30 हजार की रिश्वत लेते एसीबी ने डीएमई/सोलापुर को रंगेहाथ पकड़ा
ओबीएचएस का ठेका जारी करने के लिए डीएमई दीपक खोत ने मांगा था 1% (Rs 60,000) का कमीशन
सोलापुर: कलबुर्गी-हैदराबाद ट्रेन की ऑन बोर्ड हाउसकीपिंग (ओबीएचएस) का कुल ₹59,38,178.50 का सफाई ठेका जारी करने के लिए सोलापुर मंडल, मध्य रेलवे के डिवीजनल मैकेनिकल इंजीनियर (डीएमई) दीपक सदाशिव खोत (43) ने ठेकेदार गुरदीप से कुल ठेका राशि का एक प्रतिशत (₹60,000) कमीशन मांगा था।
इसकी शिकायत ठेकेदार ने एंटी करप्शन ब्यूरो, सोलापुर से की थी। विस्तृत छानबीन करने पर ब्यूरो ने ठेकेदार की शिकायत को सही पाया। इसके बाद डीआरएम आफिस सोलापुर स्थित डीएमई दीपक सदाशिव खोत के कार्यालय में बकायदा फील्डिंग लगाकर बुधवार, 13 नवंबर को ठेकेदार से ₹30,000 की नकद रिश्वत लेते हुए एसीबी/पुणे के पुलिस अधीक्षक राजेश बनसोडे और अपर पुलिस अधीक्षक संजय पाटील के मार्गदर्शन में एसीबी/सोलापुर के अधिकारियों ने डीएमई दीपक खोत को रंगेहाथ पकड़ा।
साफ-सफाई ठेकों में मिलीभगत से मची है हजारों करोड़ की लूट
इसी प्रकार पश्चिम रेलवे के विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर साफ-सफाई ठेकों के अंतर्गत काम कर रहे ठेका मजदूरों को ठेकेदार द्वारा समय पर और निर्धारित मजदूरी नहीं दी जा रही है। न ही निर्धारित संख्या में सफाई मजदूर लगाए जा रहे हैं। यही हाल ईएनएचएम के अंतर्गत पूरी भारतीय रेल में चल रहे लगभग सभी प्रकार के सफाई ठेकों का है। यानि सफाई ठेकों के माध्यम से हजारों करोड़ की राशि की कुछ अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत से लूट मची हुई है। डीएमई खोत का उपरोक्त प्रकरण तो इसका मात्र एक छोटा सा उदाहरण है।
The present house keeping contract at Mumbai Central , Bandra Terminus, Virar, Palghar, Vapi and other stations are not adhering the minimum wages rule. The payment given to labours are very low and not paid on monthly basis.
Beside this other facilities such as uniform, boot are not supplied regularly and they were forced to work at station in inhuman conditions.
Being principal employer, it is the responsibility of contract awarding authority i.e. Railways to ensure that minimum wages are being paid to contract labours in time.