ऐसा कोई सगा नहीं, जिसको सुधीर कुमार ने ठगा नहीं! -प्रिया शर्मा

श्रीमती प्रिया शर्मा पत्नी श्री विनोद कुमार गौतम, सीएलआई/म.रे. ने रेलमंत्री श्री अश्विनी वैष्णव को एक पत्र लिखा है, जिसमें रेलमंत्री के मूर्धन्य सलाहकार श्री सुधीर कुमार का वास्तविक चरित्र उजागर हुआ है। यह पत्र रेलमंत्री, रेलमंत्री कार्यालय सहित प्रधानमंत्री, चेयरमैन सीईओ रेलवे बोर्ड, स्वयं रेलमंत्री के सलाहकार सुधीर कुमार को भी ईमेल किया गया है। साथ ही #Railwhispers और #RailSamachar को भी यह पत्र ईमेल पर प्राप्त हुआ है। श्रीमती शर्मा का यह पत्र यहां ज्यों का त्यों प्रस्तुत है-

हाईलाइट्स

‘सुधीर बहुत ही चालू किस्म का स्‍वार्थी व्यक्ति है, उससे सावधान रहना, क्योंकि वह आपसे कोई महत्‍वपूर्ण कार्य करवाना चाहता है!’ -आई.सी.शर्मा

शर्माजी को कृपया कुछ बताना नहीं कि ‘मैं अपनी पत्‍नी श्रीमती सुचित्रा कुमार की नियुक्ति आई. पी. यूनिवर्सिटी में कराना चाहता हूं!’ -सुधीर कुमार

श्रीमती सुचित्रा कुमार जी का आवेदन श्री सुधीर कुमार जी ने स्‍वयं टाइप कर उस पर स्‍वयं डॉ श्रीमती सुचित्रा कुमार जी के फर्जी हस्‍ताक्षर किये थे, जिसकी एक प्रति मेरे पास आज भी सुरक्षित रखी है!

श्री सुधीर कुमार की स्‍वार्थी मनोवृत्ति एवं नाशुक्राना परवरिश का परिणाम है कि वह ये सारी बातें भूल गए, यदि कोई अच्‍छा इंसान होता तो इस मदद को अंतिम सांस तक नहीं भूलता! -प्रिया शर्मा

श्री सुधीर कुमार, कुलभूषण जी, पूर्व एमएल के गैंग के सक्रिय सदस्‍य रहे हैं, तिकड़मी चालों से ही जिसने भी उनकी मदद की उसको सीढ़ी बनाकर इन्होंने इस्‍तेमाल किया और बाद में सीढ़ी को लात मारकर नीचे गिरा दिया और उसका अहित करने का सदैव प्रयास किया

सेवा में,
आदरणीय अश्विनी वैष्‍णवजी
माननीय रेलमंत्री, भारत सरकार,
रेल मंत्रालय (रेलवे बोर्ड),
रेल भवन, रायसीना रोड, नई दिल्‍ली-11
दिनांक: 16.01.2023

आदरणीय मंत्री जी,

मैं नए वर्ष के उपलक्ष्‍य में आपको और आपके सलाहकार श्री सुधीर कुमार जी एवं उनकी पत्नी सुचित्रा कुमार जी एवं उनके प्रिय पुत्र मनु को हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित करती हूं, एवं भगवान श्रीकृष्‍ण से प्रार्थना है कि आपके सलाहकार महोदय भविष्‍य में भी अपनी तिकड़मों एवं मृदुभाषा से लोगों को बेवकूफ बनाकर भविष्‍य में राज्‍यसभा सांसद/रेलमंत्री/राज्‍यपाल आदि पदों पर अपनी नियुक्ति कराने में सफलता प्राप्‍त करें।

