टूंडला प्रकरण: क्या है अपने ही स्टाफ के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराने वाले प्रबंधन की नैतिकता?
चेकिंग एवं अन्य वाणिज्य स्टाफ को बयान दर्ज कराने के लिए डीटीएम कार्यालय में बुलाया, इस बहाने उनके साथ बदतमीजी की गई, फिर अपने ही स्टाफ के विरुद्ध जीआरपी में एफआईआर दर्ज कराई गई, यह कृत्य डीटीएम अथवा प्रबंधन की कौन सी नैतिकता को दर्शाता है?
जिस दबंगई से अवैध वेंडर्स को छुड़ाकर ले जाया गया, उससे तो यही कहना पड़ता है कि आरपीएफ और जीआरपी को शर्म से चुल्लू भर पानी में डूब मरना चाहिए!
उत्तर मध्य रेलवे प्रयागराज मंडल का टूंडला स्टेशन गलत एवं भ्रष्ट प्रबंधन के कारण पिछले कुछ सालों से कुछ ज्यादा ही बदनाम हो गया है। चेकिंग स्टाफ और अन्य सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार टूंडला में लंबे समय से डीटीएम के पद पर आसीन जे. संजय कुमार ने इस पद की गरिमा को रसातल में पहुंचा दिया है, और व्यक्तिगत द्वेष-भावना के तहत काम कर रहे हैं।
एक तरफ डीटीएम अवैध वेंडिंग को रोकने के लिए चेकिंग स्टाफ को धरपकड़ करने के काम पर लगाते हैं, दूसरी तरफ अवैध वेंडर्स को संरक्षण भी देते हैं, लेकिन स्वयं सामने न आकर अपने बगलबच्चे को खड़ा कर देते हैं।
यद्यपि #Railwhispers चेकिंग स्टाफ द्वारा डीटीएम पर लगाए गए आरोपों की पुष्टि नहीं करता है, लेकिन मंगलवार, 13 सितंबर को टूंडला स्टेशन पर चेकिंग स्टाफ द्वारा अवैध वेंडर्स की धरपकड़ के दौरान अवैध वेंडर्स को पालने वाले आर.के.फूड्स, कृष्णा कैटर्स, मा शारदा स्टॉल के मैनेजर और उसके गुर्गों द्वारा जिस दबंगई से अवैध वेंडर्स को छुड़ाकर ले जाया गया, उससे तो यही कहना पड़ता है कि आरपीएफ और जीआरपी को शर्म से चुल्लू भर पानी में डूब मरना चाहिए।
चेकिंग स्टाफ का कहना है कि उन लोगों की जानबूझकर अवैध वेंडिंग की रोकथाम की ड्यूटी लगा दी जाती है, जबकि आरोप है कि प्रबंधन और दोनों सुरक्षा एजेंसियां अवैध वेंडिंग कराने की एवज में मोटा कमीशन वसूलते हैं।
मंगलवार को वाणिज्य विभाग की टीम ने बिना आरपीएफ की सहायता के कई अवैध वेंडर्स को पकड़ा। वाणिज्य विभाग का कहना है कि अगर अवैध वेंडर्स की धरपकड़ संबंधी सूचना आरपीएफ को दे दी जाती है, तो ये लोग अवैध वेंडर्स को पहले से ही अलर्ट कर देते हैं।
इस बार के धरपकड़ अभियान में बिना आरपीएफ स्टाफ के अवैध वेंडर्स को पकड़ा गया, लेकिन दबंगई दिखाते हुए वेंडर्स को छुड़ा ले जाया गया, जिसकी एफआईआर दर्ज कराई गई है।
दूसरे दिन डीटीएम ने अवैध वेंडर्स की धरपकड़ के लिए लगाए गए चेकिंग एवं अन्य वाणिज्य स्टाफ को बयान दर्ज कराने के लिए अपने कार्यालय में बुलाया और इस बहाने उनके साथ बदतमीजी की गई, फिर अपने ही स्टाफ के विरुद्ध जीआरपी में एफआईआर दर्ज कराई गई। यह डीटीएम अथवा प्रबंधन की कौन सी नैतिकता को दर्शाता है?
#Tundla #DTM #NCR #DRMPRYJ #PCCM #GMNCR #Corruption #UnauthorisedVenders #RPF #GRP #IndianRailways