नया दिन, नया डिरेलमेंट
मोदी जी, लगातार जारी है गाड़ियों का गिरना-टूटना!
एक इंजन फिर डीरेल होकर खेत में घुसा और एक मालगाड़ी फिर बँटी (#part हुई)! ट्रेन पार्टिंग ये भी बताती है कि कम समय में ज्यादा #वेंडर अप्रूव करने के दबाव में सिस्टम का चेक एंड बैलेंस खत्म हो गया है।
आज #RDSO के पास इतना मनोबल नहीं है कि किसी वेंडर के विरुद्ध मजबूती से नोट लिख पाए। इंजीनियरिंग विभाग के निर्णय डर के साथ नहीं लिए जा सकते। वहीं ठेके पर नेतृत्व की परिपाटी ने रेल के #Level-15, 16, 17 को नकारा कर दिया।
वंदेभारत-एक फैक्ट्री का #टेंडर और #वेंडर मैनेजमेंट है। रेल #सेफ्टी हर इंच ट्रैक और हर ट्रैक सर्किट की इंटीग्रिटी की पहरेदारी है। रेलमंत्री और रेल प्रशासन का ध्यान कहाँ है?
बड़े निवेश और बड़े पॉवर डेलीगेशन से डिवीजन के लेवल-14 और उसके निचले स्तरों पर #भ्रष्टाचार के बीजों से बड़े वटवृक्ष तैयार हो चुके हैं। अब इस समस्या का निदान आसान नहीं होगा।
मोदी जी, आपने रेल में निवेश में कोई कोर-कसर बाकी नहीं रखी, लेकिन रेलवे के #खान-मार्केटियों ने आपके इतने बड़े विजन में सेंध लगा दी। राष्ट्र को समर्पित अधिकारी और कर्मचारी बहुत मायूस हैं।
क्या उन्हें भी भ्रष्टाचार करना चाहिए था? क्या उन्होंने इन दस सालों में बड़ी कमाई के अवसरों को गवाँ दिया? वे ये पूछते हैं कि क्यों #रेलप्रबंधन का ध्यान-जनता अर्थात् #सरकार के #वोटर पर नहीं है?
मोदी जी, जब तक रेल का आंतरिक मैनेजमेंट सिस्टम ठीक नहीं किया जाएगा, तब तक ऊपरी लीपापोती से न तो व्यवस्था में कुछ सुधरेगा, न ही आपकी 140 करोड़ जनता (वोटर) को कोई लाभ पहुँचेगा, जिसके लिए आप रात-दिन एक किए हुए हैं!
बड़े व्यथित मन से आपको बता रहे हैं मोदी जी! शहडोल (MP) में आज फिर एक बड़ा ट्रेन हादसा हो गया, मालगाड़ी के 8 डिब्बे पटरी से उतर गए, हड़कंप मच गया, रेल यातायात ठप्प पड़ गया। ये आज का ये चौथा हादसा है।
मोदीजी, रेल में हर इंच का रख-रखाव और उसकी समीक्षा हर दिन होती है। रेल इसीलिए IAS इत्यादि व्यवस्था से अलग है। इसे आप सैन्य व्यवस्था से compare कर सकते हैं।
एक टेंडर और एक फैक्ट्री के उत्पाद पर सारे #DRM और #GM लगे हुए हैं। आपका धन्यवाद कि आपने हमारा सुझाव माना और DRM से #Construction के काम अलग करवा दिए।
मोदी जी, रेल में उन अधिकारियों को ऊपर लाइए जो रेल के हित को अपने निजी हित से ऊपर रखते हैं। वे अधिकारी जिनका रेल की कार्य संस्कृति पर नकारात्मक प्रभाव रहा है, जीएम/मेंबर में उनके प्रमोशन ने परिश्रमी और निष्ठावान अधिकारियों के मनोबल को तोड़ दिया है।
क्यों ऐसे अधिकारी आज भी पुरुस्कृत हैं? जिस हादसे ने आपके रेलमंत्री सुरेश प्रभु का करियर खत्म कर दिया, उसमें सभी रेल अधिकारी प्रमोशन पा गए। जबकि ये कार्य संस्कृति की विफलता थी। यहाँ तक कि जो रेलकर्मी लाइन पर गलत कार्यों के लिए जिम्मेदार थे, उन सबकी बहाली भी हो गई।
ध्यान कहाँ है रेलमंत्री और रेल प्रशासन का?