मंत्री जी, आपके सलाहकार श्री सुधीरजी को हमारे परिवार की पृष्‍ठभूमि का पता नहीं है, हमारा परिवार एक स्‍वतंत्रता सेनानी एवं आरएसएस का कर्मठ सहयोगी रहा है। मेरे ताऊजी स्‍व. मोहनलाल गौतमजी, लालबहादुर शास्‍त्रीजी एवं पंडित नेहरू के साथ अनेकों बार नैनी जेल एवं अन्‍य जेलों में रहे हैं और स्‍व. इंदिरा गांधीजी श्री मोहनलाल गौतमजी को चाचाजी कहकर हमेशा संबोधित करती थीं। मोहनलाल गौतमजी नेहरू मंत्रिमंडल में रेलमंत्री एवं अन्‍य विभागों के मंत्री रहे हैं। उनकी पुत्री एवं मेरी बहन स्‍व. शीला गौतम स्‍लीपवेल अंतर्राष्‍ट्रीय कंपनी की चेयरपर्सन (CMD) एवं पांच बार अलीगढ़ से भाजपा सांसद रही हैं। उनकी समाज में काफी इज्जत एवं प्रतिष्‍ठा रही है।

2. मंत्री जी, आपको यह पत्र लिखने का कारण ये है कि आपके सलाहकार श्री सुधीर कुमार ने मेरे पति की ‘स्‍टेपिंग अप ऑफ पे’ में डॉ ए. एस. खाती (पूर्व डीजी/एचआर) एवं उर्विला खाती पूर्व एएम/एस रेलवे बोर्ड से मदद कराने का आश्‍वासन देकर उल्‍टा उसमें रुकावट पैदा कर दी और श्रीमती खाती ने रेलवे बोर्ड के नोट संख्‍या #47 एवं #72 दिनांक‍ 19.02.2021 एवं 10.03.2021 के माध्‍यम से रेलवे बोर्ड के पत्र संख्‍या RBE No. 07/2020, दिनांक 27.01.2020 के क्रम 1 से 4 तक ‘Identical case’ निश्चित किया था और पत्र मेरे पति के नाम से मध्‍य रेलवे को अनुमोदन हेतु प्रस्‍तुत किया, It is not very big issue but mere  interpretation of IDENTICALLY word to MIRROR IMAGE by Central Railway and my husband proved with the decision No. 1072/lc/2019/e-Office 3011821 dated 03.12.2019 by Additional Secretary & legal Advisor, Railway Board issued with the approval of Member staff.

3. On the instructions of Shri V. K. Tripathi former CRB&CEO, ED/Estt. have put up a detailed Note dated 9th May 2022 to CRB through PED/Staff she has misled him by hiding the facts of Borad’s Note No. #47 & 72 in reference to Board’s letter dated 19.02.2021 & 10.03.2021, Legal openion of Ld. Additional Solicitor General of India & Member Staff 03.12.2019, 23.03.2021, 10.06.2021.
लेकिन श्री सुधीर कुमार जी के निर्देशों के कारण श्रीमती खाती ने मेरे पति के नाम से पत्र नहीं दिया और आज तक मेरे पति को परेशान किया जा रहा है। उक्‍त बातें डॉ. खाती ने दिनांक 15.03.2021 को अध्यक्ष रेलवे बोर्ड के निर्देशों पर स्‍वयं मिलने पर बताया कि श्री सुधीर कुमार ने मुझे मना किया था। उक्‍त प्रमाण रेलवे बोर्ड के रिकॉर्ड एवं मेरे पति के पास आरटीआई के अंतर्गत उपलब्‍ध है। श्री सुधीर कुमार का यह कृत्‍य बहुत ही घृणित है और उन्हें अहसान फरामोश सिद्ध करता है। 

4. मंत्री जी, आपके सलाहकार श्री सुधीर कुमार की पत्‍नी डॉ श्रीमती सुचित्रा कुमार से 28.05.2005 को उनके निवास सेक्‍टर-62, नोएडा में व्‍यक्तिगत मुलाकात एवं विचार विमर्श हुआ लेकिन दुर्भाग्‍य है कि श्री सुधीर कुमार की पत्‍नी डॉ श्रीमती सुचित्रा कुमार को आई. पी. विश्‍वविद्यालय, दिल्‍ली ने तथाकथित मेधावी एवं अलौकिक शक्तियों से परिपूर्ण पत्‍नी को उप रजिस्‍ट्रार के पद हेतु आयोग्‍य घोषित कर दिया था। सभी 4 पदों पर यथायोग्‍य उम्‍मीदवारों की नियुक्ति वर्ष 1999 में विश्‍वविद्यालय द्वारा कर दी गई थी।

