महीनों से लंबित भुगतान न मिलने और भारी प्रताड़ना से तंग आकर रेलवे ठेकेदार ने की आत्महत्या
आईआरआईपीए ने ठेकेदार की आत्महत्या के लिए डिप्टी सीई/सी/द.म.रे. एस. के. शर्मा को जिम्मेदार ठहराया
6 मार्च को पूरी भारतीय रेल के कांट्रेक्टर नहीं करेंगे रेलवे का कोई काम, ‘भुगतान नहीं – तो काम नहीं’ का लगाया नारा
इंडियन रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर्स एसोसिएशन ने 2 मार्च को चेयरमैन, रेलवे बोर्ड को एक पत्र लिखकर रेलवे कांट्रेक्टर डी वेंकट रेड्डी की आत्महत्या के लिए दक्षिण मध्य रेलवे, सिकंदराबाद के डिप्टी सीई/सी एस के शर्मा को जिम्मेदार ठहराते हुए रेड्डी को प्रताड़ित करने और महीनों से उसका भुगतान नहीं करने का आरोप लगाया है। इस मौके पर हुई रेलवे ठेकेदारों की एक बैठक में 6 मार्च को देश भर में ठेकेदारों द्वारा रेलवे का काम बंद करने का निर्णय भी लिया गया।
“अत्यंत खेद और भारी दुःख का विषय है कि विषम आर्थिक परिस्थितियों के चलते रेलवे विभाग में काम करने वाले हमारे एक ठेकेदार साथी वेंकट रेड्डी को आत्महत्या जैसा आत्मघाती कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ा है।” यह कहना है रेलवे कांट्रेक्टर वेंकट रेड्डी की आत्महत्या के बाद इंडियन रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर्स एसोसिएशन (आईआरआईपीए) के अध्यक्ष बाल किशन शर्मा और महासचिव राजेश कुमार मेघनानी द्वारा चेयरमैन, रेलवे बोर्ड को भेजे गए पत्र में।
उन्होंने पत्र में लिखा है कि अपने खून पसीने की कमाई लगाकर और दिन-रात एक करके कड़ी मेहनत कर रेलवे ठेकेदारों द्वारा सरकारी/रेलवे ठेकों को निर्धारित गुणवत्ता और समयानुसार पूरा किया जाता है और तब कहीं जाकर किए गए कार्यों के सापेक्ष उन्हें अपना और अपने सहयोगी मजदूरों का पेट पालने तथा सप्लायर्स की रोजी-रोटी चलाने के लिए शासकीय विभागों से भुगतान प्राप्त हो पाता है। मगर शोषण की पराकाष्ठा तब हो जाती है, जब काम पूरा करने के कई-कई महीने बीतने के बाद भी रेलवे विभाग ठेकेदारों को भुगतान नहीं देता है।
उन्होंने लिखा है कि इसके बावजूद निरंतर काम जारी रखने के लिए विभाग द्वारा ठेकेदारों पर अनुचित दबाव बनाया जाता है, जिसके चलते ठेकेदारों पर लेबर और सप्लायर्स के भुगतान का दबाव लगातार बढ़ता चला जाता है। उस पर भी अनेक अधिकारियों द्वारा ठेकेदार को भुगतान मांगने पर विभिन्न तरीकों से प्रताड़ित किया जाता है।
पत्र में उन्होंने कहा है कि इन विषम परिस्थितियों में कोई भी सामान्य व्यक्ति टूट सकता है और उसकी सहनशक्ति जवाब दे जाती है। इसी का नतीजा विगत दिनों उत्तर प्रदेश में दो ठेकेदारों द्वारा की गई आत्महत्या की घटनाएं रही हैं और वर्तमान में शोषण की इन्हीं परिस्थितियों के चलते हमारे अभिन्न साथी और कर्मठ ठेकेदार डी वेंकट रेड्डी को यह आत्मघाती कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ा है।
उन्होंने लिखा है कि रेलवे जैसे देश के सबसे व्यापक शासकीय विभाग में ठेकेदारों को कई-कई महीनों तक भुगतान नहीं मिलना सरकार की घोर असफलता का परिचायक है।
बिल्डर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (बीएआई) की ओर से भी अपने सदस्य स्व. डी वेंकट रेड्डी के असामयिक निधन पर दुःख और संवेदना व्यक्त की गई है। “इस शोक और संकट की घड़ी में बीएआई का समस्त संगठन अपनी पूरी शक्ति के साथ इरिपा के साथ खड़ा है। हम बीएआई की ओर से विश्वास दिलाते हैं कि आपके द्वारा किए जाने वाले राष्ट्रव्यापी आंदोलन में हमारा पूर्ण सहयोग और समर्थन रहेगा।” इस श्रृद्धांजलि सभा में बीएआई की राष्ट्रीय संविधान संशोधन समिति के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ सदस्य मैनेजमेंट कमेटी संजय त्यागी ने यह बात कही।
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