जीएम और बोर्ड मेंबर्स की जल्द होगी पोस्टिंग -सुनीत शर्मा, सीईओ/रेलवे

पहली बार समय पर फाइनल हुआ एचएजी/एसएजी पैनल

रेलवे बोर्ड के चेयरमैन/सीईओ सुनीत शर्मा से हुई बातचीत और उनसे प्राप्त जानकारी के अनुसार एचएजी/एसएजी के पैनल लगभग दस सालों में पहली बार पांच महीने पहले फाइनल होकर आ गए हैं। निश्चित रूप से इसका क्रेडिट वर्तमान चेयरमैन/सीईओ रेलवे बोर्ड सुनीत शर्मा को जाता है।

सीईओ सुनीत शर्मा ने यह भी बताया कि जीएम और बोर्ड मेंबर्स की पोस्टिंग्स बहुत जल्द कर दी जाएंगी। उन्होंने बताया कि कुछ विसंगतियां थीं, जिन्हें बोर्ड द्वारा डीओपीटी के साथ बात करके सुलझा लिया गया है। अब यह पोस्टिंग जल्दी हो जाएंगी।

श्री शर्मा कहा कि जीएम की पोस्टिंग का प्रस्ताव शीघ्र ही भेजा जाएगा।

उन्होंने यह भी कहा कि डीआरएम की पोस्टिंग भी यथासमय ही की जाएगी। उनका कहना था कि कुछ डीआरएम का कार्यकाल इसी महीने (अप्रैल) खत्म हो रहा है। इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उन्होंने यह कहा कि किसी भी डीआरएम का कार्यकाल बढ़ाने का कोई प्रस्ताव नहीं है।

उल्लेखनीय है कि फिलहाल चार जोनल रेलों – पूर्व रेलवे (31.12.20), उत्तर मध्य रेलवे (31.12.20), आईसीएफ (मार्च पहले हफ्ते से), दक्षिण पश्चिम रेलवे (31.03.2021) के महाप्रबंधक के चार पद रिक्त हैं।

इसके अलावा बोर्ड में मेंबर इंफ्रास्ट्रक्चर, मेंबर ट्रैक्शन एंड रोलिंग स्टॉक के दो पद पहले से ही खाली हैं। अभी दो दिन पहले दुर्भाग्यवश मेंबर ऑपरेशन एंड बिजनेस डेवलपमेंट पूर्णेंदु मिश्रा का ब्रेन हैमरेज होने से वह अस्पताल में हैं। इस तरह उनका पद भी खाली ही माना जाएगा। श्री मिश्रा के पास #MTRS का भी अतिरिक्त कार्यभार था।

ईश्वर से प्रार्थना है कि श्री मिश्रा शीघ्र स्वस्थ हो जाएं। तथापि यदि वह स्वस्थ भी हो जाते हैं, तब भी ऑफिस जॉइन करने के बजाय वह स्वास्थ्य लाभ करना ज्यादा जरूरी समझेंगे। इस तरह से देखा जाए तो उनका पद भी खाली ही हो गया है, क्योंकि वह इसी 30 अप्रैल को सेवानिवृत्त भी हो रहे हैं।

इसके अलावा जून में पूर्व मध्य रेलवे, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे और एक अन्य जोनल रेलवे के तीन जीएम के पद और खाली हो जाएंगे। इस तरह जून तक कुल दस उच्च पद रिक्त होंगे। जो कि फिलहाल सात हैं।

लोग हताश हो रहे हैं, क्योंकि जीएम और बोर्ड मेंबर के पद पर काम करने का उनका कार्यकाल कम होता जा रहा है। ऐसे में कैबिनेट सहित अन्य मंत्रालयों के साथ समन्वय स्थापित करने में बोर्ड को काफी दिक्कतों का सामना तो करना पड़ रहा है, बल्कि रेलवे में आंतरिक तौर पर भी व्यवस्था काफी गड़बड़ा रही है।

आए दिन कहीं न कहीं घटित हो रही आग लगने की घटनाएं और संरक्षा के साथ हो रहा समझौता लगातार लोगों को सांसत में डाल रहा है। फील्ड स्तर पर कार्यरत रेलकर्मियों में भी हताशा का वातावरण पसरा हुआ है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार दो दिन पहले 7 अप्रैल को “कानाफूसी” द्वारा किए गए ट्वीट का संज्ञान मंत्री और बोर्ड दोनों स्तर पर लिया गया है। इसके चलते जीएम की पोस्टिंग को लेकर हलचलें काफी तेज हो गई हैं। यह एक अच्छा संकेत है।

अब यह नितांत आवश्यक हो गया है कि रेलमंत्री और चेयरमैन/सीईओ/रेलवे बोर्ड, जीएम एवं बोर्ड मेंबर्स की पोस्टिंग पर न सिर्फ तुरंत संज्ञान लें, बल्कि जैसे-जैसे वैकेंसी हों, वैसे-वैसे उन पर पोस्टिंग तुरंत सुनिश्चित की जाएं। अन्यथा कहीं ऐसा न हो कि एक और खतौली हो जाए और दोनों का ही गुड़ गोबर हो जाए!

प्रस्तुति: सुरेश त्रिपाठी

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