पूर्ण रूप से अविलंब शुरू किया जाए ट्रेनों का संचालन
रेल मंत्रालय की तदर्थ व्यवस्था को अविलंब समाप्त किया जाए
#प्रधानमंत्री देश को आखिर किस दिशा में ले जाना चाहते हैं, यह फिलहाल किसी को समझ में नहीं आ रहा है। यह सही है कि कोरोना नामक इस वैश्विक महामारी ने सबका सब कुछ अस्त-व्यस्त कर दिया है, लेकिन इसका ये मतलब भी नहीं है कि हाथ पर हाथ धरे बैठे रहा जाए!
सूत्रों के अनुसार 30 नवंबर तक सभी रेलसेवाएं स्थगित करने की घोषणा हो सकती है
बाद में एक फरमान जारी होगा, रेल बहुत घाटे में है, कर्मचारियों को वेतन देने की क्षमता नहीं रही
इसलिए #रेल को #निजी_कंपनियों को देना जरूरी है, इस डर से कर्मचारी/यूनियनें अपना मुंह बंद कर लेंगे@RailMinIndia pic.twitter.com/0eJAAZ441h— kanafoosi.com (@kanafoosi) August 10, 2020
पिछले साल से ही देश की अर्थव्यवस्था पर ग्रहण लगा हुआ है। मार्च के बाद से इसकी स्थिति और भी ज्यादा खराब हुई है। बेरोजगारी, मंदी विकराल रूप लिए बैठी है। देखते-देखते लॉकडाउन के भी 6 महीने गुजर रहे हैं, लेकिन कोई सकारात्मक सुधार जैसी संभावनाएं कहीं दिख नहीं रही हैं।
इसलिए बेहतर होगा कि अर्थव्यवस्था से जुड़ी चीजों को पूर्णतः खोल दिया जाए, क्योंकि अनलॉक सीरीज भी बहुत कारगर साबित नहीं हुई है।
#CPTM @EasternRailway ने ट्रेनों के रद्द होने का जो पत्र जारी किया है,वह कतई #फेक नहीं है, जैसा कुछ #मीडियामूर्खों ने ट्वीट किया@RailMinIndia ने 30 सितंबर तक ट्रेनें रद्द करने का निर्णय ले लिया है फिर भी कंफ्यूजन पैदा करने वाली ट्वीट किया
आखिर देश को कितना दिग्भ्रमित किया जाएगा? pic.twitter.com/L0u7Ep3Xez— kanafoosi.com (@kanafoosi) August 10, 2020
सार्वजनिक परिवहन के क्षेत्र में देश की लाइफलाइन कही जाने वाली भारतीय रेल का नियमित संचालन इतने लंबे समय से बंद करके रेल मंत्रालय ने रेल का कबाड़ा कर दिया है।
तथापि मात्र कुछ ट्रेनों का संचालन करके रेलमंत्री सोशल मीडिया पर लंबी-चौड़ी हांक कर आखिर क्या साबित करना चाहते हैं, यह भी अब लोगों की समझ से परे है।
Under the #RailwayBoard pressure #CPTM @EasternRailway has now #cancelled the earlier #notification for cancellation of all Mail/Express & Suburban train services
Whatever is going on in the mind of @RailMinIndia will come tomorrow about the above subject pic.twitter.com/bh9Y4GZveZ
— kanafoosi.com (@kanafoosi) August 10, 2020
जब लगभग सभी प्रदेशों का राज्य परिवहन पूर्व की भांति चलाया जा रहा है, एयर ट्रैफिक भी चालू हो गया है, तो फिर रेल का सामान्य संचालन बंद करके देश की अर्थव्यवस्था का कबाड़ा किया जा रहा है। क्या इसमें भी कोई अवसर ढूंढा जा रहा है?
ट्रेनों का संचालन बंद करने से कोरोना के मामले कम तो नहीं हुए हैं, बल्कि इनमें लगातार वृद्धि हुई है।
यदि देश भर की स्थिति को देखा जाए तो कोरोना का कहर फिलहाल कम नहीं होने वाला है, बल्कि यह अभी और बढ़ेगा, ऐसा अनुमान है, क्योंकि देश में अभी रैपिड जांच पर्याप्त संख्या में नहीं हो रही हैं।
अब यह अलग बात है कि दिल्ली सहित कुछ राज्यों ने रैपिड जांचों को कम करके अथवा क्रत्रिम तरीके से कोरोना के मामले कम होने की बात कही है।
हो सकता है कि इसके पीछे उनका उद्देश्य लोगों में व्याप्त भय को कुछ कम करना हो, पर इस महामारी के प्रकोप को इस तरीके से कम करके बताना तो वास्तव में जनता के साथ एक बड़ा धोखा है।
बहरहाल, जब पूरा मार्केट खोल दिया गया है, राज्यों का सामान्य परिवहन चल रहा है, तब देश की धड़कन कही जाने वाली भारतीय रेल का पहिया रोक देना देश की सामान्य अर्थव्यवस्था को रोक देने जैसा है।
रेल का सामान्य संचालन इस वक्त देश की सबसे बड़ी जरूरत है। इस पर प्रधानमंत्री द्वारा रेल मंत्रालय को तुरंत आवश्यक निर्देश दिए जाने चाहिए।
इसके अलावा प्रधानमंत्री को चाहिए कि वे रेल मंत्रालय की तदर्थ व्यवस्था को अविलंब समाप्त कर सीधे जनता और सरकार की छवि से जुड़े इस महत्वपूर्ण मंत्रालय को पूर्णकालिक मंत्री तथा सीआरबी प्रदान करें।
बरसों की मेहनत लगती एक ऊंचा महल बनाने में।
क्षणिक भूकंप ही काफी है उसको धरा पे लाने में।रेलमंत्री @PiyushGoyal को समर्पित@RailMinIndia@PMOIndia@NITIAayog@rashtrapatibhvn@VPSecretariat@loksabhaspeaker@RailwayNorthern@NWRailways@serailwaykol@EasternRailway@cpro_mcfrbl pic.twitter.com/ZexINANZPt
— kanafoosi.com (@kanafoosi) August 10, 2020