ट्रैक पेट्रोलिंग का तीसरा दिन – तीन ट्रैकमैन वीरगति को प्राप्त
न तो रेल प्रशासन ट्रैकमैनों की मौतों को रोकने और सुरक्षित कार्य संपादन को वरीयता दे रहा है, न ही रेल संगठनों को इसकी कोई चिंता है!
एक नवंबर से शीतकालीन ट्रैक पेट्रोलिंग की शुरुआत हुई है। इन तीन दिनों में तीन ट्रैकमैन वीरगति को प्राप्त हो चुके हैं। इस तरह प्रशिक्षित मानव संसाधन की बड़ी हानि भारतीय रेल को हो रही है। तथापि न रेल प्रशासन इसे रोकने और सुरक्षित कार्य संपादन को वरीयता दे रहा है, और न ही रेल संगठनों को इसकी कोई चिंता है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बसंत कुमार राठिया, ट्रैक मेंटेनर, भूपदेवपुर, बिलासपुर-रायगढ़ सेक्शन, बिलासपुर मंडल, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे, ट्रैक पर कार्य के दौरान ट्रैक से हट नहीं पाया और दूरंतो एक्स्प्रेस से टकराकर आज वीरगति को प्राप्त हो गया।
इस घटना में एक और ट्रैकमैन पुनीत को भी गम्भीर चोटें आई हैं। उसको रायगढ़ के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है।
इसके अलावा दो अन्य रेलों में दो ट्रैकमैन के भी मृत्यु को प्राप्त होने की खबर है। इन असामयिक घटनाओं के चलते सभी ट्रैक मेंटेनर अत्यंत चिंतित और भयभीत हो रहे हैं।
इस विषय पर रेलवे कर्मचारी ट्रैकमेंटेनर एसोसिएशन (आरकेटीए) के संस्थापक राष्ट्रीय अध्यक्ष वी. रवि ने बिलासपुर मंडल के सीनियर डीईएन/समन्वय से बात करके बसंत कुमार राठिया के परिवार को और घायल कर्मचारी पुनीत को हर प्रकार से मदत करने का अनुरोध किया है।
इसके अलावा उन्होंने सभी ट्रैक मेंटेनर से भी कहा है कि वे ड्यूटी पर किसी भी तरह की लापरवाही न बरतें और स्वयं को सुरक्षित रखते हुए ही ड्यूटी करें, क्योंकि जान है तो जहान है।
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