कोरोना संक्रमित रेलकर्मियों/अधिकारियों के उचित इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित करें रेलमंत्री

यदि जरूरी हो तो ट्रेनों के संचालन और विभिन्न निर्माण कार्यों सहित रेल का पूरा कामकाज अगले 15 दिनों के लिए रोक दिया जाए!

“रेलमंत्री पीयूष गोयल जी कोरोना संक्रमित रेलकर्मियों और अधिकारियों के इलाज की उचित व्यवस्था सुनिश्चित करें।” यह करबद्ध गुहार सैकड़ों रेलकर्मियों और अधिकारियों ने रेलमंत्री से लगाई है।

रेलकर्मियों का कहना है कि भारतीय रेल के सभी मंडल और जोनल स्तर के सभी अस्पतालों में भर्ती रेलकर्मियों और अधिकारियों की हालत बहुत खराब है, उनकी जीवनरक्षा की जाए। वहां इलाज की समुचित व्यवस्था और देखरेख का भारी अभाव है।

उन्होंने यह भी कहा कि यदि जरूरी हो तो ट्रेनों के संचालन और विभिन्न निर्माण कार्यों सहित रेल का पूरा कामकाज अगले 15 दिनों के लिए रोक दिया जाए!

जानकारों का कहना है कि सबसे ज्यादा अधिकारी और कर्मचारी पूर्व मध्य रेलवे, पूर्वोत्तर रेलवे, उत्तर रेलवे, मध्य रेलवे तथा उत्तर मध्य रेलवे में संक्रमित हुए हैं।

पूर्व मध्य रेलवे की हालत इतनी गंभीर है कि वहां के सैकड़ों रेलकर्मियों और अधिकारियों ने महाप्रबंधक ललित चंद्र त्रिवेदी से निवेदन किया कि वे कोरोना संक्रमित रेलकर्मियों और अधिकारियों की जान बचाएं।

उन्होंने बताया कि दानापुर मंडल रेल अस्पताल में पिछले कुछ दिनों से भर्ती एक एईएन सहित कई अन्य अधिकारियों की हालत बहुत नाज़ुक बनी हुई है।

उन्होंने कहा कि जीएम व्यक्तिगत तौर पर स्वास्थ्य सेवाओं का निरीक्षण कर संक्रमित रेलकर्मियों और अधिकारियों के इलाज की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करें।

उन्होंने जीएम/पू.म.रे. को सुझाव देते हुए कहा कि सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, पटना में 1000 बेड का विस्तार सुनिश्चित किया जाए, तभी रेलकर्मियों का कुछ कल्याण हो सकता है।

उल्लेखनीय है कि मिली जानकारी के अनुसार पूर्व मध्य रेलवे के लगभग 60 से 70% रेलकर्मी और अधिकारी कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। कमोबेश यही हाल पूर्वोत्तर रेलवे सहित लगभग सभी जोनल रेलों में भी है।

कई जोनों और मंडलों से रेलकर्मी फोन करके न सिर्फ मदद करवाने का अनुरोध कर रहे हैं, बल्कि आपबीती और आंखों देखा हाल भी बता-सुना रहे हैं।

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