नई मोदी सरकार: आवश्यक है रेल में हुए निवेश और रेल प्रोजेक्ट्स की समीक्षा!

मोदी जी के नेतृत्व में नई केंद्र सरकार रविवार, 9 जून को शपथ ग्रहण करने जा रही है। 2014 में मोदी जी की सरकार चूरेब के एक्सीडेंट के साथ बनी थी। जैसा उन्होंने कहा था, रेल में रिकॉर्ड निवेश हुआ-8-10 लाख करोड़ इन 10 सालों में। लेकिन 10वें साल में बालासोर, ओंडाग्राम, विजयनगरम, और अब न्यू सरहिंद की भीषण दुर्घटनाएँ हो गईं।

#Episode-18: आवश्यक है रेल में हुए निवेश और रेल प्रोजेक्ट्स की समीक्षा! इस वीडियो रिपोर्ट को ध्यान से सुनें!

रेल सुधार के दो आयाम हैं। रेल में इंफ्रास्ट्रक्चर का सुधार लगभग पूरा हो चुका है, निवेश की कोई कमी नहीं। लेकिन जहां गड़बड़ हुई, वह रेल के मैनेजमेंट और लीडरशिप स्ट्रक्चर में हुई।

आज जब रेल मोदी सरकार की सुधारवादी नीतियों के केंद्र में है, जिसके फलस्वरूप इतना निवेश हो रहा है, इस निवेश को सही दिशा देने के लिए चैनल या सिस्टम में समस्या है।

लाखों करोड़ की जब बात होती है तब यह आवश्यक हो जाता है कि अनुमान तो लगाएँ कि ये कितनी बड़ी राशि है।

हमने आपको बताया कि कैसे ₹75000 करोड़ में सरकार हर घर सोलर योजना (सूर्योदय योजना) का क्रियान्वयन कर रही है, जिसमें करीब एक करोड़ घरों में सोलर पैनल लग जाएँगे। वहीं, हर घर जल या नल से जल योजना में 3.50 लाख करोड़ में देश के हर घर में नल से जल पहुँच जाएगा।

रेल/रोड में इतने बड़े निवेश और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के बाद सरकार या भाजपा के वोटर की स्थिति शर्मनाक है। मोदी सरकार ने निवेश उपलब्ध तो करवाया, लेकिन खान मार्केट गैंग को नहीं पहचान पाए।

#Episode-17: रेल मंत्रालय की बदौलत बैसाखी पर मोदी सरकार!

क्या आवश्यक है?

  1. यह समीक्षा करवाई जाए कि नॉन-एसी बर्थों अर्थात् रेगुलर ट्रेनों में जनरल/स्लीपर कोचों की संख्या कम क्यों हुई!
  2. क्या हर सर्विस के लिए वन्दे भारत डिजाइन ही सही है? क्यों रेल के कुछ सेलेक्टेड अधिकारी प्रति ट्रेन 60 करोड़ रुपये अधिक खर्च करना चाह रहे हैं।
  3. मधेपुरा और मढ़ौरा प्रोजेक्ट की समीक्षा करवाई जाए। मधेपुरा का 12000 हॉर्सपावर का इंजन चितरंजन और बनारस में बन रहे इंजन से दो गुना अर्थात् 40 करोड़ के करीब है। यह विसंगति क्यों है, इसकी गहन समीक्षा की जाए।
  4. रेल में रोटेशन क्यों संभव नहीं? क्या रेल के मानव संसाधन और कैडर मैनेजमेंट को सेना से अधिकारियों को बुलाकर लाइन पर लाया जाएगा? क्यों किसी अधिकारी को प्रोडक्शन यूनिट में 20-30 साल रहने की सुविधा दी जा रही है?
  5. रेल में रिकॉर्ड निवेश हो रहा है, लेकिन इंजीनियरों की भर्ती बंद है-ये बहुत गलत संदेश दे रहा है। क्या #IRMS अधिकारी प्रोजेक्ट की ड्राइंग्स पर साइन करेंगे, जिनके ऊपर आर्बिट्रेशन और कोर्ट कचहरी के मामलों में भारत सरकार का पक्ष कमजोर तो नहीं होगा?
  6. रेलवे विजिलेंस का पूरा रिव्यू हो। क्यों ऐसे अधिकारी विजिलेंस में बैठाए जा रहे हैं जिनके पास फील्ड में काम करने का अनुभव नहीं है। रेलवे विजिलेंस के शीर्ष पर बाहरी अधिकारी प्रतिनियुक्ति पर लाए जाएँ।
  7. क्यों विजिलेंस की त्रिमूर्ति को मंत्री स्तर का इतना संरक्षण/समर्थन मिला? जबकि इसी त्रिमूर्ति ने वन्दे भारत की डिजाइन टीम के ऊपर फर्जी केस बनाए थे।
  8. आर. पी. भारती-गणेश, कुंवर सिंह यादव जैसे अफसर रेल में हो रहे रिकॉर्ड निवेश का फायदा अपनी-अपनी फैक्ट्री चलाकर उठा रहे हैं, अपनों को लाभ पहुँचा रहे हैं। ऐसे अधिकारियों को तत्काल बर्खास्त किया जाना चाहिए।
  9. इस बात की जाँच आवश्यक है कि क्या मंत्री सेल ने मंत्री को अंधेरे में रखा था? सारी जानकारी जैसे #AMRS का बिना पूर्व अनुमति विदेश भ्रमण कांड, वेंडर्स को #PED/EE/Dev का संरक्षण, #Jija-Sala tango, #RWF का मामला इत्यादि सब विस्तार से बताया गया, लेकिन कार्यवाही क्यों नहीं हुई?
  10. यदि अनैतिक, भ्रष्ट अधिकारियों को प्रोटेक्शन मिलेगा तो मोदी जी, चूरेब से चालू हुई आपकी पहली इनिंग, अब तीसरी इनिंग्स में भी बालासोर, विजयनगरम, ओंडाग्राम और अब 2 जून 2024 को हुए न्यू सरहिंद जैसे एक्सीडेंट होते रहेंगे।