ऑल इंडिया रेलवे एकाउंट स्टाफ एसोसिएशन की एक और बड़ी जीत
लेखा विभाग के सभी लेखाकर्मियों को मिलेगा 5वें वेतन आयोग का बकाया एरियर
दिल्ली हाईकोर्ट के निर्देशानुसार रेल प्रशासन को करना होगा वेतन एरियर का भुगतान
केंद्र सरकार द्वारा सभी केंद्रीय विभागों में पांचवा वेतन आयोग दिनांक 01/01/1996 से लागू किया गया था। तद्नुसार रेलवे के लेखा विभाग के लेखाकर्मियों के भी वेतन निर्धारित किए गए थे।
रेलवे बोर्ड ने फरवरी 2003 में लेखा विभाग के कर्मचारियों को पांचवें वेतन आयोग से उच्चतर वेतनमान प्रदान किए, जो फरवरी 2003 से लागू किए गए।
इस संदर्भ मे लेखा विभाग के कर्मचारी उच्चतर वेतनमानों को जनवरी 1996 से लागू करने की माँग कर रहे थे। रेलवे बोर्ड ने यद्यपि प्रोफार्मा फिक्ससेशन करके उच्चतर वेतनमान दिनांक 19/02/2003 से भुगतान कर दिए।
किंतु रेल प्रशासन ने लेखाकर्मियों को एरियर का भुगतान नहीं किया। अत: कर्मचारियों ने रेल प्रशासन के इस निर्णय को कोर्ट में चुनौती दी। माननीय कोर्ट ने जिन लोगों ने रिट दायर की थी, उन सभी लोगों को एरियर का भुगतान करने का आदेश दिया।
तथापि अधिकांश लेखा कर्मचारी इस लाभ से वंचित रह गए थे, क्योंकि रेल प्रशासन ने कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए सिर्फ उन्हीं लेखा कर्मचारियों को इसका लाभ दिया, जिन्होंने कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। अब दिल्ली हाईकोर्ट ने लोअर कोर्ट के आदेश को दरकिनार करते हुए सही न्याय किया है।
अत: एक बार फिर बाकी लेखाकर्मियों ने कोर्ट के फैसले को आधार बनाकर ऑल इंडिया रेलवे एकाउंट्स स्टाफ एसोसिएशन के माध्यम से कोर्ट को अप्रोच किया। अंततः कड़े परिश्रम के बाद माननीय दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार, 18/12/2019 को बाकी सभी लेखाकर्मियों को भी एरियर देने का आदेश दिया है।
कोर्ट का यह आदेश रेलवे के सभी कार्यरत और सेवानिवृत्त लेखा कर्मचारियों के लिए बहुत बड़ी खुशी की खबर है। आखिर उनकी मेहनत कामयाब रही है।
ऑल इंडिया रेलवे एकाउंट्स स्टाफ एसोसिएशन के जिन पदाधिकारियों ने अपने साथियों के अधिकार और स्वाभिमान की यह लड़ाई लड़ी, वह सभी साधुवाद एवं धन्यवाद के पात्र हैं।