी केस में फंसा देंगे’ व जान से मारने की धमकी दी।
4. इसके तुरंत बाद DTM महोदय द्वारा पुलिस को बुलाया गया एवं अपने अधीनस्थ स्टाफ विनय गुप्ता से हमारे खिलाफ हमको प्रताड़ित करने, केस में फंसाने एवं रिटायर्मेंट खराब करने के घिनौने उद्देश्य से FIR दर्ज कराई गयी जबकि FIR हम लोगों द्वारा दर्ज करायी जानी थी क्योंकि अभद्रता बदतमीजी एवं जाति सूचक शब्दों का बार बार प्रयोग हमारे लिए DTM/TDL महोदय व उनके स्टाफ द्वारा किया गया था। जब हमें पता लगा कि पुलिस हमें ढूंढ रही है तो फिर हमारे द्वारा भी एक FIR मुख्यमंत्री पोर्टल पर संबंधितों के खिलाफ दर्ज की गयी।
महोदय, हम लोगों द्वारा रेलहित में एवं महाप्रबंधक महोदय द्वारा अवैध एवं अनधिकृत वेंडिंग, ओवर चार्जिंग एवं अन्य अनियमितताओं की जाँच एवं रोकथाम हेतु आदेशों के अनुपालन में समय समय पर अभियान चलाये गए और उसकी रिपोर्ट DTM महोदय एवं मण्डल कार्यालय को समय समय पर भेजी गयी। इसी क्रम में दिनांक 13/09/2022 को भी अवैध वेंडिंग एवं अन्य अनियमितताओं के खिलाफ जाँच अभियान रेलहित में चलाया गया था लेकिन DTM/TDL महोदय द्वारा द्वेष भावना एवं अपने चहेते भैरू लाल मीणा को अनैतिक लाभ पहुंचाते हुए अपने स्टाफ द्वारा हमारे खिलाफ़ FIR दर्ज करा दी गयी।
5. महोदय, इस सम्बन्ध में कुछ घटनायें श्रीमान के संज्ञान में लाना चाहते हैं जो कि ये साबित करती हैं कि DTM महोदय अपने पद व पॉवर का दुरूपयोग कर किस तरह से वाणिज्य विभाग के कर्मचारियों को प्रताड़ित एवं जलील करते हैं तथा अपने चहेते कर्मचारियों को फायदा पहुंचाते हैं चाहे इसके लिए दूसरे कर्मचारियों की नौकरी जाये या जान जाये।
a) इसका प्रताड़ित करने का जीता जागता उदाहरण दिनांक 07/09/2022 को CIT/RAID श्री मुनीम लाल मीणा को द्वेष भावना एवं प्रताड़ित करने के उद्देश्य से निलंबित करना एवं कुछ दिन बाद स्वयं बहाल किया। इनके निलंबन का कण्ट्रोल मेसेज दिया गया जिसकी छायाप्रति संलग्न है, लेकिन निलंबन हेतु नियमानुसार SF-1 एवं SF-4 जारी नहीं कर अभी तक रिसीव नहीं कराया है।
b) जब से DTM महोदय टूंडला में कार्यरत हैं तभी से इनका रवैया वाणिज्य विभाग के प्रति नकारात्मक एवं द्वेषपूर्ण रहा है, क्योंकि वाणिज्य विभाग के सभी सीनियर सुपरवाइजर (CMI, CITs, CRS) को उनके अधीनस्थ स्टाफ के सामने प्रताड़ित/अपमानित करते हैं तथा सीबीआई/विजिलेंस आदि की धमकी आये दिन देते हैं जैसे वाणिज्य कर्मचारी चोर है अथवा फ्रॉड है | जबकि इनके कार्यकाल में आजतक महाप्रबंधक महोदय, मण्डल रेल प्रबंधक महोदय एवं मण्डल के उच्च अधिकारियों द्वारा निरीक्षण में वाणिज्य विभाग से सम्बंधित कोई कमी नहीं पाई गयी।
c) इनके द्वारा चहेते स्टाफ को फेवर करने का उदहारण सबके सामने है कि भैरू लाल मीणा, वाणिज्य पर्यवेक्षक के पद पर कार्यरत है, लेकिन DTM महोदय ने उनको बुकिंग में कार्य न कराकर कमर्शियल कण्ट्रोल में लगा दिया है लेकिन वहां भी कोई ड्यूटी कार्य न करके भैरू लाल मीणा, DTM महोदय के साथ निजी सहायक की तरह कार्य कर रहे हैं और वाणिज्य विभाग को DTM महोदय की तरफ से दिए जाने वाले सभी आदेश निर्देश भैरू लाल मीणा द्वारा ही दिए जाते हैं और मण्डल कार्यालय के आदेशों को न मानकर अपने चहेते भैरू लाल मीणा को शह दे रखी है। इनको टूंडला स्टेशन पर कार्य करते हुए 15 साल से ज्यादा का समय हो गया।