5. मंत्री जी, आपके सलाहकार महोदय श्री सुधीर कुमार तब रेलवे बोर्ड में एक साधारण DE(RS) के पद पर श्री आई. सी. शर्मा के अधीन कार्यरत थे। उनके सभी उच्‍च पदेन रिश्‍तेदार एवं राजनीतिक लोगों पर उनकी तिकड़मी चाल व मधुमेय प्रेरित वाचालता एवं चापलूसी का काम न आना एवं पत्‍नी का कानपुर में रहना, उनके प्रिय पुत्र मनु का डी.पी.एस. दिल्‍ली में उनके साथ रहकर ट्रान्जिट क्‍वार्टर में रेलवे स्‍टेशन के नजदीक रहना, इन सभी बातों को लेकर श्री सुधीर कुमार मानसिक रूप से व्‍याकुल, असहाय एवं टूटे हुए इंसान को सहारे की तलाश जारी थी। अचानक श्री ईश्‍वर चन्‍द्र शर्मा उर्फ आई.सी.शर्मा से आपने सुना कि मेरे पति श्री विनोद कुमार गौतम रेलवे कर्मचारी जो कि स्‍व. श्रीमती शीला गौतम, सांसद भाजपा, अलीगढ़ के रिश्‍तेदार का उनके यहां आना-जाना है एवं मुलाकातें होती रहती हैं, क्‍योंकि श्री आई. सी. शर्मा भी तब अपनी मनचाही मंडल रेल प्रबंधक की पोस्टिंग की जुगाड़ में थे। भाजपा की सरकार में उस समय प्रधानमंत्री स्‍व. श्री अटल बिहारी बाजपेई जी एवं श्री नीतीश कुमार, रेलमंत्री तथा श्री दिग्विजय सिंह रेल राज्‍यमंत्री थे। श्रीमती शीला जी से मेरे पति ने मुलाकात कराके उनकी पोस्टिंग मनचाही जगह पर मंडल रेल प्रबंधक के पद पर कराने में सहायता करने का आश्‍वासन दिलाया था। इस वजह से श्री शर्माजी मेरे पति की इज्जत एवं खातिरदारी रेलवे बोर्ड में किया करते थे।

6. मंत्री जी, आपके सलाहकार महोदय श्री सुधीर कुमार ने श्री शर्माजी से काफी अनुनय-विनय करके मेरे पति से आने पर मुलाकात कराने एवं निवास का फोन नंबर उनसे प्राप्त करने में सफलता प्राप्‍त की। तब एक दिन आई.सी.शर्मा के कार्यालय में मुलाकात के बाद मेरे पति और श्री शर्मा दोनों एक साथ गाड़ी में उनके निवास स्‍थान चेम्‍सफोर्ड रोड कालोनी गये। श्री सुधीर कुमार ने श्री शर्माजी से विनती की कि ‘श्री वी. के. गौतम (मेरे पति) को कृपया मेरे घर भेज दें, मैं उनका इंतजार कर रहा हूं।’ श्री शर्मा जी ने तब श्री गौतम को आगाह किया था कि ‘सुधीर बहुत ही चालू किस्म का स्‍वार्थी व्यक्ति है, उससे सावधान रहना, क्योंकि वह आपसे कोई महत्‍वपूर्ण कार्य करवाना चाहता है।’ लेकिन श्री सुधीर कुमार ने मेरे पति से बड़ी शराफत और आजिजी के साथ निवेदन किया कि श्री शर्माजी को कृपया कुछ बताना नहीं कि ‘मैं अपनी पत्‍नी श्रीमती सुचित्रा कुमार की नियुक्ति आई. पी. यूनिवर्सिटी में कराना चाहता हूं।’ मेरे पति श्री गौतम ने श्री सुधीर कुमार की बात को मानकर श्री आई. सी. शर्मा जी को कुछ नहीं बताया, लेकिन श्री डी. के. शर्मा, आईआरएसईई, श्री ए.ए. फड़के, आईआरएसईई, और श्री ललित चंद्र त्रिवेदी, आईआरएसएमई को बताना पड़ा, क्‍योंकि दिनभर में श्री सुधीर कुमार के बार-बार काफी रेलवे फोन आने पर उनको संदेह पैदा हुआ कि श्री सुधीर कुमार को किस मजबूरी एवं व्‍याकुलता ने मेरे पति श्री विनोद कुमार गौतम को बार-बार फोन करने पर मजबूर किया है।

