आगरा मंडल: एसी मालगाड़ी क्रू को वापसी में झांसी-आगरा सेक्शन में मालगाड़ी कार्य करने का मूढ़तापूर्ण आदेश
अधिकारियों द्वारा कोई ऐसा कार्य नहीं किया जाना चाहिए जिससे कर्मचारियों की जान का जोखिम हो!
कोरोना महामारी के प्रकोप से सभी रेल कर्मचारी भयभीत और आशंकित रहते हुए अपनी ड्यूटी कर रहे हैं। रनिंग स्टाफ सहित आगरा मंडल के कई वरिष्ठ/कनिष्ठ रेलकर्मी कोरोना संक्रमण की चपेट में आने के कारण अकाल काल कवलित हो चुके हैं।
अभी भी मंडल के बहुत से रेलकर्मी कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण अस्वस्थ चल रहे हैं।
ऐसी विषम परिस्थितियों में आगरा मंडल के एसी मालगाड़ी क्रू के लिए रेल प्रशासन के द्वारा 1 मई 2021 को एक तुगलकी आदेश आगरा लाबी के लिए निकाला गया। इस आदेश में कहा गया है कि जो भी एसी ट्रैक्शन का क्रू मालगाड़ी लेकर झाँसी जाता है, वह सभी क्रू झांसी में रनिंग रूम में रुककर वापसी में झांसी से आगरा सेक्शन में मालगाड़ी कार्य करेगा।
आगरा मंडल के मालगाड़ी क्रू को वापसी यानी झांसी से आगरा का लर्निंग रोड (#LRD) नहीं होता है, और न ही कभी गाड़ी चलाया है। जब रनिंग स्टाफ को वापसी का लर्निंग रोड नहीं है, तब झांसी रनिंग रूम में रुकने का आदेश किसी भी स्थिति में उचित नहीं है, विशेषकर वर्तमान परिस्थिति में तो यह बिल्कुल सही नहीं है।।
इस आदेश में यह भी कहा गया है कि यदि क्रू को लर्निंग रोड नहीं है तो वह एलआर लेते हुए आएगा। यानि प्रशासन अपनी चित और पट दोनों रखना चाहता है। इसका अर्थ यह भी है कि ट्रेन ऑपरेशन में कुछ ऐसे मूढ़ अधिकारी आ गए हैं, जो हर हाल में स्थापित नियमों को दरकिनार करके अपनी मनमानी चलाना चाहते हैं।
जबकि उन्हें इस बात का कोई अंदाजा नहीं है कि उनके इस मूर्खतापूर्ण आदेश से इंजन की कैब में जब कुल चार व्यक्ति (दो क्रू मेम्बर और दो लर्निंग रोड करने वाले) मौजूद रहेंगे, तब कोविड-19 का प्रोटोकोल – दो गज दूरी – कैसे मेनटेन होगा?
इसके अलावा उक्त क्रू मेंबर यदि एलआरडी लेते हुए आ भी जाएं तो शेष अन्य दो ट्रिप का क्या होगा? संबंधित अधिकारी से यह अवश्य पूछा जाना चाहिए कि इन विषम परिस्थितियों में ऐसे उल्टे-सीधे आदेश निकालना कहां तक उचित है? क्या ऐसे निर्णय लेने से पहले वरिष्ठ लोको इंस्पेक्टरों के साथ विचार-विमर्श किया गया था, यदि नहीं, तो क्यों?
उत्तर मध्य रेलवे कर्मचारी संघ ने उपरोक्त आदेश को तत्काल प्रभाव से वापस लेने की मांग की है और प्रशासन से निवेदन किया है कि कोई ऐसा कार्य नहीं किया जाना चाहिए जिससे कर्मचारियों की जान का जोखिम हो।