d) DTM महोदय के चहेते भैरुलाल मीणा के माध्यम से मण्डल कार्यालय के वाणिज्य विभाग द्वारा किये गए डिप्लोमेट को भी अपने मनमाफिक बदल देते हैं जिसका तजा उदहारण शिकोहाबाद स्टेशन के बुकिंग कार्यालय में कमी होने के बावजूद भी जबरन बुकिंग स्टाफ मोहम्मद साहिल को कण्ट्रोल ऑफिस टूंडला में कार्य करने हेतु आदेशित कर स्पयेर करवा दिया गया है जिसकी सुचना वरिष्ठ मण्डल वाणिज्य प्रबंधक महोदय तक को नही थी। दूसरा उदहारण श्री लाल चंद चौधरी DY CIT/ALJN जो भैरुलाल मीणा के खास व बेहद करीबी हैं, जिसकी पोस्टिंग अलीगढ है, लेकिन बिना सीनियर डीसीएम के आदेश के टूंडला में लगा रखा है। इस प्रकार के कई उदहारण और भी हैं, जिसमें ये साफ साफ इंगित होता है कि DTM महोदय द्वेष भावना से कार्य करते हैं तथा उनके चहेते भैरुलाल मीणा के माध्यम से वाणिज्य कार्य को प्रभावित करते हैं तथा दबंगई करते हैं। इनका कहना ये भी है कि जो भी कुछ हैं DTM/TDL ही हैं।
e) महोदय श्री भैरू लाल मीणा लाइसेंसियों के मैनेजर विशेषकर वीकेश यादव के साथ अपने आवास पर बुलाकर एवं DTM महोदय से मिलवाने की बात कर अपने आप को DTM/TDL का स्पेशल CMI बताकर उनसे अवैध वसूली करते हैं एवं उनको आश्वस्त किया जाता है कि DTM महोदय का उन पर हाथ रहेगा जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण दिनांक 13/09/2022 की घटना आपके सामने है जिसमें भैरू लाल के पालतू वेंडर वीकेश यादव एवं उसके साथियों द्वारा स्टेशन पर सरकारी कार्यालय में इतनी बड़ी घटना को अंजाम देने पर भी DTM/TDL द्वारा उनके खिलाफ कोई एक्शन नही लेना और उलटे CMI और CITs के खिलाफ ही एक्शन लेना इस बात का साबित करता है कि भैरू लाल द्वारा वेंडरों को आश्वाशन DTM/TDL के निर्देशानुसार दिया जाता है जबकि वीकेश यादव पूर्व में भी CMI/TDL के साथ SS कार्यालय में अभद्रता कर चुका है, जिसकी रिपोर्ट लिखित में DTM/TDL महोदय को दी गयी थी।
13/09/2022 की उक्त घटना के बाद वीकेश यादव एवं कुछ वेंडर श्री भैरुलाल मीणा से जाकर मिले। श्री भैरुलाल मीणा को एक जिम्मेदार सुपरवाइजर होने के नाते वेंडरों से मिलने का कोई औचित्य नहीं था, न ही रेलहित में था। लेकिन ये वेंडरों के साथ मीटिंग किये और DTM/TDL की तरफ से उनको सहयोग देने की एवज में DTM/TDL के निर्देशानुसार लेनदेन कर भेज दिया। फलस्वरूप दिनांक 15/09/2022 को DTM/TDL के द्वारा हमें ऑफिस में बुलाकर गालियाँ दी जलील किया, बेइज्जत किया, जाति सूचक शब्दों का बार बार प्रयोग किया, नौकरी खाने की धमकी दी, झूठे केस में फंसाने की धमकी दी एवं वेंडरों के खिलाफ की गयी FIR को वापस लेने का दबाव बनाया। जब हमने उनके दबाव को स्वीकार नही किया तो उन्होंने अपने स्टाफ से हमारे खिलाफ एक झूठी FIR दर्ज करवा दी।
