केंद्र पर लोकल बॉडीज का वर्चस्व: रेलकर्मियों का संपूर्ण वैक्सीनेशन सुनिश्चित करे रेल प्रशासन
रेलकर्मियों को वरीयता से वैक्सीन मिले, रेल प्रशासन यह सुनिश्चित करे। केवल खबरों में बने रहने के लिए बयानबाजी करने और विज्ञप्तियां जारी करके गुलाबी पिक्चर दर्शाने से जमीनी सच्चाई नहीं बदलेगी। रेल प्रशासन को कुछ ठोस करना चाहिए!
मध्य रेलवे, मुंबई मंडल में कल्याण सहित आसपास की रेलवे डिस्पेंसरी में वैक्सीन की सप्लाई आज तीसरे दिन भी नहीं की गई। कल्याण म्यूनिसिपल एरिया में वैक्सीन की आपूर्ति कल्याण डोंबिवली महानगर पालिका द्वारा की जाती है।
लोकल बॉडीज पर डिपेंड रहने के बजाय रेलवे को केंद्र से सीधी आपूर्ति लेकर पहले सभी रेलकर्मियों का वैक्सीनेशन सुनिश्चित करना चाहिए, बाकी को वैक्सीन बाद में भी दी जा सकती है।
रेलकर्मियों को फ्रंटलाइन वर्कर घोषित किया गया है। अतः रेल परिसर में रेलकर्मियों को वैक्सीनेशन में वरीयता मिलनी चाहिए और सबसे पहले उन रेलकर्मियों को वैक्सीन लगाई जानी चाहिए जो लगातार काम पर आ-जा रहे हैं और ड्यूटी पर तैनात हैं।
परंतु सुनियोजित व्यवस्था के अभाव में अपने रेल परिसरों में ही रेलकर्मियों और उनके परिजनों को वरीयता क्रम में वैक्सीन नहीं मिल पा रही है और रेल प्रशासन इसके लिए कोई यथोचित उपाय करता दिखाई नहीं दे रहा है।
आज सोमवार, 10 मई को तीसरा दिन है जब कल्याण रेलवे स्कूल स्थित वैक्सीनेशन सेंटर में केडीएमसी की तरफ से वैक्सीन की आपूर्ति नहीं आई। हालांकि बताया गया कि शहर कुल पांच केंद्रों पर वैक्सीनेशन हो रहा है। इससे वह लोग ज्यादा परेशान हो रहे हैं जिन्हें दूसरा डोज लेना है, और उनका समय निकला जा रहा है।
रेल प्रशासन को चाहिए कि वह या तो केंद्रीय अस्पतालों (जोनल हॉस्पिटल्स) में केंद्र से सीधी आपूर्ति लेकर अपने मंडल अस्पतालों और डिस्पेंसरियों में वैक्सीन की आपूर्ति करे, या फिर रेल परिसरों में बनाए गए वैक्सीनेशन सेंटर्स में रेलवे वालों के लिए रिजर्व सिस्टम सुनिश्चित करे, उनकी लाइन अलग से लगाई जाए और उनके लिए प्रतिदिन वैक्सीन के एक निश्चित डोज अलग रखे जाएं। यह व्यवस्था गुरुद्वारों आदि कम्यूनिटी सेंटर्स पर चल रही है, तो रेल परिसर में रेल प्रशासन द्वारा क्यों नहीं सुनिश्चित कराई जा सकती?
यदि रेलवे के लिए वैक्सीन की सीधी आपूर्ति सुनिश्चित नहीं कराई जा सकती है, तो रेल प्रशासन उपरोक्त शर्त के साथ अपने परिसर लोकल बॉडीज को उपलब्ध कराए। “केंद्र सरकार पर लोकल बॉडीज का वर्चस्व” जैसी विसंगतिपूर्ण व्यवस्था आजतक कभी नहीं देखी गई थी।
रेलकर्मियों को वरीयता से वैक्सीन मिले, रेल प्रशासन यह सुनिश्चित करे। केवल खबरों में बने रहने के लिए बयानबाजी करने और विज्ञप्तियां जारी करके गुलाबी पिक्चर दर्शाने से जमीनी सच्चाई नहीं बदलेगी। रेल प्रशासन को कुछ ठोस करना चाहिए।
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रेलकर्मी फ्रंटलाइन वर्कर है, अतः रेल परिसर में रेलकर्मियों को वैक्सीनेशन में वरीयता मिलनी चाहिए
— KANAFOOSI.COM (@kanafoosi) May 10, 2021
पर सुनियोजित व्यवस्था न होने से रेल परिसरों में रेलकर्मियों और उनके परिजनों को वरीय क्रम में वैक्सीन नहीं मिल रही है
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