उपनगरीय खंड पश्चिम रेलवे, मुंबई सेंट्रल, इंजीनियरिंग/पी-वे विभाग में रेलकर्मियों/ट्रैकमैन के साथ पक्षपातपूर्ण अमानवीय व्यवहार
जैसा कि सभी जानते हैं कोरोना जैसी विश्वव्यापी त्रासदी से निबटने के लिए भारत सरकार ने मजदूरों के लिए श्रमिक विशेष और अन्य यात्रियों के लिए भी विशेष ट्रेनें शुरू की हैं। इन ट्रेनों का सफलतापूर्वक परिचालन सभी रेलकर्मियों के सहयोग और परिश्रम से हो रहा है।
सरकार द्वारा घोषित लॉकडाउन में ट्रैकमैन और अन्य रेलवे स्टाफ अपनी ड्यूटी पर सुचारू रूप से नहीं आ पा रहे हैं। वे लॉकडाउन का पालन भी कर रहे है तथा ड्यूटी पर आने के लिए स्थानीय परिवहन के साधन नहीं होने से, किसी तरह पर्याप्त ट्रैकमैन/रेलकर्मी ड्यूटी पर आने का प्रबंध कर रहे हैं।
ट्रैकमैन रेलवे की सबसे कम वेतन पाने वाली कैटेगरी है और अपनी आजीविका चलाने के लिए वह परिवार सहित मुंबई के कई दूर-दराज उपनगरीय हिस्सों, जैसे नालसोपारा, कल्याण और यहां तक कि बदलापुर तथा उससे भी आगे तक रहते हैं, ताकि अपने परिवार के लिए मुंबई जैसे महंगे शहर दो पैसे बचा सकें।
तथापि ड्यूटी पर आने के लिए उन्हें एसएसई/पी-वे, (इंचार्ज) दादर, पश्चिम रेलवे द्वारा लगातार मजबूर और प्रताड़ित किया जा रहा है।
लॉकडाउन का कड़ाई से पालन किए जाने का ही परिणाम है कि पूरे मुंबई उपनगरीय रेलपथ विभाग में एक भी कोरोना संक्रमित अथवा पॉजिटिव ट्रैकमैन नहीं है, जबकि अकेले दादर में तीन ट्रैकमैन कॉरोना पॉजिटिव पाए गए हैं तथा कई अन्य संक्रमित हैं, जो अपने घरों पर कोरेंटाइन हैं।
परिवहन के किसी भी माध्यम से ड्यूटी पर आने के लिए प्रताड़ित करना और यहां तक कि उन्हें ड्यूटी पर न आने के लिखित में कारण बताने के लिए कहना अमानवीय है। इसके लिए उन्हें एसएसई द्वारा लगातार डराया-धमकाया जा रहा है और उनके खिलाफ कारवाई करने की बात भी कही जा रही है।
उपस्थिति रजिस्टर में उनकी उपस्थिति उनके अपने अवकाश से भरी जा रही है और जिनकी छुट्टी नहीं है, उन्हें अनुपस्थित चिह्नित किया गया है।
इस त्रासदी और डर के माहौल में रेलवे कर्मचारियों के लिए वर्कमैन विशेष ट्रेन पकड़ने के लिए दूर-दराज से 5-7 बजे स्टेशन पर आने के लिए 5-8 किमी पैदल चलना आज के परिवेश में कैसे संभव है?
प्रभारी सीपीडब्ल्यूआई-दादर ऐसा कैसे कर सकते हैं, जो ट्रैकमैन नजदीक रहते हैं, वे खुद ड्यूटी पर आ रहे हैं और रेलवे का काम सुचारू रूप में चल भी रहा है। जबकि लॉकडाउन शुरू होने के बाद से सीपीडब्ल्यूआई दादर खुद ड्यूटी पर एक दिन भी नहीं आए नहीं हैं। और खुद आपनी हाजिरी रोज ‘डी’ अंकित कर रहे है।
यहां तक कि रेलपथ पर्यवेक्षकों को कहा जाता है कि वे हर रोज उपस्थिति दर्ज करने के लिए मस्टर पर हस्ताक्षर करें कि उन्होंने ड्यूटी में भाग लिया है और कुछ पर्यवेक्षक जो प्रभारी सीपीडब्ल्यूआई दादर के चहेते हैं, वे घर बैठकर फर्जी काम के बहाने कथित ड्यूटी करके अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं।
प्रभारी का यह व्यवहार अत्यंत क्रूर, पक्षपातपूर्ण और अमानवीय है। इसे अविलंब रोका जाना चाहिए तथा ऐसे प्रभारी (सीपीडब्ल्यूआई/दादर/प.रे.) के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए, जो खुद अतिसंवेदशील पद पर आसीन होते हुए भी घर बैठा है और चाहता है कि उसके अधीनस्थ पैदल चलकर ड्यूटी पर आएं।
सबसे हास्यास्पद यह है कि रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी इन सारी बातों से अवगत होते हुए भी मूकदर्शक बने हुए हैं।
Stern action must be taken against incharge/officer who themselves sitting at home but want their subordinates should come to duty and work
Attention towards the current pandemic situation of Engineering P-Way suburban section, WRly, Mumbai Central Division
Government has started the Shramik Specials for labours and other Special trains for general passengers too. Now as all know that due to lockdown trackman and others railway staff are not coming on duty due to many places have been in containment zone. Somehow few staffs are managing to come on duty. Many of the trackmen lives in outskirts of Virar, Nallasopara, Kalyan and even Badlapur and so far.
It is seen that now they are forced by the SSE/P-Way/(Incharge), Dadar, Western Railway to come on duty by any means of transport and even they have been told to give there’s reasons in writing for not coming on duty.
There musters have been filled with their own leave and whose leave is not there, they have been marked as absent.
How it is possible to come 5-8 km walking to the present situation at 5am from outskirts of Virar to catch the workman special train for railway employees?
How can the incharge CPWI-Dadar, WRly ask the trackman to come on duty when he himself have not come on duty not even a single day since the lockdown?
Even the P-Way Supervisors are told to sign the muster everyday to show there presence that they have attended office and for some supervisor who are near-dear of CPWI-Incharge, Dadar, WRly they are made to sit at home and perform there duty on pretext of fake work.
This behaviour of the incharge CPWI Dadar, WRly is very cruel and inhuman. This should be stopped immediate and stern action must be taken against such incharge and officer who themselves sitting at home and want there subordinates should come on duty and work.