फिर शुरू हो गई जीएम इंस्पेक्शन होने के बाद नांदेड़ मंडल के चीफ कंट्रोलर की मनमानी

व्यक्तिगत स्वार्थ साधने में लगे चीफ कंट्रोलर/नांदेड़ जैसे कुछ रेलकर्मियों के कारण ही भारतीय रेल आज घाटे में चली गई है!

नांदेड़ : महाप्रबंधक, दक्षिण मध्य रेलवे द्वारा हाल ही में नांदेड़ मंडल का वार्षिक निरीक्षण किया गया। जीएम इंस्पेक्शन के तुरंत बाद नांदेड़ मंडल के चीफ कंट्रोलर पी. जी. अहिरे की मनमानी फिर शुरू हो गई है।

बताते हैं कि चीफ कंट्रोलर अहिरे ने अपने एक पुराने चहेते महबूब आलम को कंट्रोल ऑफिस में कथित रूप से पैसे लेकर बुला लिया है, जो कि हाल ही में नई विभागीय पदोन्नति से गुड्स गॉर्ड बनकर गया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार चीफ कंट्रोलर अहिरे ने उसको पहले ही प्रॉमिस किया था कि महाप्रबंधक के इंस्पेक्शन होने के बाद उसे कंट्रोल आफिस में बुला लेगा।

कई कर्मचारियों का कहना है कि यह गार्ड जब से रेलवे में पॉइंट्समैन बनकर भर्ती हुआ है, तब से लेकर अब तक सिर्फ कंट्रोल आफिस में ही काम कर रहा है, जो कि चीफ कंट्रोल का खास माना जाता है और उसके घर का सारा कामकाज यही करता है, क्योंकि चीफ कंट्रोलर एक पैर से हैंडीकैप है।

कर्मचारियों का कहना है कि चीफ कंट्रोलर अपने घर का सारा काम इसके अलावा अन्य पॉइंट्समैनों से भी करवाता है, जो कंट्रोल ऑफिस में अनधिकृत रूप से काम कर रहे हैं। उनका कहना है कि जो पॉइंट्समैन उसका कहना नहीं मानता, उसको वह सेक्शन में भेजने की धमकी देता है।

कर्मचारियों का कहना है कि अभी भी नांदेड़ मंडल में बिना गार्ड की कई माल गाड़ियां चल रही हैं, जो कि रेलवे सेफ्टी के सख्त खिलाफ है।

उनका यह भी कहना है कि इस गार्ड का पिछला रिकॉर्ड भी ठीक नहीं रहा है। यह पहले भी कई बार बिना बताए अथवा बिना पूर्व अनुमति लिए ही अनुपस्थित रहा है और उसकी इस अनुपस्थिति को भी इसी चीफ कंट्रोलर ने रेगुलराइज करवाया तथा कई बार तो बिना सीनियर डीओएम को बताए चीफ कंट्रोलर ने इस गार्ड को खुद ही उसे रेगुलराइज कर लिया।

कर्मचारियों का कहना है कि विजिलेंस टीम से इस गार्ड के मस्टर रोल की भी जांच करवाई जाए। जब से यह पॉइंट्समैन से कंट्रोल आफिस में कार्य कर रहा है, तब से लेकर अब तक इसने एक दिन भी फील्ड स्तर पर काम नहीं किया है।

कर्मचारियों ने बताया कि सबसे ज्यादा इसी की सिक लीव भी रही है। सुनने में यह भी आया है कि यह सेक्शन में पॉइंटमैन की ड्यूटी भी नहीं कर पाया और अब यह प्रॉपर गार्ड भी नही बन पा रहा है।

उनका कहना है कि यह गार्ड हाथ-पैर जोड़कर फिर से यहीं कंट्रोल आफिस में आ गया है। कर्मचारियों ने बताया कि चीफ कंट्रोलर ने किसी तरह सीनियर डीओएम को कन्विंस करके इसे कंट्रोल ऑफिस में काम करने के बहाने अपने घर का काम करवाने के लिए बुलाया है।

कर्मचारियों की मांग है कि रेल प्रशासन उक्त गार्ड के अब तक के संपूर्ण कामकाज की गहन विजिलेंस जांच कराई जाए और ऐसे कामचोरी करने वाले कर्मचारी सहित उसको अपने व्यक्तिगत स्वार्थ में अनावश्यक संरक्षण दे रहे चीफ कंट्रोलर को भी अविलंब घर भेजा जाए, क्योंकि ऐसे रेलकर्मियों की वजह से ही आज भारतीय रेल आर्थिक रूप से घाटे में चली गई है।