केंद्रीय बजट ने सरकारी कर्मचारियों को एक बार फिर निराश किया

23 जुलाई को संसद में प्रस्तुत केंद्रीय बजट पर रेलवे के कुछ कर्मचारियों की प्रतिक्रिया प्राप्त हुई है। उन्होंने एक स्वर में कहा कि केंद्रीय बजट ने एक बार फिर सरकारी कर्मचारियों को निराश किया है। प्रस्तुत हैं उनकी कुछ प्रतिक्रियाएँ-

NPS का नाम तो वित्तमंत्री महोदया ने अपने बजट भाषण में लिया, लेकिन फिर यह कहकर कर्मचारियों को निराश किया कि NPS में जरूरी सुधार जारी रहेंगे।

#Episode39: बजट से निराश सरकारी कर्मचारी!

वित्तमंत्री ने नेशनल कॉउंसिल-जेसीएम का आभार व्यक्त किया कि उन्होंने बहुत पॉजिटिव दायित्व का निर्वहन किया।

सरकार और एनसी-जेसीएम के बीच क्या बातचीत हुई, कोई नहीं जानता। लेकिन सभी जानते है कि रेलवे के दोनों लेबर फेडरेशनों का #NCJCM में आधिपत्य है।

संभवतः अब तक के किसी वित्तमंत्री ने इन संगठनों के प्रति इस प्रकार आभार व्यक्त नहीं किया होगा।

बजट प्रस्तुत करते समय सरकार अपना निर्णय स्प्ष्ट करती है, लेकिन वित्तमंत्री ने NPS पर निर्णय को भविष्य के गर्त में छोड़ दिया। यह वित्तमंत्री महोदया ने उचित नहीं किया।

हालाँकि सरकार इस पर संसद में पहले ही एक लिखित उत्तर में यह स्पष्ट कर चुकी है कि एनपीएस की जगह ओपीएस को लागू करने का फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं है।

“There is no proposal under consideration of Government of India for restoration of Old Pension Scheme (OPS) in respect of Central Government Employees”

बजट में आठवें वेतन आयोग के मामले को भी सरकार ने टाल दिया। इस पर सरकार संसद में एक लिखित प्रश्न के उत्तर में भी यही स्पष्ट कर चुकी है कि आठवें वेतन आयोग के गठन के किसी प्रस्ताव पर फिलहाल कोई विचार नहीं हो रहा है।

8th CPC : “No such proposal in under consideration of the Government, at present”

बजट में रोजगार के सम्बंध में घोषणा हुई, बड़ी कम्पनियों में इंटर्नशिप की घोषणा हुई, 6000 रुपये इंटर्नशिप के दौरान मिलेगा। लेकिन यह स्किल्स बढ़ाने का कदम है, लोगों को रोजगार मिले, यह बहुत अच्छी बात हो सकती है, मगर सरकार का ये कदम केवल निजी कंपनियों के लिए मजदूर पैदा करने वाला है, लेकिन सरकारी विभागों 20 लाख से अधिक जो रिक्त स्थान हैं, उनके बारे में सरकार ने चुप्पी साध ली है। यह उचित नहीं है।

करमुक्त आय की सीमा में कोई वृद्धि नहीं हुई, बचत पर कोई वृद्धि नहीं हुई, आयकर में कुछ छूट अवश्य मिली है। लेकिन 3 लाख से करमुक्त आय की सीमा 8 लाख नहीं, तो कम से कम पाँच लाख तक तो अवश्य की जानी चाहिए थी।

नेशनल कौंसिल के बारे में चर्चा करते हुए वे कहते हैं-

एक ग्रुप कहता है कि न्यूनतम पेंशन 10 हजार रुपये NPS के अंतर्गत सरकार देने को तैयार है। फेमली पेंशन 5000 रुपये देने की बात कर रहे हैं, जबकि अभी न्यूनतम फेमिली पेंशन NPS को 9000 रुपये मिल रही है। अर्थात् वर्तमान फेमिली पेंशन से चार हजार रुपये की कटौती होने जा रही है!

दूसरा ग्रुप यह घोषणा कर रहा है कि सरकार अंतिम वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन महंगाई राहत के साथ देने को #NPS के अंतर्गत देने को तैयार है, सही क्या है, कोई नहीं जानता। क्यों लोगों को गुमराह किया जा रहा है। सरकार और #NJCA को यह भ्रम दूर करना चाहिए।

#NJCA का एक ग्रुप ऐसा भी है जो NJCA और NPS कमेटी का बायकाट कर रहा है। NJCA के लोग 2004 से 2024 तक चुप्पी मारकर बैठे थे, कभी भी NPS को समाप्त करने या सुधार करने की बात नहीं की। लगभग 20 वर्ष बाद इन लोगों को इस लोकसभा चुनाव के पहले NPS के बारे में याद आया और घोषणा की कि हमें NPS में सुधार नहीं चाहिए, बल्कि पूरी तरह से पुरानी #OPS ही चाहिए और आज बात कर रहे है NPS में सुधार की।

रेलकर्मियों की मांग हमेशा से यही रही है कि हमें अंतिम वेतन का 50 प्रतिशत गारंटीड पेंशन चाहिए, साथ ही महंगाई राहत और वेतन आयोग के द्वारा संशोधन, तथा 80, 85, 90, 95, और 100 साल में वृद्धि की जाए। यही मांग 22 नबम्बर 2023 को रैली के बाद ज्ञापन देकर की गई थी। यही मांग बजट पूर्व वार्ता में वित्त मंत्री से की गई थी। केंद्रीय कर्मचारी आज भी इसी माँग पर अडिग हैं। इसी माँग पर सभी केंद्रीय कर्मचारियों को अडिग रहना चाहिए।