फर्जी ईएफटी पर टिकट बनाते हुए पूर्वोतर रेलवे के टीटीई को सीटीसी की टीम ने रंगेहाथ पकड़ा
सीटीसी स्क्वाड ने बोगस रेलवे प्रिविलेज पास पर बतौर सीटीआई यात्रा करते एक एडवोकेट को धर दबोचा
रेल आरक्षण केंद्रों पर और आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर ऑनलाइन रेल टिकटों की कालाबाजारी तो बहुत होते अक्सर सुना और देखा जाता है, परंतु किसी टिकट चेकिंग स्टाफ द्वारा फर्जी रसीद बुक छापकर यात्रियों को बोगस टिकट देकर रेलवे रेवेन्यू को चूना लगाने और अपनी जेबें भरने की खबर बहुत कम सुनने और देखने में आती है। मगर ऐसा भी अक्सर होता है और इस तरह से भी रेलवे रेवेन्यू का भारी नुकसान हो रहा है। फर्जी एक्स्ट्रा फेयर टिकट (ईएफटी) और बोगस फ्री रेलवे प्रिविलेज पास के ऐसे ही दो मामले रेलवे बोर्ड की सेंट्रल टिकट चेकिंग (सीटीसी) एंटी फ्राड स्क्वाड की टीम ने हाल ही में रंगेहाथ पकड़े हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार रेलवे बोर्ड को बहुत दिनों से शिकायत मिल रही थी कि वाराणसी एवं इलाहाबाद के बीच फर्जी ईएफटी (टीटीई द्वारा बनाई जाने वाली रसीद) यात्रियों को दी जा रही है और उनसे मनमाना पैसा वसूला जा रहा है।इस मामले की खोजबीन करने रेलवे बोर्ड के विशेष कार्यकारी अधिकारी /टिकट चेकिंग मृदुल मित्तल ने सीटीसी/एंटी फ्राड टीम को दिल्ली से वाराणसी भेजा था।
सीटीसी टीम कई दिनों तक वाराणसी और इलाहाबाद के बीच चलने वाली सभी गाड़ियों पर अपनी पैनी नजर रखी। अंततः 4 दिसंबर 2019 को इसमें सफलता मिली। टीम ने गाड़ी सं.19064 दानापुर-उधना एक्सप्रेस में रात करीब 11 बजे कार्यरत टीटीई द्वारा यात्रियों को ईएफटी रसीद देकर पैसे लेते देखा। पर्याप्त होशियारी से टीम ने यात्रियों को दी गई उक्त रसीद देखी तो पता चला कि यह ईएफटी रसीद फर्जी है।
ईएफटी रसीद के फर्जी होने की बात सुनिश्चित करने के तत्काल बाद सीटीसी टीम ने टीटीई विजय शंकर सिंह को रंगेहाथ धर दबोचा। बाद की छानबीन में टीटीई विजय शंकर सिंह के पास से तीन फर्जी ईएफटी पुस्तिकाएं और बरामद की गईं। पता चला है कि इन फर्जी पुस्तिकाओं के माध्यम से उक्त टीटीई द्वारा यात्रियों से करीब ₹44000 की अवैध वसूली प्रारंभिक जांच में सामने आई है।
पूछताछ में टीटीई विजय शंकर सिंह ने कबूल किया कि वह फर्जी ईएफटी का उपयोग वाराणसी और इलाहाबाद खंड में रात की गाड़ियों में कर रहा था, जिससे किसी को भी शक नहीं हो पाता था और इससे हुई अवैध कमाई वह अपने पास रख लेता था। इस प्रकार उसने पिछले कुछ महीनों में लाखों रुपये अवैध रूप से कमाए हैं और अब तक रेलवे रेवेन्यू को भारी चूना लगाया है।
दो दिन चली विस्तृत कार्यवाही के बाद रेलवे बोर्ड की सीटीसी/एंटी फ्रॉड टीम ने अपनी रिपोर्ट में रंगेहाथ पकड़े गए टीटीई विजय शंकर सिंह के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की अनुशंसा करते हुए पूरी रिपोर्ट रेलवे बोर्ड को सौंप दी है।
खबर यह भी मिली है कि उक्त टीटीई विजय शंकर सिंह पर कई अपराधिक मुकदमें पहले से दर्ज हैं और वह एक हत्या के मामले में इलाहाबाद की नैनी जेल में लंबे समय तक बंद रहा है। तथापि उसे ऑन बोर्ड ड्यूटी पर कैसे लगाया गया, यह बड़ा सवाल है।
मिली जानकारी के अनुसार इस महत्वपूर्ण केस को उजागर करने में रेलवे बोर्ड की सीटीसी/एंटी फ्रॉड टीम में सीटीआई हेमंत शर्मा, अनंत मिश्रा, विवेक सिंघई, संदीप चौरसे, सागर यादव और अनुराग भट्ट सम्मिलित थे।
इसके अलावा एक ही क्रम संख्या के दो बोगस फ्री रेलवे प्रिविलेज पास का दूसरा मामला सीटीसी/एंटी फ्रॉड/रे.बो. के पी.संदीप के नेतृत्व वाली दूसरी टीम ने ट्रेन नं.22415 में 5 दिसंबर को विशाखापत्तनम-नई दिल्ली ए. पी. एक्सप्रेस में पकड़ा-
During a surprise check between BZA & KMT of South Central Railway, inspector Sandeep Paruchuri and S.T.K. Guru of CTC squad of Railway Board detected an advocate Moh. Anwar Pasha (58) plus three others travelling as Chief Ticket Inspector (CTI) in 2nd AC on PRS ticket booked on Railway Privilege Pass no. 418265.
On minute examination it was concluded that the Privilege Pass was Fake.
Further investigation revealed that he was not a railway employee and he was in possession of one more fake Privilege Pass and the number of that second pass was also the same.
Sandeep and Guru deboarded the party and an FIR was lodged for the same with GRP Kamman.
Hattsoff and Congratulations to both CTC Squad members for detecting 4 fake EFT and 2 bogus Privilege Passes.