ट्रेनों में कैटरिंग की गुणवत्ता कैसे सुधरेगी?
खाद्य पदार्थों का हाल वंदेभारत में भी स्लीपर कोच जैसा हो गया है। रेल प्रशासन को चाहिए कि कैटरिंग का काम आईआरसीटीसी को नॉमिनेशन आधार पर नहीं, ओपन टेंडर के माध्यम से दिया जाए। आईआरसीटीसी भी अन्य कैटरिंग फर्मों की तरह ही ओपन टेंडर में भाग ले। इससे बड़ी होटल चेन इसमें आएँगी, जिससे खानपान की क्वांटिटी/क्वालिटी मेनटेन होगी।
कैसे सुधरेगी ट्रेनों में कैटरिंग की व्यवस्था!👇
इसके अलावा #कैटरिंग सर्विस में कमी पाए जाने पर हैवी पेनाल्टी आईआरसीटीसी पर लगाई जाए, न कि सब-कांट्रेक्टर पर! उसकी बैलेंसशीट में यह पेनाल्टी भी दिखाई देनी चाहिए। तब शेयर मार्केट में इसका भाव और प्रॉफिट मार्जिन भी देखा जाएगा।
टिकटिंग में आईआरसीटीसी को 30% कमीशन मिलता, जबकि #आईआरसीटीसी द्वारा सारा #संसाधन और #इंफ्रास्ट्रक्चर रेलवे का उपयोग किया जाता है। उसके पास स्वयं का कोई इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है। फिर किस बात का यह #कमीशन उसे मिलना चाहिए?
इसलिए कैटरिंग का ओपन टेंडर होना चाहिए। और टिकटिंग का बेस एयरवेज की तरह विविधीकृत किया जाए। टिकटिंग सॉफ्टवेयर फुल-प्रूफ होना चाहिए, जिससे उसमें कोई अनधिकृत व्यक्ति सेंध न लगा सके!
क्या आप जानते हैं कि-
अगर आपने #IRCTC की वेबसाइट से अपनी रेल यात्रा का ऑनलाइन वेटिंग #टिकट बुक किया है और वह टिकट कंफर्म नहीं हुआ, तो #रेलवे खुद उस टिकट को कैंसल कर देती है, और आपके द्वारा भुगतान की गई राशि का एक बड़ा हिस्सा सर्विस चार्ज के रूप में काट लिया जाता है।
उदाहरण के लिए यदि आपने ₹240 का वेटिंग टिकट लिया है, तो वह टिकट कंफर्म न होने पर रेलवे द्वारा आपको मात्र ₹180 वापस किए जाएँगे। अर्थात् रेलवे द्वारा प्रति वेटिंग टिकट ₹60 सर्विस चार्ज के रूप में काट लिए जाते हैं बिना कोई सर्विस दिए!
इसका मतलब यह हुआ कि बिना किसी सर्विस का फायदा पाए ही आपको सर्विस चार्ज चुकाना पड़ता है।
अब आप इसे रेलवे की लूट कहें या नागरिकों का राष्ट्र विकास में किया गया योगदान, लेकिन रेलवे को इससे प्रतिवर्ष हजारों करोड़ की कमाई हो रही है।
#इंदुभालतिवारी को एक #आरटीआई के जवाब में रेल मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार भारतीय रेल ने एक साल नौ महीने में #वेटिंग टिकटों के #कैंसलेशन से कुल ₹3872.36 करोड़ कमाए हैं। वित्त वर्ष 2022-23 में ₹2109.74 करोड़ और 2023-24 (दिसंबर 2023 तक) में ₹1762.62 करोड़ यानि कुल ₹3872.36 करोड़ कमाए हैं।