रेलकर्मियों को यात्रा के लिए शुरू की गई ई-पास सुविधा
अब इस (मुफ्त)यात्रा सुविधा का दुरुपयोग रोकने में सफल होगा रेल प्रशासन
रेल प्रशासन ने रेल कर्मचारियों को यात्रा के लिए ई-पास की सुविधा शुरू कर दी है। उल्लेखनीय है कि रेलवे सूचना प्रणाली केंद्र (क्रिस) ने प्रायोगिक तौर पर यह सुविधा दक्षिण मध्य रेलवे में शुरू की थी। अब 24 अगस्त से सभी रेल कर्मचारियों के लिए यह सुविधा उपलब्ध करा दी गई है।
ई-पास के जरिए रेल कर्मचारी आरक्षित एवं अनारक्षित, दोनों तरह की टिकटें अब ले सकेंगे। अक्टूबर तक रेलकर्मियों को प्रिंटेड पेपर पास लेने का भी विकल्प रहेगा। एक नवंबर से सिर्फ ई-पास ही उपलब्ध होगा।
सेवानिवृत्त कर्मचारियों को ई-पास की सुविधा एक अक्टूबर से मिलेगी। क्रिस ने पिछले साल नवंबर में दक्षिण मध्य रेलवे से ई-पास योजना का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया था। इस योजना को लागू करने के लिए क्रिस द्वारा कार्मिक विभाग के सॉफ्टवेयर में जरूरी बदलाव किया गया है।
इसके साथ ही आरक्षण प्रणाली के सॉफ्टवेयर में भी बदलाव किया गया है, जिससे कर्मचारियों को टिकट काउंटर या आईआरसीटीसी (भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम) की वेबसाइट अथवा ऐप से टिकट बुक कराने में दिक्कत नहीं होगी।
यह सुविधा शुरू होने से रेल कर्मचारियों को सिर्फ पास नंबर याद रखना होगा। ई-पास में पूरा ब्योरा ऑनलाइन रहेगा और वैध पास धारक को ही टिकट जारी होगा।
रेल कर्मचारियों को आईआरसीटीसी की वेबसाइट से टिकट बुक कराने में किसी तरह का शुल्क नहीं देना होगा। ई-पास से कर्मचारी ऑनलाइन अनारक्षित टिकट भी ले सकेंगे।
ई-पास की सुविधा शुरू करने का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि अब कोई भी रेलकर्मी पास सुविधा का गलत या दोहरा-तिहरा उपयोग नहीं कर सकेगा।
अब तक अक्सर ऐसा होता देखा गया है कि जुगाड़ के चलते सिर्फ पास नंबर देकर टिकट बुक करा लिया जाता था और एक ही पास का कई-कई बार इस्तेमाल (दुरुपयोग) किया जाता था, क्योंकि आरक्षण क्लर्क उसमें टिकट बुकिंग की तारीख और यात्रा विवरण दर्ज नहीं करता था।
अब ऑनलाइन ई-पास सुविधा होने से एक तो न सिर्फ यह दुरुपयोग रोका जा सकेगा, बल्कि यदि पासधारक अथवा उस पर टिकट जारीकर्ता में से कोई भी इस प्रक्रिया में घालमेल करने की कोशिश करेगा, तो उसे आसानी से पकड़ा जा सकेगा।
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