f) महोदय DTM/TDL द्वारा हम अधोहस्ताक्षरियों को पूर्व में भी कई बार कार्यालय में बुलाकर लगातार 2-2 दिन तक प्रताड़ित किया गया है। इसका उदाहरण दिनांक 10/08/2022 का है, जिसमें CMI/TDL को कण्ट्रोल मैसेज देकर बुलाया गया और जब CMI/TDL इनके कार्यालय पहुंचे तो वहाँ पर श्री लाल सिंह COS/TDL, श्री वसीम रजा COS/TDL एवं मोहम्मद साहिल SrBC/SKB थे। CMI/TDL को देखते ही उन्होंने कहा कि तुमने कल मोहम्मद साहिल को क्या बोला और जबाव देने से पहले उत्तेजित होकर गाली देने लगे एवं बोले कि ‘तू क्या घंटा जानता है, तू घंटा किसी का ट्रांसफर नहीं करा सकता।’ यहाँ तक कहा कि ‘तू SR DCM के दम पर मेरा घंटा करवा लेना’, उनके इस तरह बदतमीजी से बोलने पर टोका तो और ज्यादा उत्तेजित हो गए और कहा कि ‘तू मेरी जूती के बराबर भी नही है’ और बेइज्जत और अपमानित करके कार्यालय से बाहर निकाल दिया, जिसके बारे में CMI/TDL द्वारा उसी दिन सभी सुपरवाइजरों को बताया गया। महोदय, CMI/TDL द्वारा मोहम्मद साहिल से केवल यह पूछा गया था कि आप बिना सेक्शन CMI को सूचना दिए कैसे स्पयेर हो गए? जबकि सेक्शन के स्टाफ के अरेंजमेंट की जिम्मेदारी सेक्शन CMI की होती है। इसके अलावा हम सब अभी तक यह नहीं समझ पा रहे हैं कि DTM साहब CMI/TDL की तुलना बार बार “घंटा” से क्यों कर रहे हैं और ये घंटा का तात्पर्य क्या है।
g) इसी तरह की बहुत घटनाएं हैं। अभी कुछ दिनों पहले BIC/TC में कार्यरत श्री विश्राम सिंह STE/TDL को स्टेशन पर डांटा फटकारा, काफी उल्टा सीधा बोला, इससे भी इनका मन नहीं भरा तब गुस्से में रेलवे के CUG फोन को प्लेटफार्म पर फेंक दिया जो कि अभी तक खराब है। महोदय इतना सब करने के बाद इनकी दबंगई ये थी कि CIT/STN को बुलाकर कार्यरत टीसी श्री विश्राम सिंह का रेलवे डॉक्टर से अल्कोहल टेस्ट करवाया जिससे कि इनके द्वारा की गयी दबंगई सही साबित हो सके लेकिन अल्कोहल टेस्ट में अल्कोहल की मात्र निल आई।
महोदय DTM/TDL महोदय द्वारा इस प्रकार के कार्य जिसमें अवैध वेंडरों को शह देना व उन पर कोई कार्यवाही न करना, कार्यवाही करने पर कर्मचारियों को प्रताड़ित करना, धमकी देना, गाली गलौज करना, जाति सूचक शब्दों का बार बार प्रयोग करना, फर्जी निलंबन आदेश जारी करना, मारने की धमकी देना, नौकरी खाने की धमकी देना, फ़र्जी केस में फंसाने की धमकी देना आदि से हम और हमारा परिवार काफी भयभीत है। मानसिक रूप से प्रताड़ित है, यदि कल को भविष्य में हमारे साथ या हमारे परिवार के साथ कोई अनहोनी हो जाती है तो इसके लिए क्या DTM/TDL साहब एवं उनके चहेते स्टाफ जिम्मेदार नहीं होंगे? महोदय हमें DTM/TDL की ओर से जान और नौकरी के नुकसान का पूर्ण रूप से खतरा है।
महोदय, हम सभी आपसे निवेदन करते हैं कि ऊपर लिखित किसी भी तथ्य की किसी भी एजेंसी से कभी भी जाँच करवाकर सत्यापन कर सकते हैं, और साथ ही हम यह भी निवेदन करते हैं कि आप हमारी वर्तमान परिस्थितियों की गंभीरता को समझते हुए अपने न्यायप्रिय एवं दयालु हृदय से हमारे साथ न्याय करेंगे, ऐसी हमारी प्रार्थना एवं विश्वास है।
प्रतिलिपि:
DRM/PRYJ महोदय को आवश्यक कार्यवाही हेतु सादर सूचनार्थ
PCCM/PRYJ महोदय को आवश्यक कार्यवाही हेतु सादर सूचनार्थ
GM/NCR महोदय को आवश्यक कार्यवाही हेतु सादर सूचनार्थ
(मुनीम लाल मीना – CIT/RAID/TDL) (भूर सिंह मीना – CIT/LINE/TDL) (सी पी गर्ग – CIT/STN/TDL) (एस के मीना-CMI/TDL)
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