मंत्री जी! रेल में अगर थोड़ी सी नैतिकता और शुचिता बचाए रखनी है, तो कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करें!
अगर ऐसे लोगों को तुरंत नहीं हटाया गया तो ये भ्रष्ट और शातिर लोग रेलमंत्री के पद की ही बलि ले लेंगे। इतिहास में इसके उदाहरण भरे पड़े हैं, जिसमें रेलमंत्रियों को ही अपने पद से हाथ धोना पड़ा है!
माननीय रेलमंत्री जी,
भ्रष्टतम को प्रश्रय देने का यह शुरुआती परिणाम है। पूर्व मध्य रेलवे (ईसीआर) के पूर्व सीएओ/सी/एस और वर्तमान पीसीई को और छुपा-रुस्तम बगुला भगत कंबल ओढ़कर घी पीने वाले और तीन वरिष्ठ अधिकारियों की बलि चढ़ाने की आड़ में अपने को बचाने वाले तथा पूरी सर्विस में कोयले की दलाली करने वाले प्रिंसिपल चीफ ऑपरेशन मैनेजर (पीसीओएम) को तुरंत हटाने पर क्या रेलवे बोर्ड अर्थात रेल प्रशासन की तौहीन हो जाती? यह कहना है ईसीआर सहित अन्य जोनल रेलों के कई वरिष्ठ रेल अधिकारियों का!
उनका कहना है कि मालगाड़ी से शुरू हुआ यह दुर्घटना क्रम अभी और भी बड़ी त्रासदी में न बदले, इसके लिए ईसीआर में नए पदस्थापित अधिकारी के हाथ में तुरंत पीसीओएम की कमान सौंप दी जाए और पीसीई को भी ईसीआर से तुरंत हटाया जाए, अगर रेल में थोड़ी नैतिकता और शुचिता बचाए रखनी है तो!
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जानकारों ने यह भी कहा कि दो साल से ज्यादा एक ही पद पर पदस्थापित सभी एसएजी/एचएजी अधिकारियों को बिना अपवाद तुरंत दरबदर किया जाए और महत्वपूर्ण पद से कम महत्वपूर्ण पद पर वैकल्पिक पदस्थापना सुनिश्चित की जाए। महत्वपूर्ण पदों की अदला-बदली कर खानापूरी करने वाले वर्षों से एक ही जगह एक ही शहर में जमे अधिकारियों और संबंधित जीएम्स पर जब तक कठोर कार्रवाई नहीं होगी, तब तक कोई सुधरेगा नहीं!
DHN DIVN. Section (GMO-MPO), ECR NTCD/32633 LD=57 N/L+1 N/Empty + MT got derailed at GAP station limit by about 54 wagon at 06.24 hrs on Wed. 26.10.2022, REP- UP & DN MOVEMENT BLOCKED.
उन्होंने कहा कि चार-पांच दिन में चार बड़े डिरेलमेंट इस बात के गवाह हैं कि लापरवाही किस कदर नीचे तक पसरी हुई है। अगर ऐसे लोगों को तुरंत नहीं हटाया गया तो ये भ्रष्ट और शातिर लोग रेलमंत्री के पद की ही बलि ले लेंगे। इतिहास में इसके उदाहरण भरे पड़े हैं, जिसमें रेलमंत्रियों को ही अपने पद से हाथ धोना पड़ा है।
बिना किसी दबाव में आए 52 साल का क्राइटेरिया खत्म कर डीआरएम की अगली पोस्टिंग की जाए और कार्यरत सभी डीआरएम की परफॉर्मेंस ऑडिट कर खराब परफॉर्मेंस वालों को तुरंत चलता किया जाए तथा नए क्राइटेरिया से लाए गए अधिकारियों से डीआरएम के पदों को भरा जाए।
जीएम स्तर पर भी यही मापदंड लागू किया जाए, क्योंकि इनका मुख्य काम रेल ऑपरेशन नहीं, बल्कि हर त्यौहार होली दीवाली करवाचौथ आदि के बहाने वाजिद अली शाह बनकर रेलवे के समस्त संसाधनों और लोगों को नाच गान खान पान में लगा देना है और इन सबका भोग करना है। इनकी कार्यप्रणाली को जज करने या आंकने का एकमात्र क्राइटेरिया इनके द्वारा किया गया रेल का काम नहीं, बल्कि इन पार्टियों में सपत्नीक बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना और 52 साल की एकमात्र योग्यता के आधार पर डीआरएम/जीएम बने इन नए-नए नवाबों की और इनकी पत्नियों की चमचागीरी है।
माननीय रेलमंत्री जी, #Railwhispers और #RailSamachar का रेल अधिकारियों की तरह कोई व्यक्तिगत हित या हिडेन एजेंडा नहीं है। हमारे लिए प्रधानमंत्री की तरह रेल-हित और राष्ट्र-हित ही सर्वोपरि है। हजारों अधिकारियों और रेल परिवार से जुड़े लाखों लोगों की मनोभावना को आप तक पहुंचाने का और रेल-हित में राष्ट्र-हित में ही बिना किसी पूर्वाग्रह और बिना किसी भय के लिखना ही हमारा एकमात्र का ध्येय है।
मंत्री जी! आपको एक बार फिर चेताना चाहूँगा कि आपके इर्द-गिर्द और महत्वपूर्ण पदों पर 52 साल की एकमात्र योग्यता के आधार पर पहुंचे लोगों का कुछ भी स्टेक (दांव) पर नहीं है। अगर किसी का कुछ स्टेक पर है तो वह या तो आपका है, या इस देश की आम जनता का है!
ईश्वर न करे कि ऐसा कुछ हो, लेकिन अब अगर कोई दुर्घटना दुर्भाग्यवश भी होती है तो बहुत बड़ी जनहानि होगी, क्योंकि ट्रेनों की स्पीड अब पहले जैसी नहीं है। 100 से ऊपर के स्पीड पर हुई दुर्घटना की भयावहता बहुतों के कैरियर ही नहीं, जीवन पर भी विराम लगा देती है। और कई बार देश के बदलते राजनीतिक परिदृश्य में रेलवे की त्रासदी सत्ताधारी दल को हासिये पर ला खड़ा करती है।
मंत्री जी, इसलिए आप अपनी चिंता कीजिए, जनता की चिंता कीजिए और अपने यशस्वी प्रधानमंत्री मोदी जी की चिंता कीजिए, जिनकी सचमुच देश को आवश्यकता है।
सही टीम बनाएं, रेल-हित में कड़े और न्यायपूर्ण निर्णय लीजिए, रेल के बाबुओं से थोड़ी दूरी बनाकर रखिए, खान मार्केट गैंग (केएमजी) को रेल भवन से चलता करिए, और निर्भीक होकर आगे बढ़िए! ईश्वर आप पर सहाय हों! क्रमशः जारी..
प्रस्तुति: सुरेश त्रिपाठी
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