7. मंत्री जी, आपके सलाहकार श्री सुधीर कुमार के बारे में मेरे पति को जो जानकारी मिली है वह बहुत ही शर्मनाक है, जैसे कि वह कुलभूषण जी, पूर्व मेंबर इलेक्ट्रिकल, रेलवे बोर्ड के गैंग के सक्रिय सदस्‍य रहे हैं। तिकड़मी चालों से ही जिसने भी उनकी मदद की उसको सीढ़ी बनाकर इन्होंने इस्‍तेमाल किया और बाद में सीढ़ी को लात मारकर नीचे गिरा दिया और उसका अहित करने का सदैव प्रयास किया। ऐसा भी कहा जा सकता है कि “ऐसा कोई सगा नहीं, जिसको सुधीर कुमार ने ठगा नहीं!”

8. मंत्री जी, श्री सुधीर जी के साथ जाकर मेरे पति श्री गौतम ने डॉ. हरि गौतम, अध्‍यक्ष, विश्‍वविद्याल अनुदान आयोग (यूजीसी) से व्‍यक्तिगत रूप से, डॉ श्रीमती सुचित्रा कुमार को अपनी कजिन  बताया। डॉ. हरि गौतम ने श्री सुधीर कुमार और मेरे पति श्री गौतम के सामने ही प्रो. डॉ. के. के. अग्रवाल Vice Chancellor, आई. पी. विश्‍वविद्यालय को डॉ सुचित्रा कुमार को अपनी भतीजी बताते हुए प्रो. डॉ. के. के. अग्रवाल को निर्देश दिये कि उप सचिव पद हेतु एक नए पद का सृजन करो व डॉ श्रीमती सुचित्रा कुमार को एक वर्ष के लिए एडहॉक नियुक्ति का प्रपोजल लेकर Monday Meeting में Approval के लिए लेकर आओ।

9. मंत्री जी, श्री सुधीर कुमार जी की अधीरता एवं बेसब्रेपन के कारण उनको साथ लेकर मेरे पति मेरी बहन स्‍व. श्रीमती शीला गौतम, चेयरमैन, स्‍लिपवेल अंतर्राष्‍ट्रीय कंपनी (वरिष्ठ भाजपा सांसद, अलीगढ़) के यहां बंगाली मार्केट से बंगाली स्‍वीट्स लेकर मेरे पति के साथ उनके निवास स्‍थान पर मिले थे और मेरे पति श्री गौतम ने उन्हें भी डॉ श्रीमती सुचित्रा कुमार को अपनी कजिन बताया और उन्‍होंने प्रोफेसर डॉ के. के. अग्रवाल को शीलाजी ने अपनी छोटी बहन बताकर श्री सुधीर कुमार के समक्ष ही फोन करके प्रो. डॉ अग्रवाल से डॉ श्रीमती सुचित्रा कुमार को नियुक्‍त करने का निवेदन किया और डॉ. अग्रवाल ने इस बात की पुष्‍टि की कि ‘डॉ हरि गौतम, अध्यक्ष यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन के आदेश भी इस संबंध में मिले हैं और मैं नए पद का सृजन करके सुचित्राजी की नियुक्ति करने की प्रक्रिया में प्रोपोजल बना रहा हूं। आप निश्चित रहें, मैं शीघ्रतम उनकी नियुक्ति करके बताउंगा।’ बाद में डॉ हरि गौतम ने उनकी नियुक्ति को रेगुलर किया और रजिस्‍ट्रार, आईपी यूनिवर्सिटी के पद पर उनकी पदोन्‍नति भी की और वह इसी पद से सेवानिवृत्‍त हुई हैं। सुचित्राजी की नियुक्ति एवं पदोन्‍नति मेरे पति की कृपा से ही हुई थी। अब अगर आपके सलाहकार महोदय श्री सुधीर कुमार जी इसे भूलने की कोशिश कर रहे हैं तो उनकी पत्‍नी एवं उनकी अंतरात्मा उनको अंतिम समय तक पश्‍चाताप की आग में जलाएगी।