#DanapurDivision-ECR/BNF Load 59 BOXNE, #UCPD (siding) dep. 7.15 hrs. in the morning, derailed by two wheels of one wagon at Segriyawan (#SGYW) at Point no. 52. Resulted between UCPD-SGYW movement block. Mainline movement normal. ART not demanded. This message got from a senior railway official.
रविवार, 15 सितंबर को सुबह सवा सात पर एक मालगाड़ी डिरेल हुई। मोदी जी, चिंता की बात ये है कि फिलहाल पीक लोडिंग पीरियड नहीं चालू हुआ है और यह हाल है कि जहां-तहाँ रेल बेपटरी हो रही है या टुकड़े (पार्ट) हो रही हैं। जानकारों का मानना है कि फील्ड स्तर के अनुरक्षण (मेंटेनेंस) में आ रही भारी कमी के कारण ही ऐसा हो रहा है।
#CRB का ठेका फिर इंजीनियरों के हाथ आया है, देखिए क्या होता है। #ट्रैफिक ने अपने CRB के कॉंट्रैक्ट काल में तो ट्रेन ऑपरेशन को गाड़ ही दिया। इससे पहले जब सिविल और इलेक्ट्रिकल के पास सीआरबी का ठेका था, तब उन्होंने स्टाफ कॉलेज अर्थात् #NAIR ही दफना दिया।
रेल के अधिकारी पेट पकड़कर हँस रहे हैं-वैसे ठीक ही है जब आउटपुट सोशल मीडिया पर ही देना और दिखाना है, तो क्यों न ये सभी ट्रेनिंग ऑनलाइन ही हों! लेकिन रोज हो रही दुर्घटनाएँ रेल की बिगड़ी हुई कार्य संस्कृति की ओर संकेत कर रही हैं। इसकी जिम्मेदारी रेल के मैनेजमेंट और सेफ्टी ट्रेनिंग से सीधे जुड़ी है।
लेकिन जब रेलवे स्टाफ कॉलेज (#NAIR) पर ताला लग चुका हो, और रेल के बाहर के लोग इसके एसेट टेकओवर कर चुके हों, तो क्या हो सकता है! #सुधीरसेंस का ये मानना कि shoot the messenger से होने वाली बर्बादी नहीं बचेगी। #मोदी जी, ऐसा लगता है कि रेलभवन के ये #खान-मार्केटिए ही आपके सपनों पर पानी डालेंगे!
ब्रेकिंग: आमागुड़ा स्टेशन मालगाड़ी पटरी से उतरी, रेल यातायात पर असर। विशाखापत्तनम के नगरनार से स्टील कॉइल भर के हुई थी रवाना।
ब्रेकिंग: “किशनगंज में पैसेंजर ट्रेन के इंजन में लगी आग” यात्री बोले-रफ्तार ज्यादा होती तो बड़ी घटना हो सकती थी, स्टेशन से 1KM दूर हुआ यह हादसा।
दिन की शुरुआत एक डीरेलमेंट से हुई, दिन में एक पार्टिंग भी हुई। अब खबर मिली है कि एक मेमू में आग भी लग गई और एक गाड़ी का #ECoR में डीरेलमेंट हो गया। एक ही फैक्ट्री के उत्पाद पर सारा ध्यान देना उचित नहीं। जब ग्रुप ‘ए’ अधिकारी नहीं आ पा रहे, तो ग्रुप ‘बी’ अफसरों की ट्रेनिंग तो ठीक से कराई जाए। #NAIR में प्रशिक्षण रेल अधिकारियों के लिए #aspirational है, लेकिन अब ये संभव नहीं!
“Make money in collusion with greedy #vendors, put blame on #sabotage, shirk your #responsibility and go on devising new plot to make money-this is the new trend in IR. All these so-called sabotage cases are happening in those States where law & order is much better. Whether Minister is lying?” This opinion has been given by a senior railway officer.