सतर्क हुआ रेल प्रशासन, बौखलाया चेकिंग स्टाफ!
गुरुवार, 21 अप्रैल 2022 को “प्लेटफॉर्म पर बनती हैं लंबी दूरी की टिकटें!“ शीर्षक से प्रकाशित खबर पर टिकट चेकिंग स्टाफ में बहुत तीव्र प्रतिक्रिया हुई है। हालांकि रेल प्रशासन (रेलवे बोर्ड) ने खबर का पूरी गंभीरता से संज्ञान लिया है। तथापि इस विषय पर कुछ वरिष्ठ चेकिंग स्टाफ की प्रतिक्रिया पूछे जाने पर उनका कहना था कि खबर सौ प्रतिशत सही है। उन्होंने कहा कि इस खबर से उन लोगों को बहुत तीव्र झटका लगा है, जो ऐसी टिकटें बनाते हैं, केवल उनको ही तकलीफ हो रही है, क्योंकि उनकी पोल खुल गई है।
उन्होंने कहा कि इन लोगों में वे लोग भी शामिल हैं, जो एक ही मुख्यालय में वर्षों से टिके हुए हैं। जिनका मुख्यालय पिछले 20-25 सालों से नहीं बदला गया है। ऐसे लोगों में अधिकतर अधिकारियों के दलाल और यूनियनों की आड़ लेकर अपना निजी धंधा करने वाले लोग शामिल हैं। इनके बहुत लंबे लोकल नेटवर्क बन चुके हैं। यह एक माफिया की तरह काम कर रहे हैं। यह अपनी मनमर्जी से ड्यूटी करते हैं। इनसे अधिकारी और कर्मचारी दोनों ही भय खाते हैं। पोल खुलने पर यही लोग ट्विटर पर और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर, असली-नकली नाम से अभद्र शब्दावली में भौंकते हुए कोहराम मचाते हैं।
उन्होंने कहा कि हद तो इस बात की है कि इस न्यूज से पहले जो स्टेशन स्टाफ है और केवल स्टेशन पर ही ड्यूटी करता है, वह भी यही काम कर रहा था। जब उनसे ये पूछा गया कि आप क्यों ट्रेन की टिकट बना रहे हो, आपको तो ऐसा करने का अधिकार ही नहीं है? तो सभी का एक ही जवाब था कि “हमारे ऊपर प्रशासन द्वारा ₹3000/- प्रति दिन का जुर्माना वसूलने का दबाव बनाया जा रहा है।”
उन्होंने बताया कि इन लोगों का कहना है कि जब हम इंचार्ज को कहते हैं कि कोई स्टाफ अथवा आरपीएफ साथ नहीं देता है, सहयोग नहीं करता है, तो हम क्यों लड़ें लोगों से? तब इंचार्ज साहब का जवाब था, “ये तो आपने ही देखना है।” अभी कुछ ही दिन पहले मुकेश चंद मीना के साथ ऐसी घटना हुई कि आरपीएफ ने सहयोग नहीं किया और बिना टिकट यात्री बिना जुर्माना दिए निकल गए।
उन्होंने बताया कि यहां लुधियाना स्टेशन पर टिकट चेकिंग स्टाफ लगेज की रसीदें बना रहा है, जो कि नियम विरुद्ध और सरासर गलत है, क्योंकि यह टिकटें बिना जीएसटी वसूले बनाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि यहां के सीएमआई ने कुछ स्टाफ को खुली छूट दे रखी है। ऐसे में वे जो भी करें, सब जायज है। उनका यह भी कहना था कि इसी तरह की नियम विरुद्ध वर्किंग करवाकर, अधिकारियों को खुश रखकर, सीएमआई साहब वर्षों से यहां जमे हुए हैं।
उनका कहना था कि ऐसे लोगों को जीएम अवार्ड देने का सीधा सा मतलब यही है कि सभी उच्च अधिकारियों ने भी टीटीई की गलत ढ़ंग से बनाई गई हर रसीद को स्वीकार कर लिया है। उन्होंने कहा कि जो लोग सोशल मीडिया और ट्विटर पर ज्ञान दे रहे हैं, असल में ये वही लोग हैं जो ऐसे गलत और नियम विरुद्ध काम करके बिना गाड़ी में चढ़े फर्जी टीए क्लेम कर रहे हैं। ये वही लोग हैं जो मनमानी ड्यूटी करके अपने निजी धंधे कर रहे हैं। ये वही लोग हैं जो कम से कम समय में ज्यादा रसीदें बनाने के चक्कर में पैसेंजर्स को ठग रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सोचने वाली बात ये है कि जो स्टाफ केवल पैसेंजर एमिनिटी के लिए ही बनाया गया था, उसे अब बुकिंग क्लर्क बना दिया गया है। रेलवे में जब पीआरएस वेटिंग टिकट देना बंद कर देता है, तब टीटीई वेटिंग बनाना शुरू कर देता है, जबकि उसे वेटिंग टिकट बनाने का कोई अधिकार ही नहीं है। वहीं रेलवे का निमय कहता है कि वेटिंग टिकट किसी भी गाड़ी के रिजर्व कोच में यात्रा करने के लिए मान्य ही नहीं है।
उनका यह भी कहना है कि जो लोग ऐसे लोगों के हक में चिल्ला-चिल्लाकर यह कह रहे हैं कि ‘टिकट सही तो बनी है’, वे इस बात का जवाब क्यों नहीं देते कि वह क्यों बनी है, जबकि ऐसा करना ही नियम और कानून के खिलाफ है? वह पूछते हैं कि “कहां लिखते हैं ये गाड़ी का कोच नंबर, और यात्री का आईडी नंबर?” वे यह क्यों नहीं बता रहे हैं?
उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों की वजह से ही नकली टीटीई पैदा हो रहे हैं। पैसे लेकर बिना रसीद यात्रा करवाई जा रही है। कहां है रेलवे विजिलेंस? और क्या कर रहा है रेल प्रशासन? कहां है रेलवे बोर्ड का वह आदेश, जिसमें कहा गया है कि “पहले सभी गाड़ियों के कोच टीटीई स्टाफ द्वारा मैन्ड होंगे। फिर अगर उसके बाद कोई स्टाफ बचता है, तो स्क्वाड में काम करेगा, और उसे भी ऑफिस से कम से कम एक दिन पहले स्क्वाड के हिसाब से मूवमेंट बनाकर दिया जाएगा, और कोई भी स्टाफ मूवमेंट से बाहर कार्य नहीं कर सकता!”
New orders issued yesterday by CMI/LDH
Staff to note and comply with the orders:-
1. Staff working in the sleeper link includes Conductor must give more than ₹30,000/- earnings per month, otherwise the TA bill of that less earner staff will not be signed by the higher authorities.
2. Staff who has EFT book which was issued more than one month ago and not filled within a month to see CMI/LDH along with the on hand EFT book on Monday/Tuesday without fail after working their link train.
3. TCR staff is informed hereby to Remain Alert on duty and Try to earn at least ₹3000/- penalty per day daily.. As per order by higher Authorities… -CMI/LDH