10. मंत्री जी, आपके सलाहकार महोदय श्री सुधीर कुमार की व्‍याकुलता एवं मानसिक वेदना ने मेरे पति श्री गौतम को बार-बार बुलाकर प्रधानमंत्री स्‍व. श्री अटल विहारी बाजपेयी एवं स्‍व. श्री शिवकुमार शर्मा, निजी सचिव, प्रधानमंत्री से मिलने पर विवश किया। Since Prime Minister, his daughter, Mrs Kaul and his PS were well known to my husband and my husband used to met him at his residence as well as PMO as and when required. आज के रेलमंत्री आदरणीय श्री अश्विनी वैष्‍णवजी आप भी तब पीएमओ में प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी बाजपेई जी के साथ उनके कार्यालय में नियुक्त थे। डॉ श्रीमती सुचित्रा कुमार जी का आवेदन श्री सुधीर कुमार जी ने स्‍वयं टाइप कर उस पर स्‍वयं डॉ श्रीमती सुचित्रा कुमार जी के फर्जी हस्‍ताक्षर किये थे, जिसकी एक प्रति मेरे पास आज भी सुरक्षित रखी है। श्री शिवकुमार जी ने OSD/IAS प्रधानमंत्री कार्यालय को निर्देश दिया था कि उक्‍त नियुक्ति सुनिश्चित की जाये। My husband had also been taken appointment from PMO and met Hon’ble PM Atal ji. Mr Sudhir kumar jumped with joy and told my husband why are you working in Railways take part in politics to be resourceful Minister.

11. मंत्री जी, स्‍व. श्रीमती शीला गौतम जी ने डॉ मनोहर जोशी, उच्‍च शिक्षा एवं HRD मंत्री को निवेदन करके श्री सुधीर कुमार जी की पत्नी डॉ श्रीमती सुचित्रा कुमार, जिनको मेरे पति श्री विनोद कुमार गौतम जी ने पहले उप रजिस्‍ट्रार Adhoc बनवाया था, फिर Regular कराया था, वह अंत में रजिस्‍ट्रार के पद से रिटायर हुई हैं। लेकिन श्री सुधीर कुमार की स्‍वार्थी मनोवृत्ति एवं नाशुक्राना परवरिश का परिणाम है कि वह ये सारी बातें भूल गये। यदि कोई अच्‍छा इंसान होता तो उपरोक्‍त मदद को अंतिम सांस तक नहीं भूलता।

12. मंत्री जी, मुझे या मेरे पति श्री विनोद कुमार गौतम को श्री सुधीर कुमार की एवं उनकी पत्‍नी श्रीमती सुचित्रा कुमार को आई. पी. विश्‍वविद्यालय में नियुक्‍त कराने के लिए विशेष रूप से सुचित्रा जी के लिए नया पद सृजन कराके उनकी नियुक्ति कराने का कोई दु:ख नहीं है, बल्कि भगवान श्रीकृष्‍ण की विशेष अनुकंपा एवं दया है कि मुझे मदद कराने का माध्‍यम बनाया। परंतु आत्मा की पीड़ा यह है कि श्री सुधीर जी एवं डॉ. सुचित्रा दोनों जो मेरे पति को दिन में 10 बार फोन करके मेरे पति को अपना भाई एवं ईश्‍वर द्वारा भेजा गया दूत बताते थे, मतलब निकलने के बाद वह अपने असली रूप में आ गये। श्री सुधीर कुमार एवं डॉ श्रीमती सुचित्रा कुमार दोनों का स्‍वार्थी एवं लालची व्‍यक्तित्‍व निखरकर सामने आया है जिससे उनके पारिवारिक संस्‍कार एवं लालन-पालन (Upbringing) पर प्रश्‍नचिन्‍ह लगता है। मेरे पति तो आज भी बहुत से लोगों की नि:स्‍वार्थ भाव से मदद कर रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे। एक कोचिंग क्लासेस के डायरेक्‍टर से दोस्‍ती होने के कारण कितने ही रेलवे कर्मचारियों की कोचिंग फीस में 70% से 100% तक माफ कराकर मेरे पति को उनकी दुआएं मिल रही हैं।

