उ.म.रे. कानपुर – मर रहे रेलकर्मी, चैन की बंशी बजा रहा है मेडिकल स्टाफ

उत्तर मध्य रेलवे, कानपुर स्थित लोको हॉस्पिटल के डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ नीरो की तरह चैन की बंशी बजा रहे हैं।

केवल कानपुर की परिधि में ही पिछले 10 दिनों से विभिन्न विभागों से करीब 12 से भी ज्यादा रेल कर्मचारियों की कोरोना संक्रमण के कारण मौत हो चुकी है।

हैरानी और मूढ़ता की पराकाष्ठा यह है कि कानपुर में कोविड नियंत्रण का नोडल अधिकारी हिमांशु शेखर उपाध्याय, डिप्टी सीटीएम, कानपुर को बनाया गया है, जो कि ट्रैफिक विभाग से हैं, जबकि इस कोरोना काल में सभी की जरूरत मेडिकल सहायता से संबंधित है।

इसलिए इसका नोडल अधिकारी रेलवे मेडिकल सेवा के सीएमएस स्तर का होना चाहिए।

इसके साथ ही मेडिकल स्टाफ को व्यवस्था दुरुस्त करने में लगाना चाहिए।

इसके अलावा मान्यताप्राप्त संगठनों और उनके पदाधिकारियों की निष्क्रियता को लेकर रेल कर्मचारियों में जबरदस्त आक्रोश है।

रेलवे कर्मचारियों का कहना है कि लोको हॉस्पिटल में एल-2 ग्रेड का कोविड हॉस्पिटल अस्थायी तौर पर तुरंत शुरू किया जाना चाहिए।

कर्मचारियों की मांग आइसोलेशन सेंटर की नहीं है, बल्कि उन्हें अपने लिए अलग से कोविड हॉस्पिटल चाहिए।

अन्य जोनल रेलों और मंडलों की ही तरह उत्तर मध्य रेलवे में मुख्यालय तथा मंडल स्तर पर लगभग संपूर्ण रेलवे स्वास्थ्य सेवा ध्वस्त हो चुकी है। किसी को नहीं पता कि बीमारी की स्थिति में उसे किससे बात करनी है और न ही प्रशासन के स्तर पर इसके लिए कोई दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।

रेल प्रशासन और रेल स्वास्थ्य सेवा की तत्परता का एक उदाहरण