डीजी/आरपीएफ का ऑर्डरली हुआ कोरोना संक्रमित, सेनिटाइजेशन के लिए दो दिन बंद किया गया रेल भवन
मात्र एक कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने पर रेल भवन (रेलवे बोर्ड) को सेनिटाइज करने हेतु दो दिन के लिए बंद कर दिया गया, जबकि चाहे एसी स्पेशल हो या श्रमिक स्पेशल, सभी गाड़ियां फुल कैपेसिटी पर बुक करके चलाई जा रहीं हैं।
बाजार में दूकान पर एक मीटर की दूरी का मानक रेलवे के डिब्बे में एक फुट की दूरी पर कैसे किए जा सकते हैं?
एक डिब्बे के चार टॉयलेट और छह वाश बेसिन को 82 अलग-अलग यात्रियों द्वारा बिना लगातार सेनिटाइज किए उपयोग किया जाएगा, कहां रह गई तथाकथित फिजिकल या सोशल डिस्टेंसिंग?
क्या रेलवे के लिए कमाई इतनी जरूरी हो गई कि लोगों को कोरोना संक्रमित होने के खतरे में डाला जा रहा है?
और अब रही-सही कसर पूरी करने के लिए वेटिंग लिस्ट जारी करने के भी आदेश आ गए हैं।
एक फितूरी दिमाग की सोच के ऊपर पूरा रेल तंत्र उसको कार्यान्वित करने में लग जाता है। जबकि होना ये चाहिए कि किसी नीति के नफा-नुकसान भी बताए जाएं और उससे पहले उस नीति पर हर तरह के लाभ-हानि का विस्तृत विश्लेषण किया जाए। लेकिन या तो किसी बोर्ड मेंबर में कुछ कहने की हिम्मत नहीं होती या फिर कोई उनकी कुछ सुनने को ही तैयार नहीं है।
रेलवे की इस तरह से बिना फिजिकल डिस्टेंस का पालन करने वाली असुरक्षित नीति सीधे-सीधे राज्यों के स्वास्थ्य कर्मियों, मुख्यमंत्रियों और उनके अधीन जिलेवार आईएएस एवं आईपीएस अधिकारियों के कोरोना पर लगाम लगाने के प्रयासों पर कुठाराघात करने वाली साबित होगी।
बेहतर होगा कि ये विरोध की बातें मुख्यमंत्रियों और प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष भी रखी जाएं।
सब कुछ यहीं भुगतना पड़ेगा, चाहे डीजी/आरपीएफ हों या सीआरबी
रेल भवन की चौथी मंजिल पर जिस रेलकर्मी को कोरोना संक्रमित पाया गया है, वह डीजी/आरपीएफ का ऑर्डर्ली बताया गया है। अपने दफ्तर के अपने ही सहायक के संक्रमित पाए जाने पर अब डीजी/आरपीएफ खुद को चौदह दिन के लिए आइसोलेट करेंगे, ऐसी खबर है।
जबकि उनके एक मुंहजबानी आदेश पर नजदीकी थाने में ड्यूटी कर रहे सैकड़ों आरपीएफ जवान न सिर्फ दर-बदर हुए, बल्कि उनमें से तमाम संक्रमित भी हो गए तथापि उनके उक्त मुंहजबानी आदेश का पालन बदस्तूर जारी है।
#लॉकडाउन में नजदीक ड्यूटीरत जवानों को मूव करने और सुरक्षा ड्यूटी के बजाय खाना बांटने में लगाकर सैकड़ों RPFजवानों को कोरोना संक्रमित कराने वाले #DGRPF के विरुद्ध कार्रवाई कर सरकार कथनी/करनी का फर्क मिटाए
बांदीकुई ट्रेनिंगसेंटर की ट्रेनी हेतु 41Lअवैध कलेक्शन पर भी संज्ञान लिया जाए pic.twitter.com/5TTflISLdR
— kanafoosi.com (@kanafoosi) April 25, 2020
अनधिकृत चंदा उगाही की जांच हो
एक ट्रेनी महिला आरक्षक, जो अब तक बकायदा रेसुब की सदस्य भी नहीं बनी, के पति के इलाज के लिए करीब 42 लाख रुपए का चंदा, लॉकडाउन पीरियड से पहले घर गए और वहीं फंस गए ट्रेनीज को स्टाइपेंड न देने वाले डीजी/आरपीएफ की मौखिक सहमति/अनुमति पर आरपीएफ कर्मियों से अनधिकृत रूप से जमा किया गया। इस संदर्भ में पीसीएससी/उ.प.रे. द्वारा जारी की गई वॉट्सऐप पोस्ट निम्नवत है-
“Compassion for Vinitha
This WhatsApp group has been specially made for helping Vinitha Vijayan, Constable Trainee of SR, presently undergoing training at Bandikui. Her husband, who is around 30 years old, has kidney failure. Both his kidneys have failed and he urgently requires kidney transplantation. Though a donor has been found but the cost is around Rs.40 lakhs. The documents of her husband’s medical condition are attached.
This lady constable trainee is yet to join our Force as a member and hence cannot be helped through RSKN. It might be too late if she waits to get help from RSKN.
I appeal to all of you to generously donate to help save the life Vinitha’s husband so that he may lead a healthy and meaningful life. Your contribution will also go a long way instilling a sense of confidence and pride in the minds of the newly recruited members of our Force that their officers will look after the welfare of their families incase of any adversity.
I have spoken to DG Sir regarding this issue and he advised that an appeal may be made for Vinitha’s husband on a separate WhatsApp group. The contribution is purely voluntary and the money has to be transferred directly to Vinitha’s bank account.
I request all of you NOT TO make an appeal regarding this in any of your official WhatsApp group. A separate message may be sent down the line in this regard. The bank account details are as below-“
Above self explanatory WhatsApp post written by PCSC/NWR. The question is that why DG/RPF allowed all this for who is not yet become the member oof the Force? Is that there was no other way like MR, MoSR and CRB fund to help!
पूरा पैसा, बल्कि जरूरत से काफी ज्यादा, जमा होने के बाद संबंधित महिला ट्रेनी द्वारा पीसीएससी/उ.प.रे. को लिखा गया धन्यवाद पत्र!
Railways planning more special trains, waitlisting also permitted
The railways will start issuing limited waitlisted tickets from May 15 for the AC special trains being run between Delhi and 15 cities even as the government is working on plans to run more trains in the near future as part of its strategy to restore passenger services gradually.
The waitlisted tickets will be issued for travel dates starting from May 22 onwards on these trains.
“Waitlisted tickets will be issued from May 15. But only those with ‘confirmed’ status till the chart is prepared will be allowed to travel,” said a railway ministry official.
Sources said there will be full refund if a passenger is not allowed to board due to Covid-19 symptoms.
Meanwhile, Rail Bhavan was sealed for two days, 14th & 15th May, for sanitisation after a orderly of DGRPF tested positive.
Justifying the decision to issue waitlisted tickets for the special trains, a ministry official said there were instances of some passengers cancelling tickets at the last moment.
Special trains have no sleeper class coaches
A circular issued by the ministry said, It has been decided that in these special trains and special trains to be notified in due course of time, there shall be no RAC (reservation against cancellation) and waitlisted tickets shall be issued subject to a maximum limit of 200 for sleeper class, 100 each for AC chair car and 3AC, 50 for 2AC.