संरक्षा और समयपालन की चिंता छोड़ कुलियों पर मेहरबान हुआ जा रहा भोपाल मंडल प्रशासन
कुलियों को सुविधा देने का विरोध नहीं, मगर स्टेशन पर ही यह सुविधा मुहैया कराना जरूरी नहीं
भोपाल मंडल प्रशासन भोपाल स्टेशन पर स्थित एस एंड टी ड्युटी रूम को खाली करवाकर कुलियों को देने के लिए मंडल प्रशासन द्वारा लगातार दबाव बनाया जा रहा है। जबकि इस ड्युटी रूम में चौबीसों घंटे सिग्नल स्टाफ उपलब्ध रहता है, जिससे भोपाल स्टेशन और यार्ड की सिग्नल, प्वाइंट और ट्रैक सर्किट्स के फेलियर को कम समय में अटेंड करना संभव हो पाता है।
इसके अलावा अन्य जरुरी अनुरक्षण उपकरण इस रुम में रखे होते हैं, जिससे समय-असमय तुरंत फेलियर अटेंड कर समय पालन और संरक्षा को सुनिश्चित किया जाता है। इस रूम को खाली कर कुलियों को देने का मतलब संरक्षा और समयपालन से खिलवाड़ किया जा रहा है।
मंडल प्रशासन के इस अडियल रवैये के प्रति उच्च रेल प्रशासन को अविलंब संज्ञान लेना चाहिए। आखिर क्या कारण है कि स्टाफ और संरक्षा एवं समयपालन से समझौता करके कुलियों पर मंडल प्रशासन इतना क्यों मेहरबान हुआ जा रहा है? कहीं इस मेहरबानी का कारण यह तो नहीं है कि मंडल के किसी अधिकारी के कोई पूर्वज भोपाल स्टेशन पर कभी कुली का काम कर रहे थे?
जबकि समस्त एस एंड टी स्टाफ और यूनियन प्रतिनिधि मंडल प्रशासन के इस तुगलकी निर्णय का विरोध कर रहे हैं। इससे पहले भी ऐसा ही एक एस एंड टी रूम कुलियों को दिया जा चुका है। यूनियनों और स्टाफ की मांग पर उसी के बगल में जो रूम स्टाफ को बनाकर दिया गया था, अब उसे भी मंडल प्रशासन कुलियों को सौंपने को कह रहा है। स्टाफ का का कहना है कि प्रशासन द्वारा कुलियों को रेस्ट रूम देने से उनका विरोध नहीं है, मगर स्टेशन के बजाय उन्हें कहीं अन्यत्र यह सुविधा मुहैया कराई जा सकती है।