ई-ऑक्शन के माध्यम से रेलवे की नॉन फेयर रेवेन्यू में वृद्धि

ई-ऑक्शन मॉडल ‘मिनिमम गवर्नमेंट-मैक्सिमम गवर्नेंस’ का उत्तम प्रतीक है और डिजिटल इंडिया के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण की दिशा में एक बड़ा कदम है, रेल में इसे लागू करने का श्रेय रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव एवं सीआरबी वी. के. त्रिपाठी को जाता है!

प्रयागराज ब्यूरो: उत्तर मध्य रेलवे, झांसी मंडल, वाणिज्य विभाग द्वारा 13 सितंबर को नॉन फेयर रेवेन्यू (एनएफआर) के अंतर्गत मऊरानीपुर स्टेशन पर व्हीकल पार्किंग स्टैंड का ठेका पहली बार ई-ऑक्शन के माध्यम से आबंटित किया गया।

उल्लेखनीय है कि निविदा प्रक्रिया के सरलीकरण के चलते पहली बार यह ठेका आवंटित हो सका है। उक्त आवंटन से मंडल द्वारा सालाना 1.5 लाख तथा सम्पूर्ण ठेका अवधि तीन वर्ष में लगभग 4.5 लाख का राजस्व अर्जित किया जा सकेगा। ई-ऑक्शन के माध्यम से वाणिज्य विभाग द्वारा आवंटित यह 25वां आय स्रोत है।

झांसी मंडल यात्रियों को उच्चतम सेवायें प्रदान करने के साथ-साथ राजस्व अर्जन में भी निरंतर बढ़त बनाए हुए है। इसी क्रम में मंडल द्वारा हाल ही में अपने 389 प्रकार की संपत्तियों में से कुल 34 आय स्रोत संपत्तियों को सार्वजनिक डोमेन में ई-ऑक्शन हेतु खोल दिया गया है।

इस योजना का उद्देश्य एनएफआर निविदाओं की प्रक्रिया को सरल बनाना है। अवगत कराया जाता है कि जहां एक नियमित निविदा प्रक्रिया में अनुमोदन, निविदा अधिसूचना के प्रकाशन से लेकर अनुबंध तक की अंतिम प्रक्रिया पूरा होने में लगभग 2-4 महीने लगते हैं। वहीं ई-नीलामी मॉडल के माध्यम से, इस पूरी प्रक्रिया को एक ऑनलाइन नीलामी पोर्टल में बदल दिया गया है और इसे एक ही दिन में सम्पन्न किया जा सकता है।

इस प्रक्रिया से पूर्व पार्किंग स्थल के ठेके, भुगतान और उपयोग शौचालय, रेलवे स्टेशनों पर विज्ञापन / प्रचार, ट्रेनों में पार्सल स्पेस लीजिंग, रेलवे भूमि पर एटीएम जैसे ठेकों की आवंटन प्रक्रिया में 2 से 4 महीने के समय के साथ-साथ उक्त अवधि में राजस्व का नुक्सान भी होता था, जो कि अब मात्र एक दिन में ही पूरा कर लिया जाता है।

इस योजना के माध्यम से सभी को ई-नीलामी मॉडल में एकीकृत किया गया है। निकट भविष्य में खानपान के स्टॉल और अन्य अनुबंध भी शामिल किए जाएंगे। इस नीलामी मॉडल के मुख्य लाभ तेज और कुशल अनुबंध हैं। इसमें पूर्ण पारदर्शिता है, क्योंकि उच्चतम बोली लगाने वाले को कंप्यूटरीकृत आवंटन, कागजी प्रक्रिया में कमी, कहीं से भी अखिल भारतीय नीलामी में भाग लेने का अवसर प्रदान करता है।

ई-ऑक्शन मॉडल ‘मिनिमम गवर्नमेंट-मैक्सिमम गवर्नेंस’ का उत्तम प्रतीक है और डिजिटल इंडिया के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण की दिशा में एक बड़ा कदम है। ये नीलामियां आईआरईपीएस वेबसाइट पर दिखाई देती हैं, जिसमें कोई भी इच्छुक बिडर बोली लगाकर भाग ले सकता है।

इस पहल का वास्तविक उद्देश्य इन व्यावसायिक अवसरों को अधिक संख्या में बड़े-छोटे उद्यमियों तक ले जाना, निष्पक्ष, पारदर्शी और न्यायसंगत तरीके से उन्हें भारतीय रेल का भागीदार बनाना है। प्रक्रिया के सरलीकरण का लाभ उठाते हुए, नए इच्छुक बिडर भी सामने आ रहे हैं, जिससे रेलवे तथा पार्टी दोनों को लाभ हो रहा है। इस योजना के क्रियान्वयन पर मंडल रेल प्रबंधक आशुतोष एवं वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक नवीन दीक्षित द्वारा विशेष ध्यान दिया जा रहा है।