13. मंत्री जी, आपके सलाहकार श्री सुधीर कुमार जी की किताब खरीदकर मेरे पति श्री विनोद कुमार गौतम ने 900 रुपये बर्बाद किए, जिसमें उनकी स्‍वयं की प्रशंसा के अलावा कुछ नहीं है। उनकी इस किताब का विमोचन आपके कर-कमलों द्वारा ही हुआ है। रेल में हर अधिकारी ऐसे कार्य करता है, यह कोई श्री सुधीर कुमार जी का अनोखा प्रयास नहीं है।

14. मंत्री जी, आपके सलाहकार महोदय श्री सुधीर कुमार ने अपना ज्‍यादातर समय रेलवे बोर्ड में ही पास किया है। प्रजेंटेशन बनाना आसान है, लेकिन फील्‍ड में क्रियान्‍वयन कराना इतना आसान नहीं है। AC में बैठकर बहुत अच्छा प्रजेंटेशन बन सकता है, लेकिन फील्‍ड में धूप की तपिश एवं सर्दी में प्रैक्टिकल कार्य करना पड़ता है।

15. मंत्री जी, मेरा अनुभव है कि आपके सलाहकार महोदय श्री सुधीर कुमार (he is basically Agarwal from Moradabd) ने सदैव लोगों को उल्‍लू बनाकर उन्‍हें सीढ़ियों की तरह इस्‍तेमाल करके ऊपर चढ़कर लात माकर सीढ़ी को नीचे फेंका है, जैसे श्री आई. सी. शर्मा जी की चापलूसी एवं जी-हुजूरी करके अपनी एपीएआर आउटस्‍टैंडिंग लिखवाई।

16. श्री सुदेश कुमार जी की भी वैसी ही सेवा की और तो और अपनी पत्‍नी श्रीमती सुचित्रा कुमार को सुदेश जी की पत्‍नी की मॉं का इलाज कराने में सहायता लगा दिया जिसके बदले मनचाही पोस्टिंग बोर्ड में होती रही है। वैसे भी वह हमेशा से श्री कुलभूषण गैंग के आदमी रहे हैं।

17. श्री आई. सी. शर्मा जी ने कभी भी मेरे पति का अपमान अथवा अनदेखा नहीं किया, सदैव मेरे पति का अहसान माना कि मेरे पति ने स्व. श्रीमती शीला गौतम जी को साथ ले जाकर तत्कालीन रेलमंत्री श्री नीतीश कुमार जी से श्री वी. के.वोहरा का नाम कटवाकर (लाल पेन से) श्री आई. सी. शर्मा जी की पोस्टिंग डीआरएम कोटा कराई। वह मेरे पति के साथ अपनी पत्‍नी सहित हाजीअली पर चादर चढ़ाने गये थे। तब श्री वी.के.वोहरा और श्री आई. सी. शर्मा दोनों के बीच में रेलवे बोर्ड में झगड़ा भी हुआ था। श्री सुधीर कुमार, श्री आई. सी. शर्मा एवं डॉ श्रीमती सुचित्रा कुमार दोनों की मदद कराने का हरजाना मेरे पति – श्री वी. के. गौतम – को भरना पड़ा है।

18. मंत्री जी, श्री आर.के.सरीन, पूर्व सीईएलई/म.रे. ने जानबूझकर मेरे पति श्री गौतम को फेल करके श्री वी.के.वोहरा जो कि श्री सरीन के साले का दामाद था और उन्‍हें मालूम था कि मेरे पति श्री विनोद कुमार गौतम ने श्रीमती शीला गौतम जी के माध्‍यम से नीतीश कुमार, रेलमंत्री की कलम से पोस्टिंग Red Ink से Interchange कराई थी।

