कोई तो जुर्म जरूर हुआ है जिसमें सभी शामिल हैं! वरना हर शख्स यूं ही मुंह छिपाए न फिर रहा होता!!
सरकार तो श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से प्रवासियों को उनके घर भेजने का ऐसा ढ़िंढ़ोरा पीट रही है, मानो उसने उनके सारे दुखों का अंत कर दिया है। जबकि असल में नासमझी और मूर्खता की यह पराकाष्ठा है!
कभी उन श्रमिकों और उनके परिवार वालों से पूछो कि इस लॉकडाउन और सरकार की मूर्खतापूर्ण नीतियों ने उन्हें कहां से कहां लाकर पटक दिया है। उनकी बेबसी, आँसू और भूख किसी को भी द्रवित कर सकते हैं।
वे सब खुशी से अपने घर नहीं जा रहे हैं, उन्हें न सिर्फ जबरन भेजा जा रहा है, बल्कि इसके लिए उन्हें मजबूर किया गया है। उनका रोजगार छिन गया, भूख ने जीना और रहना हराम कर दिया। कोई उनकी मदद नहीं कर रहा है।
आज कोई उनसे पूछकर तो देखे कि उनकी इस दुर्दशा का जिम्मेदार कोरोना है या सरकार? सभी लोगों का एकमत है कि केवल और केवल सरकार।
ऐसे प्रवासी श्रमिक और उनका परिवार भी पलायन के लिए मजबूर हुए हैं, जो आना नहीं चाहते थे लेकिन राज्य सरकारों ने जबरन उन्हें उनके गाँव जाने के लिए मजबूर किया।
क्या श्रमिक, क्या मध्यम वर्ग, सरकारी कर्मचारी, व्यापारी, उद्योगपति सभी लोग सकते में हैं कि जिस सरकार के सहारे वे आस लगाए बैठे थे, उसी ने उन्हें सड़क पर ला दिया।
जब कोरोना के मामले दो अंकों थे, तब लॉकडाउन कड़ा हो रहा था। अब जब यह मामले लाख की संख्या पार कर गए हैं, तब सब कुछ खुला छोड़ा जा रहा है। सरकारी नीति की यह कैसी विसंगति है!
श्रमिक विशेष ट्रेनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना करने की कमी जो रेलमंत्री से रह गई थी, उसे ‘महाकदाचारी’ डीआरएम/फिरोजपुर ने आज पूरा कर दिया।
उन श्रमिकों और सरकारी कर्मचारियों की नाराजगी देखें, जो सरकार के कोर वोट बैंक थे। अधिसंख्य भक्तों का भी अपनी सरकार से मोह भंग हो चुका है। अब ये सब कसमें खा रहे हैं कि अब दोबारा कभी इस सरकार को वोट नहीं देंगे और दूसरे लोगों को भी सरकार के खिलाफ वोट देने को प्रेरित करेंगे।
#IndianRailways run 13000 trains on a normal day
Over 6000 of these are long distance #Mail_Express trains
Now #RailMantri @PiyushGoyal & #CRB #VKYadav are taking credit for running merely 200 trains a day
अब ऐसे #Minister & #CRB पर लोग हंसें कि अपना सिर धुनें,नहीं समझ पा रहे! pic.twitter.com/mMjl4LguJg
— kanafoosi.com (@kanafoosi) May 20, 2020