शिक्षा का मतलब सिर्फ परीक्षा नहीं है! -प्रेमपाल शर्मा
12वीं की परीक्षा इस साल नहीं होनी चाहिए। परिस्थितियों को देखते हुए बहुत सही प्रश्न उठाया गया है और इसका विकल्प भी है।
किताबों की दुनिया, इंटरनेट की दुनिया तक आज हर बच्चे की पहुंच है। लॉकडाउन में जिनके घर लाइब्रेरी या किताबें हैं, उन्हें पढ़ने का ज्यादा और भरपूरा मौका मिला।
हमें पुस्तक संस्कृति, पुस्तकालय संस्कृति और पठन-पाठन को बढ़ावा देना होगा। शिक्षा का मतलब सिर्फ परीक्षा नहीं होता है।
शायद आज 17 मई को केंद्रीय शिक्षामंत्री 12वीं की बोर्ड की परीक्षा के बारे में सभी राज्यों के शिक्षा मंत्रियों से विचार-विमर्श करेंगे।
कोरोना की भयावह स्थिति को देखते हुए 12वीं की परीक्षा भी नहीं होनी चाहिए। उसका सबसे मजबूत कारण यह है कि 12वीं के बाद इंजीनियरिंग, मेडिकल से लेकर ज्यादातर सभी पाठ्यक्रमों में प्रवेश (एंट्रेंस) परीक्षाएं होती हैं।
मेरा मानना है कि इस साल एंट्रेंस परीक्षाएं अक्टूबर के आसपास आयोजित हों।
अभी से इस घोषणा का फायदा यह होगा कि बच्चे परीक्षा के बोझ से तो मुक्त हो ही जाएंगे, लेकिन अपनी पढ़ाई को एंट्रेंस के मद्देनजर घर बैठे जारी रख सकेंगे।
इससे उनके ज्ञान और किताबों की दुनिया का विस्तार भी होगा। मुक्त और आत्मनिर्भर शिक्षा के रास्ते खुलेंगे। पाठ्यक्रम की सीमाएं तो हमारे अध्ययन को और सीमित कर देती हैं।
#प्रेमपाल_शर्मा, दिल्ली, संपर्क: 99713 99046, मई 17, 2021