19. तत्कालीन महाप्रबंधक, मध्‍य रेल श्री कुलभूषण के कहने पर एलडीसीई में श्री प्रदीप कुलश्रेष्‍ठ, प्रधान मुख्‍य विद्युत इंजीनियर ने मेरे पति श्री गौतम को इरादतन साक्षात्‍कार में 9.96 अंक देकर फेल किया था जबकि लिखित परीक्षा में उनके 78% से अधिक अंक थे।

20. श्री गंगाराम अग्रवाल, पूर्व सीईई/सीआर ने भी मेरे पति श्री गौतम को एलडीसीई साक्षात्‍कार में यह कहकर फेल किया था कि मेरे पति मेकैनिकल विभाग में कार्यरत हैं। मंत्री जी, अगर सीबीआई से मेरे पति श्री विनोद कुमार गौतम के केस की आप निष्‍पक्ष जांच करायें तो श्री आर. के. सरीन, श्री कुलभूषण, श्री प्रदीप कुलश्रेष्‍ठ एवं श्री गंगाराम अग्रवाल जेल में होंगे।

महोदय, मैंने उक्‍त संक्षिप्‍त विवरण आपकी जानकारी और आपके सलाहकार महोदय श्री सुधीर कुमार जी की याद्दाश्‍त को ताजा करने और उनकी अंतरात्मा को जगाने के लिए आपकी जानकारी में लाने का प्रयास किया है, न कि किसी मदद के लिए और श्री सुधीर कुमार जैसा इंसान तो बिना स्‍वार्थ के मदद कर भी नहीं सकता। भगवान श्रीकृष्‍ण की अनुकंपा एवं दया समझकर सदैव जरूरतमंद की मदद करनी चाहिए, क्‍योंकि भगवान ने आपको मदद करने लायक बनाने की कृपा की है। भगवान श्रीकृष्‍ण हमें इसके लिए निमित्त मात्र बनाकर भेजता है।

Respected Sir,

With profound grief it is brought to your kind Notice that my husband who  is working under you in Central Railway has been deprived from Natural justice. He had already met Shri Sanjeev Kumar Mittal, former GM/CR & Member Infrastructure, Shri A. K. Lahoti former GM/CR & present Chairman & CEO RlyBd, Shri Sunet Sharma, former Chairman & CEO RlyBd, Shri V. K. Tripathi former CRB & CEO Railway Board.

On the instructions during a personal meeting with Shri V.K.Tripathi on 17th March 2022, ED/Estt Railway Board put up a favorable Note dated 9th May 2022 to CRB through PED (Staff). However, PED (Staff) has misled the CRB & CEO by hiding the crucial facts of Board’s Note no. #47, #72 corresponding letter of Board’s letter dated 19.02.2021 & 10.03.2021., Legal opinion of Additional Secretary & legal Advisor Board, MS dated 03/12/2019, Learned Additional Solicitor General of India vide his legal opinion dated 23/03/2021.

It seems the invisible Authority is behind all these. It is requested to kindly order high level authority behind this deliberate harassment by taking legal opinion of Ld. ASG in this matter of harassment.

सादर,
आपकी शुभेक्षु,
प्रिया शर्मा
एचआईजी, 14/12
संजय प्‍लेस, आगरा-282002

प्रतिलिपि:
1. माननीय श्री नरेन्‍द्र मोदी जी, प्रधानमंत्री, भारत सरकार, नई दिल्‍ली।
2. चेयरमैन/सीईओ, रेलवे बोर्ड, नई दिल्‍ली।
3. श्री सुधीर कुमार (अग्रवाल) आईआरएसईई,
एडवाइजर/रेलमंत्री एवं पूर्व एएमएल(विद्युत)
भारत सरकार, रेल मंत्रालय, 
रेल भवन, नई दिल्‍ली-110001
4. श्री सुधीर कुमार (अग्रवाल)
निवास: सेक्‍टर 62, रेल विहार,
नोयडा, उत्तर प्रदेश।

अटैचमेंट्स:
1. आरटीआई से प्राप्त जानकारी।
2. डॉ श्रीमती सुचित्रा कुमार का आवेदन, जिस पर उनके पति श्री सुधीर कुमार ने अपने हाथ से उनके फर्जी हस्ताक्षर किए थे।