कल्याण/डोंबिवली क्षेत्र की रेल समस्याओं को लेकर डीआरएम ऑफिस में बैठक
बैठक में समस्याओं को हल करने पर हुआ आश्वासनों का आदान-प्रदान
लोक ग्रुप का उल्लू सीधा होने के बाद लोकग्राम फुट ओवरब्रिज बना रेलवे के गले की फांस
मुंबई: शनिवार, 9 नवंबर को मध्य रेलवे सीएसएमटी स्थित डीआरएम आफिस के सभागार में जनप्रतिनिधि के रूप में विधायक राजू पाटील और कल्याण डोंबिवली महानगरपालिका (केडीएमसी) के अधिकारियों ने अपर मंडल रेल प्रबंधक (एडीआरएम) के साथ एक बैठक करके कल्याण एवं डोंबिवली क्षेत्र की रेलवे संबंधी समस्याओं पर चर्चा की
बैठक में एडीआरएम ने कोपर रोड रेलवे स्टेशन के पुल का प्लान दो दिन में मंजूर कर देने का आश्वासन दिया। इसके अलावा एडीआरएम ने डोंबिवली स्टेशन (कल्याण छोर) पर बन रहे फुट ओवरब्रिज का निर्माण कार्य अगले साल मई 2020 तक पूरा कर लिए जाने की बात कही।
बैठक में कल्याण रेलवे स्टेशन पर पूर्व की तरफ लोकग्राम को जोड़ने वाले फुट ओवरब्रिज के शीघ्र निर्माण पर भी चर्चा हुई। इस पर कहा गया कि इस मुद्दे पर रेल अधिकारियों और केडीएमसी अधिकारियों के बीच जल्दी ही एक बैठक करके इस काम का प्रस्ताव स्मार्ट सिटी कमेटी के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। यह जानकारी बैठक में उपस्थित केडीएमसी के कार्यकारी अभियंता जुनेजा ने दी।
बैठक में यह भी तय हुआ कि कल्याण शहर को पूर्व से पश्चिम से जोड़ने वाले पथरी पुल के पुनर्निमाण की तैयारी की जाए। इसके लिए विधायक राजू पाटील के साथ शीघ्र ही केडीएमसी और महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास महामंडल (एसएसआरडीसी) के अधिकारी, रेल अधिकारियों के साथ निर्माण स्थल का संयुक्त निरीक्षण करेंगे। यह काम भी समय से पूरा हो, इसके लिए वह इसकी लगातार निगरानी करेंगे। यह जानकारी विधायक राजू पाटील ने बैठक के बाद दी।
कुल मिलाकर बैठक में कोरे आश्वासनों का आदान-प्रदान किया गया। जहां तक कोपर रोड पुल का प्लान दो दिन में मंजूर करने और डोंबिवली के फुट ओवरब्रिज का निर्माण समय रहते पूरा किए जाने की बात है, तो यह सरकारी कामकाज की गति और काम करने के तौर-तरीकों पर निर्भर करता है, इसमें कोई नई बात नहीं है। पथरी पुल की कोई वैकल्पिक व्यवस्था किए बिना उसको ध्वस्त कर दिए जाने का निर्णय भी नासमझी वाला ही था। इससे हजारों कल्याण निवासी रोज यातायात की भारी मुसीबत झेलने को मजबूर हैं।
अब जहां तक कल्याण स्टेशन से लोकग्राम कनेक्टिंग फुट ओवरब्रिज की बात है, तो पहले तो इसे यह कहकर बंद कर दिया गया कि इसकी मरम्मत करके शीघ्र ही चालू कर दिया जाएगा। अब इसे तथाकथित स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में शामिल करने की पंचवर्षीय योजना में शामिल करने की बात कही गई है। सच यह है कि जब लोक ग्रुप को अपना हाउसिंग प्रोजेक्ट बेचना था, तब वह रेलवे और केडीएमसी अधिकारियों सहित स्थानीय नेताओं को पटाकर और एक घटिया सा पुल बनाकर अपना उल्लू सीधा करके चलता बना।
उक्त घटिया पुल अब रेलवे के गले पड़ गया है। केडीएमसी इसमें कोई आर्थिक भागीदारी करने से कतरा रही है, जबकि रेलवे को इस पुल से कोई मतलब नहीं है। तथापि हर दिन हजारों लोगों की नाराजगी रेलवे को झेलनी पड़ रही है। कुल मिलाकर शहर का कबाड़ा करने वाले स्थानीय नेता रेलवे की बिसात पर अपनी राजनीति चमकाने में माहिर हो चुके हैं।